अपनी किताब ‘इमरजेंसी की इनसाइड स्टोरी’ में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर एक किस्से का जिक्र करते हैं. 11 जनवरी 1976 की बात है. इंदिरा सरकार में रक्षा मंत्री बंसी लाल, नौसेना के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने बंबई पहुंचते हैं. बंसी लाल और संजय गांधी की दोस्ती जगजाहिर थी. इसलिए संजय भी साथ में पहुंचे. बंसीलाल के रहने के लिए एक सुइट का इंतज़ाम किया गया था. जबकि संजय को एक डबल बेड रूम दिया गया. बंसीलाल ने अपना सुइट संजय को दे दिया और खुद उनके कमरे में सोए. अगली सुबह बंसीलाल ने ये बात नौसेना प्रमुख, एस एन कोहली को बताई. उस समय तो कुछ नहीं हुआ. लेकिन शाम को खाने की टेबल पर बंसीलाल ने हंगामा खड़ा कर दिया. अबकी बार वजह दूसरी थी. खाने की टेबल पर राष्ट्रपति और उनकी पत्नी, राज्यपाल और उनकी पत्नी, बंसी लाल और उनकी पत्नी तथा दो फ्लैग अफसरों के बैठने की जगह थी. यहां तक कि सेना प्रमुख भी दूसरी टेबल पर बैठे हुए थे. अचानक बंसीलाल ने जिद पकड़ ली. वो चाहते थे कि संजय को भी उनकी टेबल पर बिठाया जाए. कोहली ने उनसे कहा, ये प्रोटोकॉल के खिलाफ है. देखिए वीडियो.