भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का पिछले दिनों देहांत हो गया. 3 जून 1930 को मैंगलोर में पैदा हुए जॉर्ज को 16 साल की उम्र में कैथलिक पादरी बनने के लिए बैंगलोर की सेमिनरी में भेजा गया. यहां वो दो साल तक रहे और मुल्क आजाद होने के साथ ही वो भी इस धार्मिक संस्थान से भाग निकले. जॉर्ज 60 के दशक में बॉम्बे की टैक्सी यूनियन के सबसे बड़े नेता बन कर उभरे. आपातकाल के दौरान जॉर्ज नौजवानों के मन में प्रतिरोध का सबसे बड़ा प्रतीक बन गए थे. मजदूर बस्तियों से अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने वाले जॉर्ज का बेड़ा लुटियंस दिल्ली में पहुंचा. कहानी की इस कड़ी में उनके शुरूआती यात्रा के बारे में बात करेंगे सौरभ द्विवेदी.