कहानी नानाजी देशमुख की. जिन्होंने पहला सरस्वती शिशु मंदिर खोला. और 60 की एज में पॉलिटिक्स से रिटायरमेंट ले लिया. जबकि उनका सियासी क़द अटल और आडवाणी के बराबर का था.