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सिंधिया, नीरव मोदी और राणा कपूर के चलते मुबंई की यह बिल्डिंग क्यों खबरों में आ गई

इस बिल्डिंग का नाम समुद्र महल है.

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मुंबई की समुद्र महल बिल्डिंग राणा कपूर, नीरव मोदी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से चर्चा मे हैं.
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11 मार्च 2020 (Updated: 11 मार्च 2020, 04:55 PM IST) कॉमेंट्स
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नीरव मोदी. राणा कपूर. ज्योतिरादित्य सिंधिया. ये तीन नाम सुर्खियों में बने हुए हैं, एक सप्ताह से. ED यानी प्रवर्तन निदेशालय 10 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी नीरव मोदी की संपत्ति बेच रही है. राणा कपूर पैसों की गड़बड़ी के चलते ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं.  इन तीनों के चलते मुंबई की एक बिल्डिंग भी खबरों में आ गई है. इसका नाम है समुद्र महल. यह मुबंई के पॉश इलाके वर्ली में है. इस बिल्डिंग में सिंधिया परिवार का अपार्टमेंट है. इसे उन्होंने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को किराए पर दे रखा है.
वहीं नीरव मोदी के समुद्र महल बिल्डिंग में चार अपार्टमेंट थे. इन्हें ईडी ने कब्जे में ले लिया. इन अपार्टमेंट्स में एमएफ हुसैन, अमृता शेरगिल, केके हेब्बर जैसे दिग्गज पेंटर्स की पेंटिंग्स सजावट के रूप में लगी थी. ईडी इन पेंटिंग्स की भी नीलामी कर रही है. दिलचस्प बात यह भी है कि कभी राणा कपूर और भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी इस बिल्डिंग में पड़ोसी हुआ करते थे.
अब जानते हैं समुद्र महल के इतिहास के बारे में -
कभी सिंधिया घराने का बंगला था समुद्र महल
30 मंजिला इस बिल्डिंग की जगह कभी ग्वालियर के सिंधिया घराने का बंगला हुआ करता था. बंबई उस समय भी आर्थिक कामकाज का मुख्य केंद्र हुआ करता था. ऐसे में कई राजे-रजवाड़ों के ठिकाने बंबई में हुआ करते थे. ग्वालियर के महाराज ने भी यहां अपना बंगला बनवाया था. 20वीं सदी की शुरुआत में. 20 एकड़ में बना यह बंगला ठीक समंदर के सामने था, इसलिए समुद्र महल कहलाया.
समुद्र महल बंगला करीब 20 एकड़ में बना था. (Photo: Mumbai Heritage)
समुद्र महल बंगला करीब 20 एकड़ में बना था. (Photo: Mumbai Heritage)

1960 के दशक में बेचा गया था समुद्र महल बंगला
आजादी के बाद बंगले को लेकर कई विवाद हुए. कई नेताओं ने इसे तोड़कर यहां पर गरीबों के घर बनाने का प्रस्ताव रखा. इन सबको देखते हुए राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने इसे बेचने का फैसला किया. 1960 के दशक में सिंधिया घराने ने इसे नागपुर के बाबूराव धनवते, निपाणी के देवचंद शाह और जबलपुर के मनोहरभाई पटेल को बेचा था. फिर यहां पर 27-27 मंजिल की ए और बी विंग वाली बिल्डिंग बनाई गई. बिल्डिंग में सिंधिया परिवार को भी हिस्सा मिला. ए विंग में सिंधिया परिवार का डुप्लेक्स और छत है.
समुद्र महल बिल्डिंग में देश के कई बड़े उद्योगपतियों के अपार्टमेंट हैं.
समुद्र महल बिल्डिंग में देश के कई बड़े उद्योगपतियों के अपार्टमेंट हैं.

1990 के बाद बढ़ी इस बिल्डिंग की डिमांड
1970 के दशक में जब समुद्र महल तैयार हुआ तब यह इतनी डिमांड में नहीं था. क्योंकि उस समय वर्ली को लेकर दिलचस्पी कम थी. उस समय वार्डन रोड और नेपियन सी रोड इलाके बड़े लोगों के ठिकाने हुआ करते थे. 1990 के बाद वर्ली की किस्मत पलटी. इसके साथ ही समुद्र महल भी डिमांड में आ गया.
इस बिल्डिंग में कई बड़े-बड़े नाम रहते हैं. जैसे-
प्रतीक अग्रवाल (वेदांता ग्रुप) रामदेव अग्रवाल (मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ते जॉइंट एमडी) नंदन नीलेकणी (इंफोसिस के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन) एके रूंगटा (फेमस स्टूडियोज) सिद्धार्थ योग (द एक्सेंडर ग्रुप) जंबो ग्रुप के मनु छाबड़िया और किंगफिशर के मालिक विजय माल्या भी इसमें रहा करते थे. टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, आईटीसी, एलएंडटी जैसी कंपनियों के आला अधिकारियों के अपार्टमेंट भी समुद्र महल बिल्डिंग में हैं.
लाखों रुपये किराया और करोड़ों में कीमत
समुद्र महल बिल्डिंग में 3 बीएचके, डुप्लेक्स और ट्रिप्लेक्स अपार्टमेंट हैं. इस बिल्डिंग में घर की कीमत 1.20 लाख रुपये प्रति स्कवायर फीट है. यानी 100 गज का घर करीब 11 करोड़ रुपये का पड़ता है. किराये से रहने के लिए भी लाखों रुपये खर्च करने पड़ेंगे. मुंबई मिरर के अनुसार, इस बिल्डिंग में 3 बीएचके फ्लैट का किराया करीब चार लाख रुपये प्रतिमाह है.


Video: होली के दिन कांग्रेस में भूचाल लाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूरी कहानी

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