कहां जाते हैं फिल्मों में हीरो-हीरोइन के पहने हुए कपड़े?
दोबारा पहने हुए भी कहीं नज़र नहीं आते!
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कहां गई माधुरी को वो हरी ड्रेस, ऐश्वर्या की कजरा रे कॉस्ट्यूम और मस्तानी का वो लहंगा?

'एक्शन रिप्ले' के एक सीन में ऐश्वर्या और 'हीरोइन' के दृश्य में करीना कपूर.
देखिए आमतौर पर जो रिवायत है, वो ये कि फिल्म खत्म होते ही उससे जुड़े सारे सामान पेटियों में बांधकर प्रोडक्शन हाउस पहुंचा दिए जाते हैं. इन पेटियों पर फिल्म का नाम लिखा होता है. फिर उसे किसी और फिल्म में 'मिक्स एंड मैच' प्रोसेस के तहत इस्तेमाल कर लिया जाता है. मतलब ये कि किसी ड्रेस को अलग-अलग टुकड़ों में इस्तेमाल किया जाता है. कभी किसी चोली को दूसरे घाघरे के साथ लगाकर यूज़ कर लिया, तो कभी घाघरे को अलग चोली के साथ. ये ड्रेस हालांकि लीड एक्टर्स को नहीं पहनाए जाते. एक्सट्रा वालों पर खपा दिए जाते हैं.
जैैसे अब यही गाना देख लीजिए:
मिड डे से बात करते हुए डिज़ाइनर आयशा खन्ना ने बताया कि फिल्म 'बंटी और बबली' के 'कजरा रे' गाने में जो ड्रेस ऐश्वर्या राय ने पहनी थी उसे 'दोबारा' इस्तेमाल किया गया. फिल्म 'बैंड बाजा बारात' के एक गाने में बैकग्राउंड डांसर के लिए. इसमें उसकी चोली को किसी और रंग के घाघरे के साथ मैनेज कर लिया गया. इससे उसे नोटिस भी नहीं किया जा सका.इस गाने में इस्तेमाल किया गया था वो कॉस्ट्यूम:
कई बार ऐसा भी होता है कि एक्टर पर्सनली डिजाइनर के साथ शॉपिंग पर जाते हैं. वो भले ही अपने पसंद का खरीद लें लेकिन आखिरकार कॉस्ट्यूम को जाना प्रोडक्शन हाउस की पेटी में ही है. कई बार वो लुक में अपनी पर्सनल वॉडरोब से भी कुछ चीज़ें जोड़ लेते हैं.
2011 में आई फिल्म 'बुड्ढा होगा तेरा बाप' में अमिताभ को स्टाइल करने का काम डिज़ाइनर लीपाक्षी एलावडी को दिया गया. लीपाक्षी ने मिड डे को बताया कि इस फिल्म की शॉपिंग के लिए अमिताभ खुद उनके साथ लंदन तक आए और जबरदस्त शॉपिंग हुई. पहले तो अमिताभ डर रहे थे कि इतने स्टाइलिश कपड़े वो अच्छे से कैरी कर भी पाएंगे कि नहीं. लेकिन उन्होंने वो सब आसानी से कर लिया. फिल्म खत्म हुई और कपड़े प्रोडक्शन हाउस को भेज दिए गए.

इस फिल्म में अमिताभ बिल्कुल बदले हुए अंदाज़ में नज़र आए थे.
अगर कोई स्टार फिल्म से जुड़ी याद के तौर पर कोई कपड़ा रखना चाहता है, तो उसे वो करने की इजाज़त होती है. लेकिन जब किसी फिल्म के लीड स्टार को सेलेब्रिटी डिज़ाइनर स्टाइल करता है, तो वो सारे कपड़े अपने साथ लेकर जाता है. ये सब फिल्म के प्रोडक्शन बजट में जुड़ा होता है. इस पर कोई जवाब-तलब नहीं होता.

अगर कोई बड़ा फैशन डिजाइनर एक्टर को स्टाइल करता है तो वो सारे कपड़े डिजाइन करने के साथ उसे अपने साथ लेकर भी जाता है. (सांकेतिक तस्वीर: फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के साथ दीपिका, सिद्धार्थ और करण जौहर)
कई बार बड़े सितारों के पहने हुए कपड़े नीलाम भी कर दिए जाते हैं. नीलामी से आई रकम जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए दान कर दिया जाता है. इसे ही अंग्रेजी में चैरिटी कहते हैं. लेकिन ये कुछ गिने-चुने मामलों में ही होता है.
टीवी के सीरियल में भी आजकल बहुत सारे डिज़ाइनर कपड़ों का इस्तेमाल होता है. मिड डे के साथ बात करते हुए टीवी प्रोड्यूसर राजन शाही ने बाताया कि वो किसी कपड़े के सप्लायर को अपने साथ जोड़ लेते हैं. फिर उससे हर मौके के हिसाब से कपड़े मंगवाते हैं. उसे इस्तेमाल करने के बाद वापस भिजवा दिया जाता है. इन सबके बीच इस ची़ज़ का खास ख्याल रखा जाता है कि कोई ड्रेस रिपीट ना हो. शादी वगैरह वाले सीन के लिए वो कपड़े का ऑर्डर थोड़ा जल्दी दे देते हैं.
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