TMC नेता दिनेश त्रिवेदी ने सांसदी छोड़ने से पहले ही BJP में जाने का संकेत दे दिया!
बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी को एक और सियासी झटका.
Advertisement

बंगाल चुनाव से ठीक पहले टीएमसी के बड़े नेता दिनेश त्रिवेदी ने संसद सत्र के बीच ही राज्यसभा से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. (फोटो राज्यसभा टीवी)
'मैं अपनी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे यहां भेजा. जिस प्रकार से राज्य में हिंसा हो रही है, मुझे यहां बैठे-बैठे बहुत अजीब महसूस कर रहा हूं. मुझसे ये देखा नहीं जा रहा है. हम करें तो क्या करें. मुझे भी घुटन महसूस हो रही है. मेरी आत्मा मुझसे कह रही है कि अगर तुम यहां बैठकर कुछ नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे देना चाहिए. मैं राज्यसभा से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं बंगाल के लोगों के लिए काम करता रहूंगा.'
दो दिन पहले ही मोदी का समर्थन किया था दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफा देते ही उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चा गरमा गई. त्रिवेदी ने 2 दिन पहले यानी 10 फरवरी को ही पीएम मोदी के एक ट्वीट को रीट्वीट किया था. उस ट्वीट में पीएम मोदी के लोकसभा में दिए गए भाषण का एक अंश है, जिसमें वह प्राइवेटाइजेशन पर जोर दे रहे थे. इसका समर्थन करते हुए दिनेश त्रिवेदी ने ट्वीट किया था,I am resigning from Rajya Sabha today. There is violence happening in my state. We cannot speak anything here: TMC Rajya Sabha MP Dinesh Trivedi pic.twitter.com/6xvEYtciwF
— ANI (@ANI) February 12, 2021
मैं व्यक्तिगत तौर पर इस बात से सहमत हूं. आगे का रास्ता यही है कि हम अपने युवाओं को इनोवेट करने और कुछ नया बनाने का रास्ता दें. इससे ही समृद्धि पैदा होगी. सरकार के पास टैक्स जमा करें और जॉब पैदा करें. इसके लिए हमारे सरकारी अधिकारियों (बाबुओं) को भी युवाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए.
I am personally in agreement with this. The way forward is to let our young talented mind innovate, create and distribute wealth. Pay Govt levies, create jobs. For that, our Govt officers (babus) too, need to encourage the youth . https://t.co/iyDIP6NR4D — Dinesh Trivedi (@DinTri) February 10, 2021बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिनेश त्रिवेदी के बीजेपी जॉइन करने के सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा,
सिर्फ दिनेश त्रिवेदी जी ही नहीं बल्कि जो भी ईमानदार काम करना चाहता है, वह तृणमूल कांग्रेस में नहीं रह सकता. अगर वह भारतीय जनता पार्टी जॉइन करना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे.
Not just Dinesh Trivedi ji, whoever wants to do honest work, cannot stay in Trinamool Congress. If he wants to join Bharatiya Janata Party, we will welcome him: BJP General Secy Kailash Vijayvargiya after TMC MP Dinesh Trivedi tenders his resignation in Rajya Sabha pic.twitter.com/YKf9HqvR1h — ANI (@ANI) February 12, 2021इससे पहले शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे कई मंत्री बंगाल में ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे की घोषणा भी ममता के लिए बड़ा झटका है. टीएमसी नेता सुखेंदु रॉय ने दिनेश त्रिवेदी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये (इस्तीफा) कोई मसला ही नहीं है. तृणमूल का मतलब होता है जमीन से जुड़ा हुआ. यह हमें इस बात का मौका देगा कि हम एक और जमीन से जुड़े हुए नेता को फिर से राज्यसभा भेजें. हम जल्दी ही ऐसा करेंगे. कभी ममता के भरोसेमंद थे दिनेश त्रिवेदी दिनेश त्रिवेदी पर ममता बनर्जी का कितना भरोसा था, ये इस बात से समझा जा सकता है कि जब 2011 में ममता बंगाल की सीएम बनीं तो केंद्र में रेल मंत्रालय दिनेश त्रिवेदी के जिम्मे कर गईं. गुजराती परिवार में जन्मे और कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने राजनीति में कदम रखा. वह साल 1980 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. लेकिन 1990 में जनता दल में चले गए. जब 1998 में ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी बनाई तो दिनेश त्रिवेदी उनके साथ हो गए. पार्टी के महासचिव बनाए गए. 2001 से 2006 के बीच दिनेश त्रिवेदी ने ममता का जबर्दस्त विश्वास हासिल किया. गौरतलब है कि ममता के राजनीतिक जीवन का ये सबसे बुरा दौर था. 2001 में ममता ने त्रिवेदी को राज्यसभा भेजा. साल 2006 में जब ममता बनर्जी सिंगूर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 26 दिन लंबी भूख हड़ताल पर बैठी थीं, तब भी त्रिवेदी उनके साथ खड़े रहे. दोनों के बीच उस समय दरार आ गई, जब दिनेश त्रिवेदी ने 2012 में रेल मंत्री रहते हुए रेल किराया बढ़ा दिया और जिम्मेदारी ममता बनर्जी पर डाल दी. इसके बाद ममता बनर्जी ने उन्हें सरकार से बर्खास्त की सिफारिश कर दी.