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तारीख: 1989 के भागलपुर दंगे जिनके बाद एक मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा देना पड़ गया था

ये कहानी है 1989 भागलपुर दंगों की. जिसे 1984 दिल्ली दंगों और 1992 मुम्बई दंगों की बीच कहीं भुला दिया गया.

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12 जुलाई 2022
Updated: 12 जुलाई 2022 08:50 IST
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बिहार में गंगा के दक्षि़णी तट पर बसा है भागलपुर शहर. इसी नाम का जिला भी है और डिवीजन भी. सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है और भारत सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा भी है. गेहूं, चावल, ज्वार, और बाजरे की खूब उपजाऊ जमीन है यहां. माना जाता है कि महाभारत की कहानी में कर्ण को दुर्योधन ने जिस अंग प्रदेश का राजा बनाया था, वो भी भागलपुर में ही पड़ता है.

इसी शहर में साल 1989, अक्टूबर महीने की 24 तारीख की बात है. 29 साल की जमीला बीवी आंगन में झाड़ू कटका कर रही थी. घर के अंदर एक तीन साल की बेटी और 2 साल का बेटा था. जमीला के शौहर मुहम्मद मुर्तजा कुछ काम से बाहर गए थे. 10 बजे के आसपास मुर्तज़ा लौटे. भागे-भागे आए थे. माथे पर शिकन और चेहरे पर पसीना. जमीला के कुछ कहने से पहले ही मुर्तज़ा बोले, “दंगे हो गए हैं, बच्चों को पकड़ो और भागो.” देखिए वीडियो. 

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