The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Rishi Sunak orders investigation into Nadhim Zahawi tax row

क्या ऋषि सुनक की गद्दी जाने वाली है?

कंज़र्वेटिव पार्टी के चीफ़ पर लगे टैक्स चोरी के आरोप.

Advertisement
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक
pic
साजिद खान
24 जनवरी 2023 (Updated: 24 जनवरी 2023, 08:37 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एक देश की सत्ताधारी पार्टी के मुखिया के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए गए हैं. और ये आदेश देने वाला उस देश का प्रधानमंत्री है. हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन की. कंज़र्वेटिव पार्टी के चीफ़ हैं नदीम ज़हावी. उनके ख़िलाफ़ टैक्स की हेराफेरी के आरोप लगे हैं. इसपर उनकी ही पार्टी के नेता और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जांच के आदेश दिए हैं. आदेश के बाद राजनितिक हल्कों में इसकी तारीफ़ हो रही है. और विपक्ष उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहा है.

तो आइए जानते हैं कि नदीम ज़हावी ने टैक्स की क्या हेरा-फेरी की है. 

और वो कैसे कंजर्वेटिव पार्टी के मुखिया बने.

ब्रिटेन वो मुल्क है जहां सत्तारूढ़ पार्टी के मुखिया नदीम ज़हावी टैक्स घोटाले के आरोपों से घिर चुके है. और ख़ुद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी ही पार्टी के मुखिया के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश दे दिए हैं. लोग ऋषि सुनक की तारीफ़ कर रहे हैं. विपक्ष उनसे इस्तीफ़ा माँग रहा है.

इराक़ में पैदा हुए नदीम ज़हावी कैसे कंज़रवेटिव पार्टी के शीर्ष तक पहुँचे ये कहानी दिलचस्प है. वो 11 साल की उम्र में इराक़ से अपने मां-बाप के साथ ब्रिटेन आकर बस गए थे. राजनीति में आने से पहले उनकी पहचान एक आन्त्रप्नोर (entrepreneur) की थी. ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2000 में उन्होंने yougov नाम की कंपनी बनाई थी. वो इसके को-फाउंडर थे. Yougov एक डाटा एनलिस्ट फर्म है. और इसी वजह से वो आज सुर्खियों में बने हुए हैं. साल 2010 में उनकी एंट्री राजनीति में हुई. इसके बाद से कंपनी में उनकी रूचि कम होती चली गई. 

नदीम ज़हावी कंज़रवेटिव पार्टी के मुखिया (AFP)

कट टू साल 2022. जुलाई के महीने में नदीम पर पहली बार टैक्स कि हेराफेरी के आरोप लगे. कहा गया कि कपंनी के को-फाउंडर होने के बावजूद उन्होंने कभी भी फाउंडर शेयर जारी नहीं किए. बल्कि उन्होंने ये फाउंडर शेयर अपने मां-बाप के ट्रस्ट के ज़रिये लिए ताकि भारी टैक्स से बचा जा सके. अब ये फाउंडर शेयर क्या होता है. फ़र्ज़ कीजिए कि आपने ‘A’ नाम की कपंनी बनाई. इस कंपनी में बतौर मालिक आपके जो शेयर होंगे वो फाउंडर शेयर कहलाएंगे. नदीम ने इन्हीं शेयर्स को अपने मां-बाप के ट्रस्ट के ज़रिए दिखाया. ताकि टैक्स से बचा जा सके.

6 जुलाई 2022 को ब्रिटिश अखबार दी इंडीपेंडेंट ने ख़बर छापी कि नदीम ज़हावी की टैक्स से जुड़ी जांच नेशनल क्राइम ऐजंसी और HMRC कर रही है. उन्होंने इस ख़बर का खंडन किया. कहा कि ये मुझे बदनाम करने की साजिश है. गौरतलब है कि उस समय नदीम ब्रिटेन के पीएम पद के चुनाव में लगे हुए थे. लेकिन 13 जुलाई को वो उस रेस से बाहर हो गए. लिज़ ट्रस ब्रिटेन की पीएम चुनी गई. जब नदीम हारे तो एक बार उनपर जांच की तलवार फिर लटकने लगी. लेकिन 3 महीने बाद ही ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए पीएम बने और नदीम को कंजर्वेटिव पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. अध्यक्ष बनने के बाद लगा कि शायद वो जांच के दायरे से बाहर हो जाएं और ये मुद्दा कहीं दफ्न हो जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बल्कि विपक्ष उनपर और हावी हो गया. लेबर पार्टी के कई सांसदों ने उनके इस्तीफे की मांग की. इसी बीच 15 जनवरी को ब्रिटिश अखबार द सन ने दावा किया कि नदीम ने HMRC  यानी His Majesty’s Revenue and Customs को करोड़ों रुपए का टैक्स देकर मामले का निपटारा कर लिया है. 

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक 

नदीम ने उस वक्त भी इन आरोपों ने इनकार किया. उनपर लग रहे आरोपों की आंच अब ब्रिटेन की सरकार पर भी आने लगी. ससंद में ऋषि सुनक से इस मामले में जवाब तलब किया गया. लेकिन ऋषि बार-बार कहते रहे कि नदीम ने इस विषय पर अपनी बात रख दी है जो कि सही है. फिर 20 जनवरी को ब्रिटश अखबार गार्डियन ने ख़बर छापी कि नदीम ने अपने टैक्स का निपटारा और मामले को रफा-दफा करने के लिए HMRC को जुर्माना भर दिया है. जब इस रिपोर्ट पर नदीम के प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या वाक़ई नदीम ने जुर्माना भरा है तो इसपर उनका कोई जवाब नहीं आया. इससे मामले में गड़बड़ी का संदेह और बढ़ गया. हालांकि उनके प्रवक्ता ने ये ज़रूर कहा कि नदीम का टैक्स पूरी तरह से डिक्लेयर था और उसकी भरपाई ब्रिटेन में कर दी गई है.

गार्डियन की रिपोर्ट छपने के ठीक एक दिन बाद नदीम ने खुद स्टेटमेंट जारी किया और कहा कि - 

‘टैक्स मसले में कुछ समस्या आ गई थी. ये लापरवाही है लेकिन जानबूझकर नहीं किया. HMRC ने ये बात कबूली है.’

नदीम के स्टेटमेंट के बाद लेबर पार्टी हावी हो गई है. उनके पार्टी अध्यक्ष से हटाए जाने की मांग की जा रही है. मामले में ताज़ा अपडेट ये है कि ऋषि सुनक ने खुद नदीम के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं. नदीम ने HMRC को कुल कितने रुपयों का भुगतान किया है इसकी कोई स्पष्ट जानकरी नहीं आ पाई है लेकिन BBC ने सूत्रों के हवाले से ये रकम करीब पचास लाख पाउण्ड्स या 50 करोड़ रुपए से ज़्यादा बताई है. विपक्ष का सवाल कि पार्टी में बड़ी जिम्मेदारियों में रहते हुए नदीम ने टैक्स की हेराफेरी की है. इसके लिए उन्हें तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. क्या इससे ऋषि सुनक की गद्दी को खतरा पैदा हो सकता है? ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

वीडियो: दुनियादारी: NATO की मेंबरशिप चाहता है स्वीडन, तुर्की अड़ंगा क्यों लगा रहा?

Advertisement