The Lallantop
Advertisement

मठ के भरोसे रहा मुख्यमंत्री जब हारा: Ep 35

पॉलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में जानिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे त्रिभुवन नारायण सिंह के बारे में. जानिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने से पहले त्रिभुवन नारायण सिंह का राजनैतिक सफर कैसा था. जानिए गांधीवादी नेता त्रिभुवन नारायण सिंह किन परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. साथ ही एपिसोड में सुनिए की कब त्रिभुवन नारायण सिंह ने राम मनोहर लोहिया को चुनाव में हराया और इस हार का बदला राम मनोहर के किस चेले ने त्रिभुवन नारायण सिंह चुनाव में हरा कर चुकाया. जानिए एपिसोड में की 1970 में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद क्यों सवाल उठे त्रिभुवन नारायण की निष्ठा पर.

Advertisement
pic
गर्वित श्रीवास्तव
9 मई 2023 (Published: 06:09 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पॉलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में बात हो रही है त्रिभुवन नारायण सिंह के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने और उसके बाद के उपचुनाव में हार की. राष्ट्रपति शासन के दौरान कांग्रेस, स्वतन्त्र पार्टी और भारतीय क्रांति दल और जनसंघ एक साथ आकर एक नए मोर्चे की शुरुआत करते हैं जिसका नाम होता है संयुक्त विकास दल, बाद में इन्ही के मुख्यमंत्री बने त्रिभुवन नारायण सिंह जिन्होंने 18 अक्टूबर 1970 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

एपिसोड में जानिए झाँसी के कौन से जनसंघ कार्यकर्ता की सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद किस तरह से त्रिभुवन नारायण सिंह को विधानसभा या विधान परिषद् का सदस्यता के लिए मुख्यमंत्री होने के बावजूद उप चुनाव में उतरना पड़ा. 
महंत अवैद्यनाथ ने क्यों त्रिभुवन नारायण सिंह को मणिराम विधानसभा के उप चुनाव लड़ने का न्योता दिया. मगर कोंग्रेसी रवायतों को याद कर क्यों त्रिभुवन नारायण सिंह कभी उप चुनाव के प्रचार में नहीं गए और इसका नतीजा क्या रहा. इस किस्से को सुनाते हुए बीच में सौरभ प्रकाश सिंह बादल के अरुण जेटली को अमृतसर से परचा भरने के न्योते को भी याद कर रहे हैं. 

Advertisement