कैसे एक महिला IAS ने 20 साल से अस्तित्व खो रही नदी को फिर से जीवित कर दिया
पीएम मोदी ने 'मन की बात' में जालौन की नून नदी को पुनर्जीवित करने के काम की तारीफ की थी
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जालौन की डीएम प्रियंका निरंजन (बाएं) सूख चुकी नदी को फिर से जीवित करने के लिए योददान देते लोग (दाएं) पुर्नजीवित होने के बाद नदी का नजारा
"जालौन में एक पारंपरिक नदी थी. नून नदी. नून नदी यहां के किसानों के लिए पानी का प्रमुख स्त्रोत हुआ करती थी. लेकिन धीरे-धीरे नून नदी लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई. जो थोड़ा बहुत अस्तित्व इस नदी का बचा था, उसमें वो नाले में तब्दील हो रही थी. इससे किसानों के लिए सिंचाई का भी संकट खड़ा हो गया था. जालौन के लोगों ने इस स्थिति को बदलने का बेड़ा उठाया. इसी साल मार्च में इसके लिए एक कमेटी बनाई गई. हजारों ग्रामीण और स्थानीय लोग इससे जुड़े. यहां के पंचायतों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया और आज इतने कम समय में और बहुत कम लागत में ये नदी फिर से जीवित हो गई है. कितने ही किसानों को इसका फायदा हो रहा है. युद्ध के मैदान से अलग वीरता का ये उदाहरण देशवासियों के संकल्प शक्ति को दिखाता है और ये भी बताता है कि अगर हम ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है."पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में जालौन की जिस नून नदी का जिक्र किया, वह लगभग 20 सालों से धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो रही थी, लेकिन बीते मार्च में इसे पुनर्जीवित करने का बेड़ा उठाया, यहां की डीएम प्रियंका निरंजन ने. प्रियंका निरंजन इससे पहले यूपी के ही मिर्जापुर में CDO रह चुकी हैं. मिर्जापुर में उन्होंने कर्णावती नदी को पुर्नजीवित करने में मुख्य भूमिका निभाई थी. गंगा की सहायक नदी कर्णावती को पुनर्जीवित करने को लेकर प्रियंका निरंजन के प्रयासों की सराहना पूरे देश में हुई थी. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से मिर्जापुर को नार्थ जोन में तीसरा पुरस्कार दिया गया था. यह पुरस्कार नदियों के पुनर्जीवन श्रेणी में दिया गया था. प्रियंका का मिर्जापुर का उनका अनुभव जालौन में काम आया. नून नदी को कैसे जीवित कर दिया नून नदी कैसे फिर से जीवित हो उठी ये जानने के लिए हमने जौलान की डीएम प्रियंका निरंजन से बात की. हमने उनसे पूछा कि इतने कम समय में इतना बड़ा काम कैसे हुआ. उन्होंने बताया,
"मैंने यहां फरवरी माह में जॉइन किया था. जब पीएम का 'कैच द रेन' अभियान शुरू हुआ तो हमारी टीम ने भी अपने जनपद में अभिनव प्रयोग करने पर विचार किया. हमने इसपर फोकस किया कि ऐसे कौन से ट्रेडिशनल वॉटर रिसोर्से हैं जो खत्म हो रहे हैं और जिन्हें फिर से रिस्टोर करने की जरूरत है. हमने फिर इसी दिशा में काम शुरू किया. हमने पाया कि जो नून नदी थी, हमारे जिले में परंपरागत जलस्त्रोत थी. लेकिन वो अपना अस्तित्व खो चुकी थी, या तो छोटे-छोटे गढ्ढों में या नाले में तब्दील हो चुकी थी. इस प्रोजेक्ट को हमारी जनपद की टीम ने लिया और काम शुरू किया."डीएम प्रियंका निरंजन ने दी लल्लनटॉप को आगे बताया,
"47 ग्राम पंचायतों और 5 ब्लॉक से होकर ये नदी बहती है. लगभग 87 किलोमीटर की लंबाई में ये नदी बहती है. हमने सर्वे कराया. इससे पहले जब मैं मिर्जापुर में CDO थी तो वहां पर भी हमने कर्णावती नदी को पुर्नजीवित करने पर काम किया था. मिर्जापुर को नेशनल वॉटर प्राइज (थर्ड) मिला था. उसका अनुभव था, उसी अनुभव का प्रयोग करते हुए हमने 47 ग्राम पंचायतों में मनरेगा की आईडी बनवाई. सिंचाई विभाग से एस्टिमेट बनवाया ताकि जो तकनीकी सहयोग हो वो सिंचाई विभाग का हो. इसमें काम ग्राम पंचायतों ने किया. जहां हम मनरेगा से काम नहीं कर सकते थे, वहां हमने जनसहभागिता से सहयोग लिया."

उन्होंने बताया कि नदी का कुछ भाग सिंचाई विभाग के अंर्तगत था, वहां सिंचाई विभाग ने काम किया. अलग-अलग एजेंसियों ने अपने-अपने काम को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर काम किया तो कम समय में एक अच्छा रिजल्ट लाने में सफल हो पाए, क्योंकि हमारा प्रयास था बरसात से पहले अगर काम खत्म कर पाएंगे तभी इसका लाभ ले पाएंगे. बरसात से पहले अगर काम खत्म नहीं होता तो बरसात के जल को जो संरक्षण करने का हमारा जो उद्देश्य था वह पूरा नहीं हो पाता.

प्रियंका निरंजन ने आगे बताया कि कि जनपद में नून नदी के अलावा भी बहुत सारे काम किए गए हैं. लेकिन अगर हम केवल नून नदी की बात करें तो इससे लगभग 15351 किसानों को लाभ होगा. 278 हेक्टेयर जमीन को सिंचित कर पाने में सफलता मिलेगी. इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों को पेयजल की या अन्य उपयोग के लिए जो जल की उपलब्धता है, वो बनी रहेगी. और स्थानीय हैंडपंप या कुओं में भी जलस्तर बेहतर बना रहेगा. CM योगी भी कर चुके हैं तारीफ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी 2013 बैच की IAS अधिकारी प्रियंका निरंजन की तारीफ कर चुके हैं. विलुप्त होती नून नदी के जीर्णोद्धार की बात यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंची, तो उन्होंने तारीफ करते हुए कहा था कि जालौन की डीएम अच्छा काम कर रही हैं.
डीएम ने दी लल्लनटॉप को बताया कि जालौन में कंवर्जन के माध्यम से बहुत से काम हुए हैं. लगभग 700 स्कूलों में बाउंड्री वॉल बनवाई गई है. बाउंड्री वॉल नहीं होने से बच्चों को दिक्कत होती थी. वो माहौल नहीं मिल पाता था. उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक और प्रोजेक्ट शुरू किया है. जनपद के लगभग 150 स्कूलों में खेल के मैदानों का विकास किया जा रहा है. उम्मीद है कि हम एक महीने में इसे पूरा कर लेंगे और हमारे जनपद के गांवों को 150 खेल के मैदान खेलने के लिए मिलेंगे.
प्रियंका निरंजन के पति एक IPS अधिकारी हैं. प्रियंका जब मुजफ्फरनगर जिले में ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट थीं, तब उन्होंने वहां के सरकारी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था. उनके इस फैसले की जमकर तारीफ हुई थी. सरकारी अस्पताल में बेटी को जन्म देकर उन्होंने ये संदेश देने की कोशिश की थी कि सरकारी अस्पतालों में भी पर्याप्त सुविधाएं हैं.