क्यों प्रकाश राज नरेंद्र मोदी और अमित शाह को हिंदू नहीं मानते
फ़िल्मी परदे पर विलेन दिखने वाले इस शख्स ने असल जिंदगी में बड़े कायदे की बात कही है
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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के दौरान अपनी बात रखते प्रकाश राज
1540 में मालिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत लिखा था. वो सामंती दौर था. 'अभिव्यक्ति की आजादी' जैसा शब्द उस समय के शब्दकोष में भी नहीं था. आज भारत में लोकतंत्र है और 'अभिव्यक्ति की आजादी' महज शब्दकोष का एक शब्द नहीं बल्कि संविधान में दिया गया अधिकार है. देश की सबसे बड़ी अदालत कह रही है कि पद्मावत के प्रदर्शन को रोका नहीं जा सकता. करणी सेना कह रही है कि वो प्रदर्शन होने नहीं देगी. इस पूरी गुंडागर्दी के सामने बेबस राज्य सरकारें हैं जो कह रहीं है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करेंगी.
पद्मावती फिल्म में क्या दिखया गया यह अभी जानकारी से बाहर है. फिर भी हवा में लाठी भांजी जा रही है. यह किस दर्जे बेवकूफी है कि हम किताब पढ़ ही नहीं रहे बस उसके कवर पर मरने-मारने को तैयार हो गए हैं. बीबीसी को दिए इंटरव्यू में करणी सेना के अध्यक्ष लोकेंद्र कालवी कह रहें कि वो 25 अक्टूबर को सिनेमा हॉल में खून से लिखे पत्र भेजेंगे ताकि ऐतिहासिक तथ्यों से तोड़-मरोड़ ना की जा सके.
इस बीच एक कलाकार है जो जो बड़ी बेबाकी से अपनी बात रख रहा है. नाम है प्रकाश राज. फ़िल्मी परदे पर विलेन का किरदार निभाने यह शख्स असल जिंदगी का हीरो है. हैदराबाद में हो रहे इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में बोलते हुए प्रकाश राज ने साफ़-साफ़ शब्दों में कहा कि वो नरेंद्र मोदी और अमित शाह को 'हिन्दू' नहीं मानते. अपने बयान पर तर्क देते हुए प्रकाश राज ने कहा कि जब मोदी सरकार का कोई मंत्री किसी एक धर्म का पूरी तरह से सफाया करने की बात कहता है और प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के अध्यक्ष चुप रहते हैं तो उनके हिंदू होने पर सवाल उठाने को कैसे गलत ठहराया जा सकता है? इसके अलावा उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी पर हो रहे हमले पर भी बड़े संजीदा अंदाज में सवाल उठाए हैं. सुनिए उनका पूरा इंटरव्यू.
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