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कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7? वैक्सीन से बेअसर नहीं होता?

चीन में ये सब-वेरिएंट तबाही मचा रहा है. भारत में इसके एक मामले की पुष्टि हो चुकी है.

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चीन में कोरोना टेस्टिंग और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (फोटो - AFP/ANI)
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21 दिसंबर 2022 (Updated: 21 दिसंबर 2022, 21:08 IST)
Updated: 21 दिसंबर 2022 21:08 IST
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नवंबर महीने की शुरुआत से ही दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में अभी मामला कंट्रोल में है, लेकिन हमारा पड़ोसी चीन (China Covid) इससे बहुत बूरी तरह से जूझ रहा है. कुछ अनुमानों के मुताबिक़, हालिया बढ़ोतरी की वजह से चीन पर लगभग 20 लाख लोगों की मौत का ख़तरा है. एक महामारी विशेषज्ञ ने तो ट्वीट कर दिया है कि अगले कुछ महीनों में चीन की 60% आबादी संक्रमित हो सकती है.

ये ख़तरा है वायरस के एक नए वेरिएंट से. ओमिक्रॉन के परिवार से आए इस वेरिएंट का नाम है BF 7. इसके एक मामले की पुष्टि भारत में हो चुकी है. अब ये नया वेरिएंट क्या है? क्या ओमिक्रॉन से भी ज़्यादा ख़तरनाक़ है? और, इसके लक्षण क्या हैं?

नाम कहां से पड़ता है?

BF.7 असल में शॉर्ट फ़ॉर्म है. पूरा नाम है: BA.5.2.1.7. ये ओमिक्रॉन के BA.5 वेरिएंट का सब-वेरिएंट है. दुनिया भर में ओमिक्रॉन के BA.5 वेरिएंट के ही सबसे ज़्यादा केस दर्ज हैं. कुल मामलों के क़रीब 76.2% मामले. हालांकि, भारत में BA.4 और BA.5 सब-वेरिएंट बहुत नहीं फैला. हमारे यहां BA.2.75 के सबसे ज़्यादा मामले हैं. म्यूटेशन और ये नाम का चक्कर क्या है, वो बताते हैं.

केरल में कोविड एक्सपर्ट डॉक्टर राजीव जयदेवन ने नए सब-वेरिएंट पर इंडिया टुडे से बात की थी. तब उन्होंने बताया था,

“कोरोना वायरस म्यूटेट कर रहा है और म्यूटेशन से कई वेरिएंट और सब-वेरिएंट बना सकता है. इस प्रक्रिया को कन्वर्जेंट इवॉल्यूशन कहा जाता है. इन सब-वेरिएंट्स को BA.2.75.2, BF.7 और BQ.1.1 जैसे नाम दिए गए हैं. ये नाम इस बात से तय होते हैं कि कौन सा सब-वेरिएंट किस वेरिएंट से बना है.”

सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन से कितना ख़तरनाक़?

चीन में जिस तरह की रिपोर्ट्स आ रही हैं, उनसे तो संकेत यही मिलता है कि BF.7 बाक़ी ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट्स से ज़्यादा ख़तरनाक़ है. इसकी संक्रमण क्षमता सबसे ज़्यादा है. तेज़ी से फैलता है. BF.7 से संक्रमित व्यक्ति 10 से 18 लोगों को इनफ़ेक्ट कर सकता है. ओमिक्रॉन के बाक़ी वेरिएंट्स औसतन 5 लोगों को संक्रमित कर सकते हैं.

वेरिएंट का इंक्यूबेशन पीरियड भी कम है. इंक्यूबेशन पीरियड माने वायरस के संपर्क में आने और पहले लक्षण दिखने के बीच का समय. मतलब, जैसे ही आप BF.7 के संपर्क में आए, तुरंत पकड़ सकता है. और, रिपोर्ट्स तो ये भी कह रही हैं कि उन लोगों को ख़तरा ज़्यादा है, जिन्हें पहले COVID संक्रमण हुआ हो. या, जिन्हें वैक्सीन लगी हो.

केरल में कोविड एक्सपर्ट डॉक्टर राजीव जयदेवन ने बताया था,

"ये वेरिएंट वैक्सीन को मात दे सकता है. संक्रमण के बाद शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को भी भेद सकता है. ज़्यादा चिंता इस बात की है कि कभी भी एक नया वेरिएंट आ सकता है, जिसके बारे में हमें कोई आइडिया नहीं है."

नैशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक़, BF.7 आसानी से बेअसर नहीं होता. ख़ून के एक थक्के पर शोध किया गया. जिस व्यक्ति का ख़ून था, उसने वैक्सीन की तीनों डोज़ ली हुई थीं. माने कि ख़ून में वायरस के ऐंटी-बॉडीज़ मौजूद थे. BF.7 ने ऐंटी-बॉडीज़ को भरसक टक्कर दी. बहुत मुश्किल से न्यूट्रलाइज़ हुआ.

BF.7 के लक्षण क्या हैं?

BF.7 अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे कई यूरोपीय देशों में फैल रहा है. भारत में इसके एक मामले की पुष्टि हो चुकी है और दो मामलों में आशंका जताई जा रही है. इसके लक्षण के बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार जानकारी दे रहे हैं.

राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप (NTAGI) में वैक्सीनेशन के चेयरमैन डॉ एन के अरोड़ा ने बताया कि बदन दर्द इसका मुख्य लक्षण है. अगर किसी को लंबे समय से शरीर में दर्द हो रहा है, तो उसे कोविड टेस्ट करवा लेना चाहिए. इसके अलावा, गले में ख़राश, थकान, कफ़ और बहती नाक भी लक्षण हो सकते हैं.

इधर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि चीन और भारत की स्थिति में फर्क है. ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक समरीन पांडा ने बताया कि क्योंकि चीन में ज़ीरो कोविड पॉलिसी रही है, यानी बहुत लोग वल्नरेबल पॉपुलेशन बची रह गई. भारत मे वैक्सीन या इंफेक्शन के कारण जो हाइब्रिड इम्युनिटी हुई है, हमें उस पर ध्यान देना चाहिए.

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