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रूस को मिला नया Su-34 फाइटर जेट, क्षमता जान अमेरिका समेत पूरे NATO की नींद उड़ जाएगी

Su-34 एक 4++ जनरेशन का विमान है, जो Su-27 फैमिली का अपग्रेडेड वर्जन है. लेकिन इसे फाइटर-बॉम्बर के रूप में बनाया गया है. इसका फ्यूजलेज Su-27 से चौड़ा है, जिसमें साइड-बाय-साइड सीटिंग वाला आर्मर्ड कॉकपिट है.

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New Su 34 fighter bombers delivered to Russian military
Su-34 का मेन हथियार इसके पेलोड हैं, जो 8000-14000 किलोग्राम तक हो सकता है. (फोटो- AP)
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प्रशांत सिंह
15 सितंबर 2025 (Published: 11:43 PM IST)
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रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) ने रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज (VKS) को नए Su-34 फाइटर-बॉम्बर जेट की डिलीवरी दे दी है (New Su 34 fighter bombers delivered to Russian military). जेट विमान की ग्राउंड टेस्टिंग और फ्लाइट टेस्टिंग के बाद इसे VKS क्रू को सौंप दिया गया है. ये रूस की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा. आइए, इस शक्तिशाली विमान की पूरी डिटेल्स पर नजर डालते हैं.

'फीडबैक' नाम से जाना जाता है

Su-34 को नाटो द्वारा 'फुलबैक' नाम से जाना जाता है. यह दो इंजन वाला, दो सीट वाला और हर मौसम में काम करने वाला सुपरसोनिक एयरक्राफ्ट है. ये मीडियम रेंज का फाइटर-बॉम्बर विमान है. ये विमान दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए अंदर तक हमला करने, सटीक बम गिराने में सक्षम है.

1980 के दशक में सुखोई डिजाइन ब्यूरो ने एक नया टैक्टिकल मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाने करने का काम शुरू किया, जो पुराने स्विंग-विंग Su-24 'फेंसर्स' को बदलने के लिए था. Su-24 के अलावा, ये विमान मिग-27 'फ्लॉगर' ग्राउंड-अटैक विमान और Su-25 'फ्रॉगफुट' क्लोज एयर सपोर्ट जेट की भूमिकाओं को भी निभाने के लिए डिजाइन किया गया था. सुखोई ने Su-27 'फ्लैंकर' को आधार बनाया. ये अपनी मैन्यूवरेबिलिटी, लंबी दूरी और भारी पेलोड ले जाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध था. विशेष रूप से, ये विमान Su-27 के नेवल ट्रेनर डेरिवेटिव T 10 KM-2 से विकसित किया गया.

A Sukhoi Su-34 fighter jet in flight against a clear blue sky. The aircraft is painted in a reddish-brown color with the number "04" visible on its fuselage and tail. The jet has a sleek, aerodynamic design with twin vertical stabilizers.
ये विमान Su-27 के नेवल ट्रेनर डेरिवेटिव T 10 KM-2 से विकसित किया गया.

पहले प्रोटोटाइप को T 10V-1 कहा गया. इसने 13 अप्रैल 1990 को पहली उड़ान भरी. शुरुआत में इसे SU-27 IB नाम दिया गया था, लेकिन बाद में ये इतना अलग हो गया कि इसे Su-34 नाम दिया गया. 1995 के पेरिस एयर शो में इसे Su-32 FN के रूप में पेश किया गया, जो इसके नेवल रोल को दिखाता था. इसे बनाने की प्रक्रिया लंबी और जटिल रही, क्योंकि सोवियत संघ टूट गया था. जेट की फंडिंग की समस्याएं आईं. 1993 तक प्रोटोटाइप में सुधार किए गए, लेकिन प्री-प्रोडक्शन बैच 2005 तक बन पाया.

पूरी तरह से इसे बनाना 2008 से शुरू हो पाया. रूसी एयरफोर्स ने 2006-2007 में दो विमान प्राप्त किए और 2009 के अंत तक तीन और. 2008 में 32 विमानों का पहला कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ और 2012 में 92 विमानों का दूसरा कॉन्ट्रैक्ट. 2013 तक 2008 का कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो गया. 20 मार्च 2014 को रूसी सरकारी रेजोल्यूशन के तहत इसे रूसी एयरफोर्स में शामिल किया गया. इसका उत्पादन नोवोसिबिर्स्क एयरक्राफ्ट प्लांट में होता है, जो सुखोई ग्रुप का हिस्सा है.

डिफेंस ब्लॉग की रिपोर्ट के मुताबिक VKS क्रू के एक पायलट ने बताया,

“ये विमान किसी भी समय, दिन हो या रात, किसी भी मौसम में अलग-अलग हथियारों का उपयोग करके, मल्टीपल रोल निभा सकता है. क्रू को इस जेट में आत्मविश्वास और शांति महसूस होती है.”

रोस्टेक के एक प्रवक्ता ने बताया कि Su-34 एक विश्वसनीय और प्रभावी प्लेटफॉर्म साबित हुआ है, जो रियल टाइम बैटल में अपनी विशेषताओं को सिद्ध कर चुका है. अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान में रूसी एयरफोर्स के पास लगभग 120-200 Su-34 विमान हैं.

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वर्तमान में रूसी एयरफोर्स के पास लगभग 120-200 Su-34 विमान हैं.
डिजाइन और विशेषताएं

Su-34 एक 4++ जनरेशन का विमान है. यह Su-27 फैमिली का अपग्रेडेड वर्जन है. लेकिन इसे फाइटर-बॉम्बर के रूप में बनाया गया है. इसका फ्यूजलेज Su-27 से चौड़ा है, जिसमें साइड-बाय-साइड सीटिंग वाला आर्मर्ड कॉकपिट है. जो दो पायलट्स (पायलट और नेविगेटर) के लिए डिजाइन किया गया है. ये कॉकपिट टाइटेनियम आर्मर से सुरक्षित है, जो दुश्मन की आग से बचाव करता है. नाक का हिस्सा 'डकबिल' आकार का है, जो रडार और सेंसरों के लिए जगह देता है. विमान में कैनार्ड्स हैं जो मैन्यूवरेबिलिटी बढ़ाते हैं, और दो बड़े टेल फिन्स Su-27 की याद दिलाते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स में आधुनिक ग्लास कॉकपिट है, जिसमें कलर मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले, एक्टिव सेफ्टी सिस्टम और लेटेस्ट कंप्यूटर्स हैं. नाक में Leninets B-004 multimode phased array radar हैं, जो टेरेन फॉलोइंग, ग्राउंड और एयर टारगेट डिटेक्शन में सक्षम है. इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम जैसे Khibiny electronic countermeasures और UKR-RT रेडियो सर्विलांस सिस्टम दुश्मन के रडार को ब्लॉक करने में मदद करते हैं. विमान में काउंटर-फायर और EW काउंटरमेजर्स हैं, जो इसे दुश्मन के इलाके में जीवित रखते हैं.

Su-34 के लैंडिंग गियर मजबूत है, जो अधिकतम टेकऑफ वेट 45,100 किलो तक संभाल सकता है. विमान ऑस्टेर एयरफील्ड्स से ऑपरेट कर सकता है, जो रूसी सैन्य डॉक्ट्रिन का हिस्सा है. एर्गोनॉमिक्स अच्छा है, और पायलट्स इसे आसान उड़ान के लिए सराहते हैं.

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Su-34 के लैंडिंग गियर मजबूत है, जो अधिकतम टेकऑफ वेट 45,100 किलो तक संभाल सकता है.
हथियार और क्षमताएं

ODIN की जानकारी के मुताबिक Su-34 का मेन हथियार इसके पेलोड हैं, जो 8000-14000 किलोग्राम तक हो सकता है. विमान 12 हार्ड पॉइंट्स पर हथियार ले जा सकता है, जिसमें इंटरनल वेपन्स बे भी शामिल है. हवा से हवा में: R-27R/ER/T/ET, R-77 मिसाइलें. एयर-टू-सर्फेस मिसाइलें; Kh-29L/T/D; Kh-38MAE/MKE/MLE/MTE; Kh-25ML/MT; Kh-59ME/MK/MK2; Kh-58. एंटी-शिप मिसाइलें: Kh-25MP; Kh-58; Kh-31P/PD और गाइडेड बॉम्ब्स, रॉकेट्स और अनगाइडेड वेपन्स भी ले जा सकता है.

ये विमान हर मौसमों में, दिन-रात, दुश्मन की आग और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स के बीच काम कर सकता है. ये हाई वैल्यू टारगेट्स जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्राउंड, नेवल और एयर टारगेट्स पर स्ट्राइक करता है.

A Sukhoi Su-34 fighter-bomber in flight. The aircraft is painted orange with the number 703 visible on its fuselage. The sky is clear in the background.
ये हाई वैल्यू टारगेट्स जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्राउंड, नेवल और एयर टारगेट्स पर स्ट्राइक करता है.
ऑपरेशनल हिस्ट्री

Su-34 को रूस ने सीरिया में 2015 में इस्तेमाल किया. यूक्रेन के साथ युद्ध ये प्रमुख भूमिका निभा रहा है, जहां गाइडेड म्यूनिशन्स से लॉन्ग-रेंज बॉम्बिंग में इसे यूज किया गया. कई फ्रंट्स पर तैनात, ये रूस की एयर कैंपेन का मुख्य हिस्सा है. रूसी पायलट्स इसकी मैन्यूवरेबिलिटी, सर्वाइवेबिलिटी और अन्य गुणों की सराहना करते हैं.

रोस्टेक के मुताबिक इस जेट के उत्पादन को बढ़ाया गया है. ये डिलीवरी रूस की यूक्रेन में ऑपरेशनल टेम्पो बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है. Su-34 न केवल एक विमान है, बल्कि रूसी सैन्य तकनीक की बढ़ती क्षमता का प्रतीक है, जो भविष्य के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

वीडियो: एयरफोर्स के लड़ाकू विमान सुखोई 30 और मिराज 2000 क्रैश, एक पायलट की मौत

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