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बिहार में फिर 'कुछ बड़ा' होने वाला है?

लालू यादव को नीतीश कुमार के घर क्यों जाना पड़ गया? तेजस्वी यादव की क्या महत्वाकांक्षा है? INDIA गठबंधन में क्या चल रहा है?

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Nitish Kumar Lalu Yadav and bihar politics
नीतीश कुमार और लालू यादव साथ हैं या नहीं, इसे लेकर बिहार की राजनीति में तमाम कयास लग रहे हैं. (फाइल फोटो- आज तक)
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19 जनवरी 2024 (Updated: 19 जनवरी 2024, 23:20 IST)
Updated: 19 जनवरी 2024 23:20 IST
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क्या बिहार में फिर से बड़ा सियासी उलटफेर होने वाला है?

क्या नीतीश कुमार फिर से पाला बदलने वाले हैं?

क्या INDIA गठबंधन के नेताओं को एक छत के नीचे लाने वाले नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले खुद ही गठबंधन छोड़ने वाले हैं?

ये वो सवाल हैं जिनकी अटकलें इन दिनों पटना से लेकर दिल्ली तक हैं. और इन अटकलों को तब और हवा मिलने लगी जब 19 जनवरी को लालू यादव अपने बेटे और सूबे के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ अचानक 1, अणे मार्ग पहुंचे. यानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी घर पर. कयास सही साबित होंगे या महज अफवाह बनकर रह जाएंगे, इसकी तस्वीर कुछ दिनों में साफ हो जाएगी. लेकिन इन कयासों को जन्म कैसे मिला, ये समझने के लिए पिछले एक महीने के बिहार के सियासी घटनाक्रमों की क्रोनोलॉजी पर नज़र डालना जरूरी है.

1. ललन सिंह का इस्तीफा

नीतीश की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस्तीफा दिया. पार्टी और ललन की तरफ से कहा गया कि वो लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटना चाहते हैं इसलिए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं. लेकिन अंदर खाने से खबरें आईं कि ललन सिंह के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह थी उनकी लालू और तेजस्वी से नज़दीकी. आज तक के एडिटर रोहित सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ललन सिंह और लालू यादव के बीच सीक्रेट डील हुई थी. इस डील के मुताबिक ललन सिंह को जनता दल यूनाइटेड के तकरीबन 12 विधायकों को तोड़कर तेजस्वी यादव की सरकार बनानी थी और इसके बदले में राजद उन्हें राज्यसभा भेजती.

यानी नीतीश कुमार को कुर्सी से उतारकर तेजस्वी को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने का प्लान था. लेकिन नीतीश ने पहले ही खतरा भांपकर ललन सिंह और पार्टी के विधायकों को काबू में लिया और कुर्सी बचा ली. ये सब तब हो रहा था जब बिहार में नीतीश और लालू की पार्टी मिलकर सरकार चला रही हैं.

यह भी पढ़ें: नीतीश की वापसी और ललन सिंह के इस्तीफे की इनसाइड स्टोरी

2. केसी त्यागी का बयान

नीतीश के कई पुराने साथियों ने साथ छोड़ा. या फिर नीतीश ने उन्हें खुद छोड़ दिया. लेकिन केसी त्यागी कॉन्स्टैंट हैं. जब से टीवी पर डिबेट और डिस्कशन का दौर शुरू हुआ, जेडी(यू) से सबसे ज्यादा केसी त्यागी ही मीडिया में पार्टी का पक्ष रखते नज़र आए. 7 जनवरी को केसी त्यागी ने एक बयान दिया, जिस पर गौर करने की जरूरत है. त्यागी ने कहा INDIA गठबंधन के पास समय कम और काम ज्यादा है. तब तक गठबंधन में चेयरमैन और संयोजक को लेकर बैठक नहीं हुई थी और सीट शेयरिंग पर चर्चा भी शुरू नहीं हुई थी.

3. नीतीश ने संयोजक बनने से मना किया

लंबे समय से इस बात की चर्चा चल रही थी कि नीतीश कुमार INDIA गठबंधन के संयोजक बन सकते हैं. चर्चा ये भी थी कि नीतीश खुद संयोजक बनना चाहते हैं. लेकिन दिल्ली में INDIA गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री या संयोजक बनाने का प्रस्ताव पेश कर दिया. हालांकि, इस प्रस्ताव को खरगे ने खुद ही खारिज कर दिया. लेकिन इस ममता के इस प्रस्ताव ने नीतीश कुमार को फ्रंट रनर से बैकफुट पर जरूर ला दिया था.

13 जनवरी को INDIA ब्लॉक की बैठक होती है. बैठक में प्रस्ताव आता है कि मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का चेयरमैन बनाया जाए. प्रस्ताव पास हो जाता है. फिर बारी आती है संयोजक की. एक और प्रस्ताव आता है. नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव. लेकिन नीतीश ने खुद ही मना कर दिया. INDIA में नंबर दो की पोज़िशन थी.

4. अमित शाह का बयान

इसी हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान पत्रिका को एक इंटरव्यू दिया. उनसे सवाल पूछा गया- पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि, ये आना चाहेंगे तो क्या रास्ते खुले हैं? शाह ने जवाब दिया- 'जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती. किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा.'

5. मांझी-कुशवाहा-चिराग की बैठक

17 जनवरी को दिल्ली में चिराग पासवान के घर पर एक बैठक होती है. इसमें उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के साथ चिराग ने लोकसभा चुनाव में अपने-अपने भविष्य को लेकर चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक बैठक की वजह ये थी कि अगर जेडी(यू) बीजेपी के साथ आ जाती है तो किसके खाते में कितनी सीटें आएंगी.

6. 'लालू के आशीर्वाद से ही CM हैं नीतीश'

मकर संक्रांति के दिन नीतीश ने लालू यादव के घर जाकर दही चूड़ा खाया. लेकिन कहा गया कि भोज के दौरान लालू और नीतीश के बीच दूरी दिखी. तब एक RJD के एक विधायक का बयान आता है. भाई वीरेंद्र कहते हैं- लालू यादव के आशीर्वाद से ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. दोनों मिलकर सरकार चला रहे हैं. लेकिन लालू यादव बड़े हैं, इसमें कहां कोई शक है. 79 विधायक हमारे हैं तो हम ही बड़े भाई हैं. हम तो चाहते हैं नीतीश कुमार पीएम बनें. तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनें. तेजस्वी यादव कोई ऐलू गैलू.. नत्थू खैरू हैं?

7. मुख्यमंत्री आवास पहुंचे लालू

दही चूड़ा खिलाए अभी 4 दिन भी नहीं बीते थे और लालू को खुद नीतीश के घर आना पड़ गया. खबर ये भी है कि बीजेपी ने अपने सभी विधायकों की आपात बैठक बुलाई है. और खबर ये भी है कि नीतीश ने अगले आदेश तक पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों को पटना में मौजूद रहने के लिए कहा है.

पिता के साथ नीतीश के घर पहुंचे तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा कि लालू-नीतीश एक हैं. लेकिन सियासत में कहा गया सबकुछ सच कहां ही होता है!

वीडियो: बिहार की राजनीति में क्या नया करने वाले हैं प्रशांत किशोर? नीतीश और PM मोदी के लिए क्या कहा?

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