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मर्डर जैसे 19 केस, दिल्ली-हरियाणा में खौफ, जेल में मरा 'टिल्लू ताजपुरिया' कौन था?

क्यों रखा ताजपुरिया टाइटल, कैसे जिगरी दोस्त बना सबसे बड़ा दुश्मन? टिल्लू की पूरी क्राइम कुंडली

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tillu tajpuriya profile jitendra gogi
टिल्लू ताजपुरिया को 2016 में गिरफ्तार किया गया था | फाइल फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
2 मई 2023 (Updated: 2 मई 2023, 05:32 PM IST) कॉमेंट्स
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24 सितंबर 2021 का दिन. सुबह के करीब 10 बजे होंगे. तभी पुलिस की कई गाड़ियां दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के बाहर आकर रूकती हैं. दिल्ली पुलिस की 3 बटालियन का एक वाहन भी इनमें था, जिसमें से करीब 7 से 8 जवान हथियारों के साथ उतरे और कोर्ट के अंदर तेजी से बढ़ने लगे. इनके बीच में एक व्यक्ति था, जिसका नाम था जितेंद्र गोगी, एक नामी गैंगस्टर. कोर्ट के अंदर ले जाकर गोगी को लॉकअप में बंद कर दिया गया. कुछ घंटे बाद करीब 1 बजकर 10 मिनट पर पुलिस वाले आए और जितेंद्र गोगी को 207 नम्बर कोर्ट में ले गए. ये कोर्ट ASJ गगन दीप सिंह का था.

जितेंद्र गोगी हाई रिस्क पर था, इसलिए पुलिस वाले ज्यादा चौकन्ने थे. स्पेशल सेल के भी 8 जवान सिविल ड्रेस में हथियारों से लैस होकर गोगी के साथ कोर्ट में थे. ASJ गगनदीप सिंह कोर्ट की प्रोसिडिंग में मशगूल थे. कोर्ट रूम में कोर्ट स्टाफ और 5-6 वकील ही थे. तभी अचानक कुर्सियों से 2 व्यक्ति वकील की ड्रेस में उठे और पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. इनका निशाना था जितेंद्र गोगी. इन्होने गोगी को आठ से ज्यादा गोलियां मारीं. वो वहीं ढेर हो गया. स्पेशल सेल के जवान भी मुस्तैद थे, उन्होंने दोनों हमलावरों को तुरंत मार गिराया.

मामले की जांच हुई. कुछ रोज बाद पता चला कि जितेंद्र गोगी के मर्डर की साजिश एक महीने पहले मंडोली जेल में रच गई थी. साजिश रची थी सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया ने. ताजपुरिया जो उस समय जितेंद्र गोगी का दुश्मन नंबर वन था.

कभी पक्के दोस्त थे टिल्लू और गोगी

टिल्लू ताजपुरिया जेल के अंदर से ही जरायम की दुनिया का कामकाज संभालता था. नाम के पीछे ताजपुरिया लगाने की वजह उसका दिल्ली के ताजपुरिया गांव से जुड़ा होना था. वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रद्धानंद कॉलेज का छात्र था. इसी कॉलेज में जितेंद्र गोगी भी पढ़ता था. टिल्लू का ताजपुरिया गांव अलीपुर के बिलकुल करीब में था जहां जितेंद्र गोगी रहता था. बताते हैं कि दोनों साथ-साथ कॉलेज जाते थे. दोस्ती बहुत पक्की थी.

लेकिन, कॉलेज दिनों में ही दोस्ती में खटास आ गई. इसकी वजह बना कॉलेज में हुआ छात्र संघ का चुनाव. दोनों ने अलग-अलग उम्मीदवारों को सपोर्ट किया. झगड़ा हुआ और रंजिश शुरू हो गई. लेकिन, कभी न जुड़ने वाली दरार पड़ी साल 2012 में. तब गोगी और उसके साथियों ने टिल्लू ताजपुरिया के करीबी दोस्त विकास की हत्या कर दी. इसके बाद दोनों के अलग-अलग गैंग बन गए.

जितेंद्र गोगी और टिल्लू ताजपुरिया | फाइल फोटो: आजतक

टिल्लू ताजपुरिया अपना गैंग अलीपुर और सोनीपत से चलाता था. उसपर दिल्ली-एनसीआर में हत्या, किडनैपिंग और उगाही के 19 मामले दर्ज थे. साल 2016 में सोनीपत पुलिस ने टिल्लू को पहली बार गिरफ्तार किया था. टिल्लू ताजपुरिया और गोगी गैंग की गैंगवार में बीते छह साल में 12 सदस्यों की हत्या हुई. साल 2022 आते-आते टिल्लू ताजपुरिया पर आतंकियों से जुड़े होने के आरोप भी लगने लगे. 26 अगस्त 2022 को टिल्लू समेत कई और गैंगस्टर के खिलाफ एनआईए ने एक एफआईआर दर्ज की. इसमें आरोप लगाया गया कि ये गैंगस्टर विदेश में बैठे लोगों के साथ साजिश कर देश आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं.

गोगी ने भी टिल्लू को मारने साजिश रची थी

सितंबर 2021 में जब जितेंद्र गोगी की हत्या हुई थी. उस समय जितेंद्र गोगी भी टिल्लू ताजपुरिया को मारने की साजिश रचा रहा था. इसका पता पिछले दिनों पुलिस को तब लगा जब यूपी में माफिया अतीक अहमद की हत्या के आरोपियों से पूछताछ हुई. इस मामले में एक आरोपी सनी ने बताया कि वो काफी समय तक गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के संपर्क में रहा था. उसके मुताबिक गोगी ने उसे तुर्की में बनी हुई जिगाना पिस्टल दी थी. गोगी ने उसे दिल्ली कोर्ट में टिल्लू ताजपुरिया को मारने का टारगेट दिया था. लेकिन, ये होता इससे पहले ही 24 सितंबर, 2021 को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या कर दी गई.

अब टिल्लू ताजपुरिया को कैसे मारा गया?

दिल्ली पुलिस के मुताबिक जितेंद्र गोगी की हत्या के दो साल बाद अब उसके गुर्गों ने उस साजिश को अंजाम दिया जो कभी गोगी ने रची थी. हाई सिक्योरिटी जेल तिहाड़ में मंगलवार, 2 मई की सुबह गोगी गैंग के चार गुर्गों ने गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी. तिहाड़ प्रशासन ने बताया कि 4 बदमाशों ने लोहे की रोड और सूए से टिल्लू पर हमला किया. तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक टिल्लू पर सूए से 40 से ज्यादा बार वार किए गए. यह हमला सुबह करीब 6:15 बजे किया गया. प्रशासन ने बताया कि चारों बदमाश जेल नंबर-9 की फर्स्ट फ्लोर पर बंद थे. हमलावरों ने वारदात को अंजाम देने के लिए पहले लोहे की ग्रिल को काटा फिर चादर की मदद से ग्राउंड फ्लोर पर कूदकर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद टिल्लू की हत्या कर दी.

वीडियो: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को तिहाड़ जेल में किसने मारा, अतीक अहमद मर्डर से निकला कनेक्शन

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