पृथ्वी दिवस 2024: 'प्लेनेट बनाम प्लास्टिक' की जंग में महात्मा गांधी के बताए मार्ग से मिलेगी जीत
महात्मा गांधी ने कहा था कि पृथ्वी पर मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, मगर उसके लालच के लिए नहीं. गांधी जी का मानना था कि पृथ्वी, वायु, भूमि तथा जल हमारे पूर्वजों से प्राप्त सम्पत्तियां नहीं हैं, वे हमारे बच्चों की धरोहर हैं.
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