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BharatCaller ऐप में Truecaller को टक्कर देने का दम है?

भारत कॉलर, ट्रूकॉलर का एक अल्टरनेटिव वर्जन है.

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ट्रू कॉलर के विकल्प के तौर पर भारत में भारत कॉलर ऐप लॉन्च हुआ है, जिसे किकहेड सॉफ्टवेयर्स नामक कंपनी ने बनाया है. (फोटो: साभार आज तक व प्ले स्टोर)
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24 अगस्त 2021 (Updated: 24 अगस्त 2021, 12:51 PM IST) कॉमेंट्स
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किसी भी अनजान नंबर की जानकारी आपको देखनी होती है तो आप क्या करते हैं? फटाक से ट्रूकॉलर (Truecaller) पर सर्च करते हैं. लेकिन हमारे देश की फौज ट्रूकॉलर ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकती. इस कारण फौजियों को ना ये पता लगता है कि उनके फोन पर किसके नंबर से कॉल आया और ना ही इसका पता लगता है कि कौन सा नंबर स्पैम है. लेकिन अब सेना के लोगों के लिए नया विकल्प आया है. बीती 15 अगस्त को प्ले स्टोर और iOS पर एक नए ऐप की एंट्री हुई है. नाम है, भारत कॉलर (BharatCaller). क्या है ये ऐप? आजतक से जुड़े ऋचीक मिश्रा के मुताबिक, भारत कॉलर ऐप ट्रूकॉलर का एक अल्टरनेटिव वर्जन है. उन्होंने बताया कि इस ऐप को भारत में ही बनाया गया है और ये हू-ब-हू ट्रूकॉलर की तरह ही काम करता है. मसलन आपके पास किसी अनजान नंबर से फोन आता है, तो ये ऐप आपको बता देता है कि नंबर किसका है. साथ ही ये स्पेम कॉल्स की जानकारी भी आप तक पहुंचाता है.
ऐप को लॉन्च हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है. अभी तक करीब 5800 लोगों ने इसे डाउनलोड किया है. ऐप को बनाने वाली कंपनी है किकहेड सॉफ्टवेयर्स, जिसने साल 2020 में एजुकेशन कैटेगरी में नेशनल स्टार्टअप अवॉर्ड भी जीता है. IIM बेंगलुरु में पढ़ने वाले छात्र प्रज्ज्वल सिन्हा ने दिसंबर 2018 में इस कंपनी को शुरू किया था.

Startup India, DPIIT recognizes Kickhead Softwares as the Winner for ‘Education’ in the category ‘Access to Open Education’. They have created a platform that allows students to study for their exams for no charge. #NationalStartupAwards2020
pic.twitter.com/n1A8XCyBxX

— Startup India (@startupindia) October 6, 2020
कैसे आया इस ऐप का आइडिया? साल 2017 में भारतीय सेना ने अपने जवानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें उनसे ट्रूकॉलर को तुरंत अपने फोन से हटाने को कहा गया था. एडवाइजरी में कहा गया था कि ट्रूकॉलर एक "स्पाइवेयर" है, यानी डेटा चुराता है, लिहाजा जवानों को इसे पर्सनल और ऑफिशियल फोन से तुरंत हटा देना चाहिए.
अब किकहेड ने भारत कॉलर ऐप को ट्रूकॉलर के विकल्प के तौर पर मार्केट में उतारा है. दी लल्लनटॉप ने कंपनी के फाउंडर प्रज्ज्वल सिन्हा से बात की. उन्होंने हमें बताया,
"जब हमें ये पता लगा कि ट्रूकॉलर का आर्मी इस्तेमाल नहीं कर सकती और इसकी सिक्योरिटी पर भी सवाल उठे हैं, तो हमने जनवरी 2021 में भारत कॉलर पर काम शुरू किया और उन सारी खामियों को दूर करने का प्रयास किया, जो ट्रूकॉलर में देखने को मिलती हैं."
प्रज्ज्वल ने आगे कहा कि भारत कॉलर से पहले उन्होंने भारत स्कैनर नाम से भी एक ऐप बनाया था, जो बैन हो चुके ऐप कैम स्कैनर का विकल्प है. प्रज्जवल के मुताबिक, भारत स्कैनर को करीब 10 लाख लोगों ने डाउनलोड किया और इसे शानदार रेस्पॉन्स मिला. उनका कहना है कि इससे उनका मनोबल बढ़ा और बाद में भारत कॉलर को मार्केट में उतार दिया.
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भारत कॉलर ऐप को बनाने वाली टीम में नौ सदस्य हैं, जो अलग अलग राज्यों से हैं. इसे बनाने वाली कंपनी किकहेड 2018 में रजिस्टर हुई थी. यह कंपनी पहले भी भारत स्कैनर ऐप लॉन्च कर चुकी है. (फोटो: साभार भारत कॉलर ऐप)
ऐप कैसे काम करता है? जैसा कि हमने आपको बताया कि ये ट्रूकॉलर जैसा ही ऐप है, जिसमें अननोन नंबर्स और स्पैम की जानकारी मिलती है. इसके डेवलेपर्स ने बताया है कि ये ऐप आपके नाम और नंबर की जानकारी उन लोगों से लेता है जिन्होंने इस ऐप को डाउनलोड कर रखा है और उनके मोबाइल में आपका नंबर सेव है. कंपनी के फाउंडर ने दावा किया है कि अभी तक करीब 50 हज़ार कॉल्स को प्रोसेस कर दिया है और 21 लाख यूज़र्स की एंट्री है, जिन्हें जल्दी ही वेरिफाई करके ऐप में अपडेट कर दिया जाएगा.
ये कैसे पता लगता है कि फलां नंबर किसका है? इसके जवाब में प्रज्ज्वल ने कहा,
"आप जब इस ऐप को इंस्टॉल करते हैं तो ये आपका फोन नंबर और नाम मांगता है. इसे जब आप दर्ज करेंगे तो वो सेव कर लिया जाएगा और यही नाम उनको शो कर दिया जाएगा, जो आपको फोन कर रहे हैं या जिन्हें आप फोन कर रहे हैं."
मोबाइल ऐप को लेकर हैकिंग और सिक्योरिटी रीजन्स पर बात करते हुए प्रज्ज्वल ने बताया कि कंपनी के किसी भी कर्मचारी के पास भारत कॉलर के डेटा का एक्सेस नहीं है. साथ ही मुंबई बेस्ड सर्वर भी हैं, जो हैकिंग को होने से रोकते हैं. उन्होंने कहा- लेकिन इन सर्वर्स को पब्लिक के सामने नहीं लाया जाना चाहिए, इन्हें गोपनीय रखना ही उचित होगा.
ऐप को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी मदद मिलने से जुड़े सवाल पर प्रज्ज्वल ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि कंपनी के फाउंडर्स और ऐप डेवलेपर्स की किसी मंत्री से खास जान पहचान नहीं है, लेकिन वे सरकार तक पहुंचने की कोशिश करेंगे.

(ये स्टोरी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे रौनक भैड़ा ने लिखी है.)


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