The Lallantop
Advertisement

2014 के बाद से कहां-कहां गिरी सरकारें और फिर BJP की बन गईं

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद महाराष्ट्र चौथा राज्य है जहां सरकार गिरने के बाद BJP के हाथ सत्ता आ गई

Advertisement
amit-shah-narendra-modi
महाराष्ट्र तीसरा बड़ा राज्य है जहां BJP ने बाजी पलट दी | फाइल फोटो: आजतक
1 जुलाई 2022 (Updated: 1 जुलाई 2022, 18:38 IST)
Updated: 1 जुलाई 2022 18:38 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में आ गई है. बीते करीब 2 हफ्ते की खींचतान के बाद अब शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री हैं. नई सरकार के गठन के साथ ही महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल हो चुका है, जहां चुनावों में सरकार बनाने में विफल होने के बावजूद सत्ता की बाजी पलटने में BJP सफल रही. हालांकि, इन सभी राज्यों में उसने यह कारनामा तत्कालीन सरकार में बैठे कुछ नेताओं के जरिए किया. यानी पहले सरकार में बगावत हुई और फिर वहां BJP सत्ता में आ गई. आइये जानते हैं कि 2014 में BJP के केंद्र की सत्ता में आने के बाद किन-किन राज्यों में चुनाव के कुछ महीने बाद बाजी पलट गई.

अरुणाचल प्रदेश - मुख्यमंत्री ने ही बदल दी पार्टी

अरुणाचल प्रदेश में 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. कांग्रेस ने 60 में से 47 सीटें जीती थीं. नबाम टुकी मुख्यमंत्री बनाए गए. लेकिन डेढ़ साल बाद ही टुकी के खिलाफ कांग्रेस के 21 विधायक बागी हो गए. राष्ट्रपति शासन लग गया. फिर बीजेपी के समर्थन से कालिखो पुल मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने नबाम टुकी की सरकार बहाल करने का निर्देश दिया. लेकिन चार दिन बाद टुकी की जगह पेमा खांडू को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बना दिया. पेमा खांडू का 44 विधायकों ने समर्थन किया. इनमें कांग्रेस समेत वो असंतुष्ट विधायक भी शामिल थे, जो पहले पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए थे. पीपीए बीजेपी की सहयोगी थी. इस घटनाक्रम के दो महीने बाद पेमा खांडू और 42 अन्य विधायक पीपीए में शामिल हो गए और इन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.

पेमा खांडू सीएम पद की शपथ लेते हुए | फ़ाइल फोटो: आजतक
कर्नाटक - 14 महीने में गिरा दी सरकार

साल 2018 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में 105 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में उसकी सरकार भी बनी. लेकिन विधानसभा में बहुमत से महज 7 सीटें कम पड़ने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद राज्य में कांग्रेस की मदद से जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने गठबंधन सरकार बनाई. लेकिन 14 महीने के भीतर ही उनकी भी सरकार गिर गई क्योंकि गठबंधन के 17 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इससे भाजपा को राज्य में फिर से सरकार बनाने का मौका मिल गया. येदियुरप्पा फिर मुख्यमंत्री बने. हालांकि, जुलाई 2021 में पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और भाजपा सरकार की कमान बसवराज बोम्मई के हाथों में सौंप दी.  

मध्य प्रदेश- ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत

2018 के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. कांग्रेस ने बीएसपी और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाई और मुख्यमंत्री का ताज कमलनाथ के सिर सजा. लेकिन, 15 महीने के बाद ही कमलनाथ के खिलाफ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी. मार्च 2020 में सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी. सिंधिया के साथ-साथ उनके समर्थक 22 कांग्रेसी विधायक भी बागी हो गए. बाद में सभी बागी विधायकों को बेंगलुरु ले जाया गया. हालांकि, कांग्रेस ने सिंधिया को मनाने की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन वो नहीं माने. सिंधिया की बगावत से कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और 20 मार्च 2020 को कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा. बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद कांग्रेस के बागी विधायकों ने बीजेपी के टिकट पर उप चुनाव लड़ा. ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा भेजा और फिर उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया.

फोटो: आजतक
उत्तराखंड - बाजी पलटते-पलटते रह गई

2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी और हरीश रावत मुख्यमंत्री. मार्च महीने में अचानक कांग्रेस के दिग्गज नेता विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत बागी हो गए. इनके साथ कांग्रेस के 7 विधायक और थे. ये सभी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए. बीजेपी के साथ पहले से 27 विधायक थे, इसलिए उसने बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. हालांकि, विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर ने कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. राज्यपाल ने उसी दिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फ्लोर टेस्ट हुआ. कोर्ट ने बागी विधायकों के शामिल होने पर रोक लगा दी. इसके बाद हुए फ्लोर टेस्ट में हरीश रावत ने अपनी सरकार बचा ली. यानी उत्तराखंड में बाजी बस पलटते-पलटते रह गई.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement