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वो 10 किताबें, जो भारत में पढ़ने पर जेल हो जाएगी!

किताबों में है क्या और बैन क्यों हुई, सब जान लीजिए!

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banned books in India
तस्वीर विकिमीडिया से लीं गईं हैं.
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25 जनवरी 2023 (Updated: 25 जनवरी 2023, 05:07 PM IST) कॉमेंट्स
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हाल में BBC ने एक डॉक्यूमेंट्री बनाई. ‘इंडिया - द मोदी क्वेश्चन’. दो पार्ट्स की सिरीज़ है. पहला पार्ट 17 जनवरी को आया, दूसरा 24 जनवरी को. इसे भारत में रिलीज नहीं किया गया. सरकार की तरफ से ट्विटर और यूट्यूब को आदेश दिए गए कि इस डॉक्यूमेंट्री के लिंक हटाए जाएं. लेकिन टेक्निकली ये ‘बैन्ड’ नहीं है.

बैन की बात आई, तो ये सितम केवल फ़िल्मों पर नहीं है. किताबों पर भी है. अगस्त 2019 में लियो टॉल्स्टॉय की 'वॉर ऐंड पीस' को लेकर हंगामा मचा था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव के आरोपियों में से एक की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए लियो टॉल्स्टॉय की ‘War and Peace’ पर सवाल उठाया था. हालांकि, फिर ख़बर आई कि जिस 'वॉर ऐंड पीस' की बात हो रही थी, वो टॉल्स्टॉय वाली थी ही नहीं. ये थी 'वॉर ऐंड पीस इन जंगलमहल: पीपल, स्टेट ऐंड माओइस्ट्स', जिसे लिखा है बिस्वजीत रॉय ने. 

ख़ैर, इस बहाने हम आपको बताते हैं उन किताबों के बारे में जो घर में रखी नहीं जा सकतीं. यानी कि इन्हें आप न तो बेच सकते हैं, न पब्लिश कर सकते हैं, न ख़रीद सकते हैं. अगर ये किताबें कहीं दिखीं, तो उठवा ली जाएंगी. आखिर इस लिस्ट में कौन सी किताबें हैं. उनके लेखक कौन हैं. बैन क्यों हुईं. ये सारी जानकारी आपके लिए हमारी पूर्व साथी प्रेरणा ने जुटाई थीं. पढ़ लीजिए:

1. किताब का नाम : द फ़ेस ऑफ मदर इंडिया

ऑथर: कैथरीन मेयो

पब्लिकेशन: हैमिश हैमिल्टन, लन्दन (1935)

इसे ब्रिटिश प्रोपगंडा से भरी किताब कहा गया. तस्वीर: गुडरीड्स
इसे ब्रिटिश प्रोपागैंडा से भरी किताब कहा गया. (तस्वीर: गुडरीड्स)

क्या है इसमें? भारत में जब सेल्फ रूल यानी स्वशासन की मांग उठ रही थी, तब कैथरीन मेयो ने ये किताब लिखी थी. इसमें कैथरीन ने भारत की संस्कृति, और यहां के पुरुषों के कमज़ोर होने की बात की थी.

क्यों हुई बैन? कई लोग इस किताब को मदर इंडिया नाम की किताब से कन्फ्यूज कर लेते हैं जोकि इसी लेखक की थी और 1927 में छप कर आई थी. लेकिन वो किताब बैन नहीं है. मृणालिनी सिन्हा की एडिट की हुई किताब अवेलेबल है. इसे इसलिए बैन कर दिया गया था क्योंकि इसमें भारत को ब्रिटिश नज़र से देखते हुए स्वशासन के लिए अयोग्य करार दे दिया गया था. ये किताब बैन तो है ही, इसे भारत में आयात (इम्पोर्ट) करके लाने पर भी पाबंदी है.

2. किताब का नाम: हिन्दू हैवन

ऑथर: मैक्स वाइली

पब्लिकेशन: फरार एंड राइनहार्ट , 1933

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? मैक्स वाइली ने भारत में अमेरिकी मिशनरीज़ के काम पर लिखा है. बताया है कि वो यहां कैसे काम करते थे, और उस समय का भारत किन चीज़ों से जूझ रहा था.

क्यों हुई बैन? इसे इसलिए बैन किया गया क्योंकि उस समय लोगों को ये किताब बहुत बढ़ा-चढ़ा कर लिखी हुई लगी. इस किताब में मैक्स ने भारत के क्लाइमेट का मिशनरीज पर क्या असर पड़ा था, वो भी लिखा था. ये किताब तब से बैन है और इस पर कोई पुनर्विचार नहीं किया गया है. इसे इम्पोर्ट करके लाने पर भी बैन लगा हुआ है.

3.किताब का नाम: अनआर्म्ड विक्ट्री

ऑथर: बरट्रंड रसल

पब्लिकेशन: साइमन एंड शस्टर (1963)

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? वैसे ये क्यूबा (एक देश) के मिसाइल क्राइसिस के बारे में है. लेकिन भारत और चीन के बीच हुए 1962 के युद्ध के बारे में भी बरट्रंड रसल ने इस किताब में लिखा है. 

क्यों हुई बैन? इसमें भारत के स्टैंड को लेकर बरट्रंड काफी क्रिटिकल दिखे हैं. इस बात को लेकर किताब के रिलीज होने पर ही इसे भारत में बैन कर दिया गया. वैसे बरट्रंड के भारत के साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे थे. लेकिन उन्होंने इंडो-चाइना युद्ध में भारत की आलोचना की, तो ये किताब बैन हो गई.

4. किताब का नाम: अंगारे

ऑथर: सज्जाद ज़हर, अहमद अली, डॉक्टर राशिद जहां, महमूद-उज़-ज़फर

पब्लिकेशन: सेल्फ़-पब्लिकेशन, 1932

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? छोटी-छोटी 9 कहानियां थीं उर्दू में. एक नाटक भी. पतली सी किताब थी. वर्जीनिया वूल्फ और डी एच लॉरेंस से प्रभावित होकर एक नए लहजे में ये कहानियां लिखी गईं.

क्यों हुई बैन? इस किताब ने उर्दूदां लोगों के बीच हलचल मचा दी. उत्तर भारत के मुसलमान काफी नाराज़ हुए थे इस किताब को लेकर. क्योंकि मुस्लिम समाज के भीतर फैली धार्मिक कट्टरता और पितृसत्ता को चुनौती दे रही थी ये किताब. इसलिए बैन कर दी गई. पुलिस ने सभी कॉपियां बर्बाद कर दीं. 5 को छोड़कर. उन्हीं 5 की बदौलत इस किताब में लिखी हुई चीज़ें बच सकीं.

5. किताब का नाम: द ट्रू फुरकान

ऑथर: अल सफ़ी, अल महदी

पब्लिकेशन: वाइन प्रेस पब्लिशिंग, 1999

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? कुरआन की सीखों को क्रिश्चियनिटी से मिला जुलकर लिखा गया है.

क्यों हुई बैन? ऐसे आरोप लगे कि ये मुस्लिमों का मज़ाक उड़ाने के लिए लिखी गई है. यही नहीं, उन्हें अपने धर्म के रास्ते से हटाकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए ये किताब प्रोत्साहित करती है, ऐसा कहा गया. ये किताब भारत में इम्पोर्ट करके भी नहीं लाई जा सकती. कस्टम विभाग भी अपनी साईट पर ये साफ़-साफ़ लिख चुका है.

6. किताब का नाम: लेडी चैटर्लीज़ लवर

ऑथर: डी एच लॉरेंस

पब्लिकेशन: इटली (1928) पहले प्राइवेट, फिर पेंग्विन

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? एक शादी-शुदा महिला का पति कमर से नीचे पैरलाइज हो जाता है. उसके बाद लेडी चैटर्ली का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होता है. परिवार के लिए शिकार करके लाने वाले आदमी से.

क्यों हुई बैन? इसे ब्रिटिश राज ने बैन कर दिया था. ये आज तक बैन है, 1960 में ब्रिटेन ने बैन हटा लिया था. लेकिन भारत में अभी भी ये किताब बैन है. 1964 में ये किताब बेच रहे रंजीत उदेशी पर मामला दर्ज हुआ था. इसमें ये कहा गया कि काफी अश्लीलता है. इस वजह से ये समाज के लिए एक स्वीकार्य किताब नहीं है.

7.किताब का नाम: आयशा

ऑथर: कर्ट फ्रिस्च्लर

पब्लिकेशन: बैरी एंड रॉकलिफ (1963)

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर: गुडरीड्स)

क्या है इसमें? पैगम्बर मुहम्मद की पत्नी आयशा के ऊपर लिखी गई किताब है ये. असली वर्जन जर्मन भाषा में था. किताब का पूरा नाम था: आयशा- मुहम्मद की सबसे पसंदीदा बीवी.

क्यों हुई बैन? इस पर बहस हुई कि ये मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने वाली किताब है. मुहम्मद की पत्नी आयशा की कम उम्र होने की बात पर काफी विवाद पहले भी हुए हैं. इस किताब को बैन किया गया. इसके आयात पर भी पाबंदी है.

8.किताब का नाम: नाइन आवर्स टू राम

ऑथर: स्टैनली वोलपर्ट

पब्लिकेशन: रैंडम हाउस (1962)

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के बारे में लिखी गई है ये किताब.

क्यों हुई बैन? इस किताब में लिखा था कि महात्मा गांधी की सुरक्षा में हुई भूल की वजह से उनकी हत्या हुई. किताब में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के हिस्ट्री प्रोफ़ेसर स्टैनली वोल्पर्ट ने ये इशारा किया कि गृह मंत्रालय ने हत्या वाले दिन महात्मा गांधी की सुरक्षा में ढील दी. इस तरह कोई षड्यंत्र होने की आशंका इस किताब में दिखाई गई. ये किताब और इस पर बनी फिल्म दोनों ही भारत में बैन की गई.

9.किताब का नाम: रंगीला रसूल

ऑथर: पंडित चमूपति एम ए

पब्लिकेशन: मोहम्मद रफ़ी, 1927

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? पैगम्बर मुहम्मद की शादियों के बारे में बताया गया है.

क्यों हुई बैन? 1920 के दशक के दौरान पंजाब में आर्य समाज और मुस्लिमों में बन नहीं रही थी. ऐसा कहा गया कि एक पोस्टर पर सीता को वेश्या की तरह दिखाया गया था. उसके जवाब में ये किताब लिखी गई. इसमें पैगम्बर मुहम्मद की एक से ज्यादा पत्नियां होने पर तंज़ किया गया था. ये अभी भी बैन है.

10.किताब का नाम: कैप्टिव कश्मीर

ऑथर: अज़ीज़ बेग

पब्लिकेशन: अलायड बिजनेस कारपोरेशन (1957)

(तस्वीर:गुडरीड्स)
(तस्वीर:गुडरीड्स)

क्या है इसमें? कश्मीर और भारत के रिलेशनशिप पर ये किताब लिखी गई है. पूरा नाम है ‘Captive Kashmir: Story of a Betrayed and Enslaved People’. यानी  'कैदी कश्मीर: धोखा खाए और गुलाम बनाए गए लोगों की कहानी'.

क्यों हुई बैन: इस किताब में कश्मीर को लेकर भारत का क्या रुख है, उसकी आलोचना की गई है. भारत के रुख को दमनकारी और क्रूर बताया गया है. ये किताब आयात करके भी नहीं लाई जा सकती है?

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ये किताबें महज एक उदाहरण हैं. सलमान रश्दी की 'द सैटनिक वर्सेज', नसीम हिजाज़ी की ‘ख़ाक और खून’, और माइकल ब्रेचर की ‘नेहरू: अ पॉलिटिकल बायोग्राफी’ जैसी कई किताबें हैं जो बैन हैं. हालांकि, कई किताबें पीडीएफ या ई-बुक के रूप में उपलब्ध हैं, लेकिन उन पर लगा बैन इस बात से हल्का नहीं हो जाता. कई लोगों का मानना है कि इस तरह के कदम का इस्तेमाल कई मामलों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करने के लिए किया जाता है. इस पर बहस जारी है, लेकिन इन किताबों पर से बैन हटने की कोई उम्मीद हो, ऐसा दिखाई नहीं देता.

वीडियो: लल्लनटॉप वाले इस हफ़्ते कौन सी किताबें पढ़ रहे हैं?

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