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हाई कोर्ट जज के नेशनल हाईवे पर 4 चालान कटे, वजह टॉयलेट है, NHAI को सुनाया

जयपुर से रणथंभौर के बीच हाईवे पर अपनी हाल की कार यात्रा के बारे में बताते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि उन्हें एक भी पब्लिक टॉयलेट नहीं मिला. इस वजह से उन्हें अपनी कार तेज चलानी पड़ी, और उनके 4 चालान काट दिए गए.

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We get challans but no public toilets on National Highways Kerala High Court pulls up NHAI
ये टिप्पणी जस्टिस अमित रावल और जस्टिस पीवी बालकृष्णन की बेंच ने की है. (फोटो- PTI)
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प्रशांत सिंह
19 सितंबर 2025 (Updated: 19 सितंबर 2025, 06:09 PM IST)
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केरल हाई कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को राष्ट्रीय राजमार्गों पर पब्लिक टॉयलेट की कमी को लेकर कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि एक ओर तो नागरिकों को नियम तोड़ने पर चालान थमाए जाते हैं, लेकिन दूसरी ओर हाईवे पर बुनियादी सुविधाओं जैसे सार्वजनिक शौचालयों का अभाव है.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक ये टिप्पणी जस्टिस अमित रावल और जस्टिस पीवी बालकृष्णन की बेंच ने की है. कोर्ट पेट्रोल पंपों पर आम जनता द्वारा टॉयलेट के उपयोग से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि हाईवे पर टॉयलेट्स की कमी होती है.

जयपुर से रणथंभौर के बीच हाईवे पर अपनी हाल की कार यात्रा के बारे में बताते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि उन्हें एक भी पब्लिक टॉयलेट नहीं मिला. इस वजह से उन्हें अपनी कार तेज चलानी पड़ी, और उनके 4 चालान काट दिए गए. जस्टिस रावल ने मौखिक टिप्पणी करते हुए बताया,

"हाल ही में, जब मैं जोधपुर से रणथंभौर जा रहा था, तो हमें नेशनल हाईवे पर एक भी टॉयलेट नहीं मिला. ये बहुत लंबा रास्ता है. हमने निर्धारित सीमा से स्पीड ज्यादा कर ली, तो हमारे चार चालान कटे. चालान काट दिए जाते हैं, लेकिन कोई पब्लिक टॉयलेट नहीं है."

जनता को टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पेट्रोल पंप मालिकों को दी गई है. उनकी शिकायतें सुनते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि ये NHAI का काम है. उन्होंने भारत में पब्लिक टॉयलेट्स की उपलब्धता की तुलना अन्य देशों से भी की. जस्टिस रावल ने कहा,

"मूल रूप से, ये NHAI का काम है. स्पष्ट रूप से कहें तो, यदि आप किसी बाहर के देश में जाते हैं, तो एक निश्चित दूरी तय करने के बाद आपको हमेशा एक सुविधा के लिए स्टॉप मिलेगा. वहां आप कॉफी पी सकते हैं, कुछ खा सकते हैं, या टॉयलेट इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन हमारे यहां ये नहीं है. नेशनल हाईवे पर जो भी टॉयलेट्स हैं, वो काम नहीं कर रहे हैं. कोई भी वहां मौजूद नहीं है. इसका पूरा बोझ पेट्रोल पंप मालिकों पर पड़ता है. ये बहुत बुरा है."

बता दें कि कोर्ट केरल के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन और कई व्यक्तिगत आउटलेट डीलरों द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी. अपील में सिंगल जज बेंच के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि नेशनल हाईवे पर बने पेट्रोल पंपों के टॉयलेट्स हर समय जनता के लिए खुले रहने चाहिए. 

सिंगल जज बेंच के आदेश के अनुसार, अन्य क्षेत्रों के पेट्रोल पंपों के टॉयलेट्स आम लोगों और आने-जाने वाले यात्रियों के लिए उपलब्ध कराए जाने थे. आदेश में हाईवे से दूर स्थित पेट्रोल पंपों के मालिकों को ये भी निर्देश दिया गया था कि वो सार्वजनिक उपयोग पर तब तक प्रतिबंध न लगाए जब तक कि सुरक्षा को कोई वास्तविक खतरा न हो.

वीडियो: बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश, सड़क खाली करें मनोज जरांगे

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