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UPSC इंटरव्यू में SC-ST, OBC कैंडिडेट को कम नंबर दिए जाते हैं? सरकार ने संसद में क्या बताया?

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की सांसद रजति ने UPSC इंटरव्यू के सिस्टम को लेकर सरकार से तीन सवाल पूछे थे.

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UPSC Personality test system free any discrimination says union minister Jitendra Singh
सवालों के जवाब कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दिए. (फोटो- PTI)
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प्रशांत सिंह
4 दिसंबर 2025 (Published: 10:37 PM IST)
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यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) का इंटरव्यू या पर्सनालिटी टेस्ट (PT) सिस्टम ‘पूरी तरह निष्पक्ष’ है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार, 4 दिसंबर को राज्यसभा को ये जानकारी दी. उन्होंने एक लिखित जवाब में बताया कि UPSC ने स्पष्ट किया है कि इंटरव्यू बोर्ड का अलॉटमेंट पूरी तरह रैंडमाइज्ड तरीके से होता है. इस प्रक्रिया से किसी भी तरह का भेदभाव या पक्षपात पूरी तरह खत्म हो जाता है.

दरअसल, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की सांसद रजति ने UPSC इंटरव्यू के सिस्टम को लेकर सरकार से तीन सवाल पूछे थे. उन्होंने पूछा था-

(1) क्या UPSC परीक्षाओं में OBC, SC एवं ST अभ्यर्थी, जो लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के बराबर अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें इंटरव्यू में जानबूझकर कम नंबर दिए जाते हैं जिससे उनकी फाइनल रैंक कम हो जाती है; यदि हां, तो इसके विवरण क्या हैं?
(2) क्या सरकार इंटरव्यू सिस्टम में अधिक पारदर्शिता लाने की योजना बना रही है, ताकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव न हो; तथा
(3) यदि हां, तो इसके विवरण क्या हैं और यदि नहीं, तो इसके कारण क्या हैं?

इंटरव्यू बोर्ड रैंडमाइज्ड अलॉट किए जाते हैं

इन सवालों के जवाब कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दिए. उन्होंने बताया कि UPSC ने सूचित किया है कि इंटरव्यू बोर्ड्स को कैंडिडेट्स का अलॉटमेंट पूरी तरह रैंडमाइज्ड तरीके से किया जाता है. वो भी उस दिन के पर्सनैलिटी टेस्ट शुरू होने से ठीक पहले किया जाता है.

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सरकार का राज्यसभा में जवाब.
बोर्ड को कैटेगरी नहीं बताई जाती

जवाब में ये भी बताया कि इंटरव्यू बोर्ड के सामने न तो कैंडिडेट की कैटेगरी बताई जाती है और न ही मेंस एग्जाम में उनको मिले नंबर. कैंडिडेट्स को ये भी नहीं पता होता कि बोर्ड में कौन-कौन से सदस्य हैं. इसलिए किसी भी कैटेगरी के उम्मीदवारों के खिलाफ भेदभाव या पक्षपात का तो सवाल ही नहीं उठता, ऐसा सरकार का कहना है. पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी रेकमेंडेड कैंडिडेट्स के नंबर (लिखित परीक्षा के नंबर, इंटरव्यू/पर्सनैलिटी टेस्ट के नंबर और कुल अंक) यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किए जाते हैं.

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