The Lallantop
Advertisement

यूनियन बैंक का कमाल, खरीदीं 7.25 करोड़ की किताबें, राइटर का नाम सुन पूरा 'खेल' समझ जाएंगे

Union Bank Of India भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार Krishnamurthy V Subramaniam की 'किताब इंडिया @100' की लगभग दो लाख कॉपी खरीदे जाने को लेकर जांच के घेरे में है.

Advertisement
Krishnamurthy V Subramabian Union bank of india
यूनियन बैंक इंडिया@100 किताब की खरीद को लेकर सवालों के घेरे में है
pic
आनंद कुमार
6 मई 2025 (Published: 12:38 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत सरकार ने पिछले हफ्ते IMF के बोर्ड से कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन (Krishnamurthy V Subramaniam) को वापस बुला लिया था. कृष्णमूर्ति एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (भारत) के तौर पर वहां अपनी सेवा दे रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स में उनके हटाए जाने का कारण उनकी किताब के प्रचार में कथित गड़बड़ी को बताया गया. अब खबर है कि पब्लिक सेक्टर की बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने उनकी किताब की लगभग दो लाख कॉपी ऑर्डर की थी.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन ने पिछले साल  ‘इंडिया@ 100 : एनविजनिंग टुमॉरोज इकोनॉमिक पावरहाउस’ (India @100 : Envisioning Tomorrow's Economic Powerhouse) नाम से एक किताब लिखी थी. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इस किताब के पब्लिश होने से पहले इसकी लगभग दो लाख कॉपी ऑर्डर की थी. जिसकी लागत 7.25 करोड़ रुपये थी.

जून और जुलाई 2024 में यूनियन बैंक के कार्यालयों के बीच के हुए पत्राचार ET के हाथ लगे हैं. ET ने ऐसे दो लेटर्स देखने का दावा किया है. इनके मुताबिक, अगस्त में किताब के प्रकाशन से पहले बैंक के केंद्रीय कार्यालय के सपोर्ट सर्विसेज डिपार्टमेंट ने अपने 18 रीजनल हेड को लेटर लिखकर उन्हें टॉप मैनेजमेंट द्वारा किताब के हार्ड कवर और पेपरबैक संस्करण खरीदने की जानकारी दी. इन किताबों को कस्टमर्स, कॉरपोरेट्स के साथ-साथ लोकल स्कूल, कॉलेज और लाइब्रेरी में वितरित किया जाना था.

पत्र में आगे बताया गया कि किताब के पेपरबैक संस्करण की 1 लाख 89 हजार 450 कॉपी खरीदी जानी है. जबकि हार्डकवर संस्करण की 10 हजार 422 कॉपी खरीदी जाएगी. कुल मिलाकर यह ऑर्डर 7.25 करोड़ रुपये का होगा.किताब के पेपरबैक संस्करण की एक कॉपी की कीमत 350 रुपये रखी गई थी.जबकि एक हार्डकवर कॉपी की कीमत 597 रुपये बताई गई.

रीजनल कार्यालयों को निर्देश दिया गया कि वो अपने अंतर्गत आने वाले कार्यालयों में किताब की प्रतियां वितरित करें. कुछ बेस्टसेलर लेखकों को छोड़ दे तो भारत में अंग्रेजी की किताब बहुत ज्यादा नहीं बिकती. 10 हजार कॉपी बिकने पर किसी किताब को बेस्टसेलर मान लिया जाता है.

रीजनल कार्यालयों को सलाह भेजे जाने से पहले किताब की खरीद के लिए रूपा पब्लिकेशन को 50 प्रतिशत अग्रिम भुगतान किया जा चुका था. क्षेत्रीय कार्यालयों को बाकी 50 प्रतिशत भुगतान अपने विविध व्यय के तहत उपलब्ध राजस्व बजट से किए जाने की सलाह दी गई.

ये भी पढ़ें - भारत ने सुब्रमण्यन को IMF से वापस बुलाया, पाकिस्‍तानी फंड वाली मीटिंग से पहले ये क्यों हुआ?

यूनियन बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ए मणिमेखलाई और चेयरमैन श्रीनिवासन वरदराजन से ईटी ने इस मामले में टिप्पणी मांगी थी . लेकिन उन्होंने उनके रिक्वेस्ट का कोई जवाब नहीं दिया. इससे पहले 4 मई को बैंक कर्मचारियों के एक संघ ने ए मणिमेखलाई को पत्र लिखकर इंडिया@100 की खरीद पर करोड़ों रुपये के फिजूलखर्ची की जांच की मांग की है. 

वीडियो: मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन के पेपर से जीडीपी पर नया बखेड़ा

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement