SC कॉलेजियम ने सरकार के अनुरोध पर बदला जज का ट्रांसफर, जानिए कौन हैं जस्टिस अतुल श्रीधरन
Justice Atul Sreedharan उस वक्त चर्चा में आए थे, जब MP High Court की एक बेंच ने राज्य के मंत्री विजय शाह के खिलाफ मीडिया में चल रही खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया था. कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे. जस्टिस श्रीधरन भी उस बेंच का हिस्सा थे.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सरकार के अनुरोध पर एक जज का ट्रांसफर छत्तीसगढ़ की बजाय इलाहाबाद हाईकोर्ट में करने की सिफारिश की है. कॉलेजियम ने एक बयान में खुद इसकी पुष्टि की है. बताया कि एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन को पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई थी. बाद में सरकार के अनुरोध पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेजियम ने 14 अक्टूबर को हुई बैठक में इसका फैसला लिया. इससे पहले 25 अगस्त को जस्टिस अतुल श्रीधरन को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में भेजने की सिफारिश की गई थी. कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश बदलने के फैसले की जानकारी देते हुए बुधवार, 15 अक्टूबर को कहा,
2023 में जम्मू-कश्मीर में हुआ था ट्रांसफरसरकार द्वारा पुनर्विचार का अनुरोध करने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 14 अक्टूबर, 2025 को हुई अपनी बैठक में निर्णय लिया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जगह इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की जाए.
रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2023 में जस्टिस श्रीधरन का ट्रांसफर मध्य प्रदेश से जम्मू-कश्मीर कर दिया गया था. उन्होंने खुद इसकी मांग की थी. उनका कहना था कि उनकी बेटी मध्य प्रदेश में वकालत शुरू कर रही है, इस आधार पर उनका ट्रांसफर कर दिया जाए. इसके बाद मार्च 2025 में उनका वापस मध्य प्रदेश ट्रांसफर कर दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह एक असमान्य घटना है, जहां कॉलेजियम ने अपने बयान में खुद माना है कि उसने सरकार के अनुरोध पर अपनी सिफारिश बदली है. अगर जस्टिस श्रीधरन का ट्रांसफर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में होता तो वह वहां दूसरे सबसे सीनियर जज होते. इलाहाबाद हाईकोर्ट में वह वरिष्ठता (Seniority) में सातवें स्थान पर होंगे.
रिपोर्ट में बताया गया है कि जस्टिस श्रीधरन एमपी हाईकोर्ट की उस बेंच का हिस्सा थे, जिसने राज्य के मंत्री विजय शाह के खिलाफ मीडिया में चल रही खबरों का स्वतः संज्ञान लिया था. कथित तौर पर मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी. कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
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जस्टिस अतुल श्रीधरन का करियरबार एंड बेंच के मुताबिक जस्टिस श्रीधरन 1992 में दिल्ली में सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम की टीम का हिस्सा बने थे. फिर 1997 से 2000 तक उन्होंने दिल्ली में स्वतंत्र रूप से वकालत की. फिर 2001 में वह इंदौर आ गए. यहां उन्होंने सीनियर एडवोकेट सत्येंद्र कुमार व्यास के साथ मिलकर काम किया. उन्होंने एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में राज्य के लिए पैनल एडवोकेट और सरकारी एडवोकेट के रूप में भी काम किया. 7 अप्रैल, 2016 को उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया था. फिर 17 मार्च, 2018 को उन्हें स्थायी जज बनाया गया.
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