'हार्ट अटैक का कारण कोविड वैक्सीन नहीं', अचानक होती मौतों पर बोला ICMR
COVID Vaccine Side Effects: ये खबर ऐसे समय में आई है जब कर्नाटक के एक जिले से हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं. यहां पिछले 40 दिनों में हार्ट अटैक से 22 लोगों की मौत हुई है. मामले की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है.

कर्नाटक के हासन जिले से एक डराने वाली खबर आई. यहां 40 दिनों की अवधि में हार्ट अटैक से 22 लोगों की मौत का मामला सामने आया. तीन लोगों की मौत तो 30 जून को ही हुई. 1 जुलाई को इस मामले की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई. इस बीच एक बार फिर से कोविड 19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट (COVID Vaccine Side Effects) को लेकर अटलकें लगाई गईं. अब केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नई रिपोर्ट के हवाले से ऐसी अटकलों को खारिज कर दिया है.
‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (ICMR) और 'नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल' (NCDC) की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि अचानक हो रहीं मौतों और कोविड 19 वैक्सीन का आपस में कोई डायरेक्ट लिंक नहीं है. दोनों एजेंसियों ने अपने अध्ययन के हवाले से आश्वस्त किया है कि भारत में कोविड वैक्सीन सुरक्षित और असरकारी हैं. उनका कहना है कि बहुत ही दुर्लभ मामलों में गंभीर साइड इफेक्ट के परिणाम देखे गए हैं.
लोग अचानक मर क्यों रहे हैं?ICMR और NCDC ने हार्ट अटैक से हुईं अचानक मौतों के कुछ संभाविक कारण भी बताए हैं. जैसे कि जेनेटिक्स, लाइफस्टाइल, शरीर में पहले से मौजूद बीमारियां और पोस्ट-कोविड कॉम्प्लिकेशन.
अध्ययन का तरीका क्या था?प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के मुताबिक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है,
ICMR और NCDC ने साथ मिलकर काम किया, ताकि अचानक हो रहीं मौतों के कारण का पता लगाया जा सके. खासकर 18 से 45 साल के युवाओं के बीच. अलग-अलग नजरिए से दो रिसर्च किए गए. एक पिछले डेटा पर आधारित था और दूसरा वास्तविक समय की जांच से जुड़ा है.
ICMR के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी’ (NIE) के अध्ययन का शीर्षक था, ‘भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अस्पष्ट और अचानक मृत्यु से जुड़े कारक.’ ये अध्ययन मई से अगस्त 2023 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया था. इसमें ऐसे व्यक्तियों को देखा गया जो स्वस्थ दिखते थे लेकिन अक्टूबर 2021 और मार्च 2023 के बीच अचानक मर गए. रिसर्च में पाया गया है कि कोविड-19 टीकाकरण से युवा वयस्कों में अस्पष्ट और अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ता है.
दूसरे अध्ययन का शीर्षक है, ‘युवाओं में अचानक होने वाली अस्पष्ट मौतों के कारणों का पता लगाना’. इस अध्ययन के आंकड़ों के शुरुआती विश्लेषण से पता चलता है कि दिल का दौरा या मायोकार्डियल इंफार्क्शन (MI), इस आयु वर्ग में अचानक मौत का प्रमुख कारण है. इन मौतों के लिए जेनेटिक्स संबंधी संभावित कारणों की पहचान की गई है. ये अध्ययन अभी जारी है, इसके पूरा होने के बाद अंतिम परिणाम जारी किया जाएगा.
मिनिस्ट्री ने वैज्ञानिकों का हवाला दियामंत्रालय ने वैज्ञानिक के हवाले से कहा है कि कोविड टीकाकरण को अचानक मौतों से जोड़ने वाले बयान झूठे और भ्रामक हैं. उनका कहना है कि वैज्ञानिक इन दावों से सहमत नहीं हैं, ऐसी निराधार रिपोर्ट और दावे देश में वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट को मजबूती से बढ़ा सकते हैं, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.
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कर्नाटक से आई है डराने वाली खबर
कर्नाटक के हासन जिले में मरने वाले अधिकतर लोग युवा थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक हाई लेवल जांच कमेटी बनाई गई है. हासन जिले के डिप्टी कमिश्नर केएस लताकुमारी ने बताया कि नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज (NCD) के एक्सपर्ट्स की एक टीम मामले की जांच करेगी. और जल्दी ही रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट में हार्ट अटैक के कारणों की स्टडी की जाएगी. इस कमेटी में NIMHANS, राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट डिजीज, सेंट जॉन्स, BMCRI, मणिपाल हॉस्पिटल्स और ICMR-NCDIR के सदस्य शामिल हैं.
वीडियो: कोविड वैक्सीन से हुई मौतों पर केंद्र ने दिया जवाब