'जो शांति के लिए खड़ा रहा, उसे जेल में डाल दिया', सोनम वांगचुक के अरेस्ट पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. साथ ही BJP पर लद्दाख के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया है.

सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत शुक्रवार, 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया. उनपर 24 सितंबर को लेह में हिंसा को भड़काने का आरोप है. वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर अब विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. साथ ही BJP पर लद्दाख के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने साधा निशानाकांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ‘X’ पर लिखा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, NSA के तहत सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की निंदा करती है. उन्होंने कहा,
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने में BJP विफल रही है. यह (वांगचुक की गिरफ्तारी) जिम्मेदारी से ध्यान हटाने के लिए किया गया. मुद्दे की जड़ यह है कि BJP ने सालों तक लद्दाख के लोगों को धोखा दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि BJP ने 2020 के लेह हिल काउंसिल चुनावों में इस क्षेत्र को छठी अनुसूची का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन वह वादे से मुकर गई है. जयराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार वांगचुक को गिरफ्तार करके इन मुद्दों को टाल नहीं सकती है.
वहीं, TMC की राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार किसी भी असहमति को ‘राष्ट्र-विरोधी’ मानती है और असहमति जताने वालों को कठोर कानूनों के तहत गिरफ्तार करती है.
‘वादे से मुकर गई केंद्र सरकार’इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वांगचुक की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और NDA सरकार पर अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाया. CM अब्दुल्ला ने कहा,
वहां के लोगों से वादे किए गए थे... मुझे समझ नहीं आता कि केंद्र सरकार को वादे करने के बाद मुकरने की क्या मजबूरी है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी सरकार पर हमला बोला और कहा,
आज लेह में कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट बंद है, जो कश्मीर के लंबे समय से चले आ रहे हालात की याद दिलाता है. आज के भारत में सत्ता के सामने सच बोलने की भारी कीमत चुकानी पड़ती है, वरना एक ऐसा शख्स (सोनम वांगचुक) जो जीवन भर शांति और अहिंसा के पक्ष में खड़ा रहा, सलाखों के पीछे कैसे पहुंच सकता था.
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‘तानाशाही चरम पर…’आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘X’ पर लिखे एक पोस्ट में कहा,
रावण का भी अंत हुआ. कंस का भी अंत हुआ. हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ और आज लोग इन सबसे नफरत करते हैं. आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है. तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत बहुत बुरा होता है.

दूसरी तरफ, CPI (M) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और CPI (ML) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी गिरफ्तारी की निंदा की.
बताते चलें कि वांगचुक इससे पहले भी लद्दाख के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग उठाते रहे हैं. लद्दाख से लेकर दिल्ली तक उन्होंने लोगों के साथ प्रदर्शन किया और अपनी मांग उठाई है. लेकिन इस बार 24 सितंबर को प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया. जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें लद्दाख के आम नागरिकों ने जान गंवाई.
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