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मीणा समुदाय के MD के जाने के बाद ऑफिस में छिड़का गंगाजल, वीडियो वायरल

डेयरी के चेयरमैन जीतराम मील पर आरोप है कि उन्होंने एकादशी के अवसर पर MD की कुर्सी और कार्यालय में गंगाजल का छिड़काव करावाया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही समुदाय के लोग काफी नाराज हो गए हैं.

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Sikar Dairy chairman performs cleaning rituals after MD transfer gets criticised
प्रदर्शनकारी डेयरी के बाहर अनिश्चितकालीन विरोध कर रहे हैं. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
9 सितंबर 2025 (Updated: 9 सितंबर 2025, 06:29 PM IST)
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राजस्थान के सीकर-झुंझुनू जिला डेयरी उत्पादक सहकारी संघ में कथित तौर पर जातीय भेदभाव का मामला सामने आया है. आरोप है कि डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) कमलेश मीणा के ट्रांसफर के बाद चेयरमैन जीतराम मील ने ऑफिस में ‘गंगाजल का छिड़काव’ करवाया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. बाद में मीणा समुदाय के लोगों, दूध उत्पादकों, किसानों और अन्य ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ये मामला ‘छुआछूत और भेदभाव की मिसाल’ है, जिसे सहकारी संस्था में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इंडिया टुडे से जुड़े सुशील कुमार जोशी की रिपोर्ट के मुताबिक एमडी कमलेश कुमार मीणा का कुछ समय पहले डेयरी चेयरमैन से विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद उनका तबादला कर दिया गया. इसी घटनाक्रम के तुरंत बाद डेयरी कार्यालय में गंगाजल से शुद्धिकरण करने का वीडियो सामने आया.

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कमलेश मीणा के ट्रांसफर के बाद चेयरमैन जीतराम मील ने एकादशी के अवसर पर MD के कुर्सी और कार्यालय में गंगाजल का छिड़काव करवाया था. इसके खिलाफ 9 सितंबर को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारी डेयरी के बाहर अनिश्चितकालीन विरोध कर रहे हैं. वे विभागीय जांच और चेयरमैन समेत अन्य जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

इससे पहले 8 सितंबर को डांतरामगढ़ के विधायक वीरेंद्र सिंह भी धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. उन्होंने कहा,

"यदि आरोपी पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो हम विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे. डेयरी में छुआछूत, मिलावट या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा. यदि उत्पादों में मिलावट पाई गई, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और खुद जांच करेंगे. जिम्मेदार अपनी गलती सुधारें."

वीरेंद्र सिंह ने घटना को शर्मनाक बताया और कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए ये अस्वीकार्य है. उन्होंने बताया कि डेयरी की स्थापना उनके पिता चौधरी नारायण सिंह के प्रयासों से हुई थी. लेकिन हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण वो अब निजी डेयरी का दूध और दही इस्तेमाल करते हैं.

वहीं, जिला परिषद सदस्य जयंत निठारवाल ने भी डेयरी प्रबंधन से सख्त कदम उठाने की अपील की है. उन्होंने कहा,

"डेयरी प्रबंधन से अपील है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए. नहीं तो आंदोलन तेज होगा."

प्रदर्शनकारी चेयरमैन जीतराम मील के खिलाफ विभागीय जांच और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. मामले को लेकर जीताराम मील का कहना है, “मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना या मीणा समाज को ठेस पहुंचाना नहीं था. जिस दिन गंगाजल का छिड़काव किया गया उस दिन एकादशी थी और डेयरी परिसर में पूजा का कार्यक्रम चल रहा था. और पूजा के लिए पूरे डेयरी परिसर में गंगाजल का छिड़काव करवाया गया था.”

चेयरमैन का कहना है कि कुछ लोग मीणा समाज को गुमराह कर रहे हैं.

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