MP: VIT यूनिवर्सिटी में भड़का छात्रों का गुस्सा, वाहनों में लगाई आग, किस बात पर हुए नाराज?
Sehore VIT Protest: सीहोर के आष्टा में स्थित VIT यूनिवर्सिटी में मंगलवार रात हालात अचानक बेकाबू हो गए. करीब 4 हजार छात्र कॉलेज परिसर में जमा हो गए और देखते ही देखते बसों और गाड़ियां में आग लगा दी. इन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
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मध्य प्रदेश के सीहोर में स्थित VIT यूनिवर्सिटी के कैंपस में 25-26 नवंबर की दरमियानी रात में जमकर बवाल हुआ. तकरीबन 4 हजार छात्रों ने कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कई गाड़ियां तोड़ी गईं. यहां तक कि एंबुलेंस समेत कुछ गाड़ियों में आग लगाने की भी खबरें हैं. सोशल मीडिया में घटना की कुछ तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं, जिनमें यूनिवर्सिटी के कैंपस से धुंए का गुबार जैसा निकलता दिखाई दे रहा है. वहीं कुछ तस्वीरों में टूटी-फूटी और आग के हवाले की गईं गाड़ियां नजर आ रही हैं. आरोप है कि यूनिवर्सिटी के टीचर और गार्ड्स ने कुछ छात्रों के साथ मारपीट की थी, जिसके बाद छात्र भड़क गए और प्रदर्शन किया.
क्या है पूरा मामला?आजतक से जुड़े नावेद जाफरी की रिपोर्ट के अनुसार छात्रों का आरोप है कि कॉलेज मेस में खाना और पानी ठीक क्वालिटी का नहीं मिल रहा है. जिसके चलते कई छात्र बीमार हैं. कुछ को पीलिया हो गया. उनका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. छात्रों का आरोप यह भी है कि इलाज के दौरान कुछ छात्रों की मौत तक हो गई है. इस सब को लेकर उन्होंने कॉलेज प्रशासन से कई बार शिकायत की. लेकिन कोई मुकम्मल सुनवाई नहीं हुई.
इसी के बाद 25 नवंबर की शाम 8 बजे छात्र अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन करने लगे. उनका आरोप है कि कुछ देर प्रदर्शन के बाद वहां कुछ टीचर और गॉर्ड्स आ गए. उन्होंने छात्रों के साथ मारपीट की. इसकी जानकारी जब बाकी छात्रों को हुई तो माहौल बिगड़ने लगा. कॉलेज ग्राउंड में छात्र इकट्ठा होने लगे. कुछ ही देर में ये संख्या हजार से ज्यादा हो गई. इसके बाद रात 12 बजे के करीब उन्होंने कॉलेज कैंपस में तोड़फोड़ शुरू कर दी. गाड़ियों में आग लगा दिया. जानकारी मिलने पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. सीहोर के एसपी दीपक शुक्ला ने दैनिक भास्कर को बताया,
यूनिवर्सिटी ने जारी किया बयानफिलहाल हालात को काबू में कर लिया गया है. यूनिवर्सिटी में 30 नवंबर तक छुट्टी घोषित कर दी गई है. कुछ छात्र अपने घर जा रहे हैं. सभी हॉस्टल के बच्चों से उनकी समस्याओं पर बात की जा रही है. बीमार छात्रों की जानकारी एसडीएम-एसडीओपी ले रहे हैं.
इस सबके बीच एक प्रतिक्रिया यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से भी आई है. VIT भोपाल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार केके नायर ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा,
यूनिवर्सिटी में पीलिया के कारण कोई मौत नहीं हुई है. पीलिया के कुछ मामले जरूर रिपोर्ट हुए थे, लेकिन सभी छात्रों की समय पर उचित चिकित्सकीय देखभाल दी गई थी, और स्थिति बिल्कुल भी चिंताजनक नहीं है. हमने पानी और खाने के सामान की कई बार जांच कराई है. सब कुछ ठीक है. हम इन सभी आरोपों का खंडन करते हैं. ये आरोप प्रेरित और शरारती हैं, जिनका उद्देश्य केवल भ्रम फैलाना है.
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हालांकि इन दावों से इतर टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक छात्र आरोप लगा रहे कि उन्हें मिनरल वाटर खरीदकर पीने पर मजबूर किया जा रहा है. हॉस्टल में पानी की क्वालिटी बहुत खराब रहती है. फिलहाल छात्रों की मौत के दावे की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं अब मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने संस्थान और सरकार कर लापरवाही का आरोप लगाया है. पार्टी ने कहा कि शिक्षण संस्थान VIT में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का पीलिया की चपेट में आना संस्थान और सरकार दोनों की लापरवाही का परिणाम है. आष्टा, सीहोर और भोपाल में अनेक विद्यार्थियों को अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा है, जिनमें से कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार का रवैया भी हिटलर शाही जैसा प्रतीत हो रहा है.
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