‘किडनी देने की बात आई तो बेटा भाग गया’, तेजस्वी, 'हरियाणवी महापुरुष' पर बुरी तरह भड़कीं रोहिणी
X पर लिखे पोस्ट में रोहिणी आचार्य ने उन लोगों पर निशाना साधा जिन्होंने किडनी दान करने को लेकर उन पर सवाल खड़े किए थे.

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से लालू परिवार में भूचाल आ गया है. घर छोड़ने के बाद रोहिणी आचार्य का एक और बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने कहा है कि जो लोग उनके पिता के नाम पर कुछ करना चाहते हैं, उन्हें ‘झूठी सहानुभूति दिखाने का नाटक’ बंद कर देना चाहिए. बयान में रोहिणी ने बार-बार लालू प्रसाद यादव को किडनी डोनेट करने की बात दोहराई है.
X पर लिखे पोस्ट में रोहिणी आचार्य ने उन लोगों पर निशाना साधा जिन्होंने किडनी दान करने को लेकर उन पर सवाल खड़े किए थे. लालू की बेटी ने लिखा,
“जो लोग लालू जी के नाम पर कुछ करना चाहते हैं, वो झूठी हमदर्दी दिखाना बंद करें और आगे आकर उन करोड़ों गरीबों को अपनी किडनी डोनेट करें जो अस्पतालों में आखिरी सांसें गिन रहे हैं. वो लालू जी के नाम पर उन्हें अपनी किडनी डोनेट करें, जिन्हें किडनी की जरूरत है.”
रोहिणी ने आगे लिखा,
“जिन्हें शादीशुदा बेटी का अपने पिता को किडनी देना गलत लगता है, वो हिम्मत है तो उस बेटी से खुली बहस करें ओपन प्लेटफॉर्म पर. जरूरतमंदों को किडनी देने के महादान की शुरुआत पहले वो करें जो बेटी की किडनी को गंदा बताते हैं, फिर हरियाणवी महापुरुष (संजय यादव) करे, चाटुकार पत्रकार करें और हरियाणवी के भक्त ट्रोल्स करें जो मुझे गाली देते नहीं थकते. एक बोतल खून देने के नाम पर जिनका खून सूख जाता है, वो किडनी देने पर उपदेश देते हैं?”

रोहिणी ने एक वीडियो भी पोस्ट किया. इसमें वो एक पत्रकार से बात कर रही हैं. पत्रकार ने रोहिणी से पूछा कि बेटियों को कितने दिन मायके में रुकना चाहिए. जवाब में रोहिणी कहती हैं,
तेजस्वी ने क्या कहा था?“हम कितनी बार मायके में जाकर बैठते हैं, आप जाकर हिसाब-किताब कर लीजिएगा. आपकी तरह घटिया आदमी नहीं है. हम अपने पति के घर में रहते हैं. इस बार भी आपका बॉस तेजस्वी यादव ही बुलाया था, तब हम गए थे. आप ये नहीं पूछे कि शादीशुदा औरत को अपने पिता को किडनी देने की हिम्मत कैसे हुई? बेटा क्यों नहीं दिया, ये बताइए? जब देने की बात आई, तो बेटा भाग गया… अब आप किडनी देने आए हैं…”
इससे पहले पारिवारिक कलह को लेकर तेजस्वी यादव का एक बयान भी सामने आया था. 17 नवंबर को आरजेडी विधायक दल की बैठक में तेजस्वी ने कहा कि अगर पार्टी के लोगों को लगता है कि उन्हें हट जाना चाहिए तो वो किसी दूसरे नेता को चुनने के लिए आजाद हैं. इसके बाद पिता लालू यादव उनकी ढाल बनकर सामने आए और कहा कि तेजस्वी विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व जारी रखें.
बैठक में आरजेडी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती भी मौजूद थीं. विधायकों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव भावुक हो गए और कहा कि अगर वो चाहें तो उनकी जगह किसी दूसरे को विधायक दल का नेता चुन सकते हैं.
चुनावी हार के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए तेजस्वी ने नाम लिए बिना ही बहन रोहिणी आचार्य पर हमला बोला. उन्होंने विधायकों से कहा कि उन पर ‘किसी’ का टिकट काटने का दबाव डाला गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने पूछा,
“मैं क्या करूं? पार्टी देखूं या परिवार?”
विधायकों के जवाब देने से पहले ही, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने दखल देते हुए सभा में मौजूद लोगों से कहा कि तेजस्वी को विधायक दल का नेतृत्व करते रहना चाहिए. लालू के हस्तक्षेप के बाद विधायकों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी को अपना विधायक दल का नेता चुन लिया.
वीडियो: बिहार चुनाव में हार के बाद लालू यादव का बिखरता हुआ परिवार, रोहिणी के साथ तीन और बेटियों ने छोड़ा घर


