बेटी की मौत के बाद पूरे सिस्टम ने मांगी घूस, पूर्व अफसर की पोस्ट से हिला देश, अब हुई कार्रवाई
पूर्व BPCL अधिकारी ने LinkedIn पर एक पोस्ट लिखकर बताया था कि कैसे बेटी की मौत के बाद पूरा सिस्टम उनसे पैसे मांगने लगा. इनमें एंबुलेंस ड्राइवरों, पुलिस और सिविक अथॉरिटीज तक शामिल थे. हालांकि बाद में ये पोस्ट हटा दिया गया था. लेकिन इस पर अब चर्चा हो रही है.

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के एक रिटायर्ड अधिकारी ने कुछ समय पहले अपनी बेटी की मौत के बाद बेंगलुरु पुलिस पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. अब इस मामले में पुलिस ने दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. पूर्व BPCL अधिकारी ने LinkedIn पर एक पोस्ट लिखकर बताया था कि कैसे बेटी की मौत के बाद पूरा सिस्टम उनसे पैसे मांगने लगा. इनमें एंबुलेंस ड्राइवरों, पुलिस और सिविक अथॉरिटीज तक शामिल थे. हालांकि बाद में ये पोस्ट हटा दिया गया था. लेकिन इस पर अब चर्चा हो रही है.
BPCL में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) रहे शिवकुमार की बेटी की सितंबर महीने में ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई थी. शिवकुमार ने बताया कि बेटी अक्षया सिवकुमार IIM अहमदाबाद की ग्रेजुएट थीं. उन्होंने पोस्ट में लिखा,
“एंबुलेंस वाले ने कहा, “कसावण्हल्ली के एक हॉस्पिटल से कोरमंगला के सेंट जॉन्स तक ले जाने के लिए 3000 रुपये दो.” पुलिस वाले बहुत रूड थे, खासकर इंस्पेक्टर. जिसके बाद मेेरे एक पुराने एम्प्लॉयर ने मुझसे पूछा कि क्या मैंने पुलिस के अधिकारियों से बात की. बेटी का पोस्टमॉर्टम हो गया, हमने उनकी आंखें डोनेट कीं और शव को वहां से ले गए.”
शिवकुमार ने बताया कि उन्हें कथित तौर पर श्मशान घाट पर रिश्वत देनी पड़ी. जिसके बाद FIR और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी के लिए पुलिस के पास जाना पड़ा. उन्होंने बताया,
“हम 4 दिन बाद मिले और उन्होंने खुले तौर पर पैसे मांगे, जो मैंने पुलिस स्टेशन में ही दिए. बाद में पता चला कि जहां पैसे लिए जाते हैं, वहां कोई CCTV नहीं है. असल में सब-इंस्पेक्टर ने बहुत अच्छे से बात की, डॉक्यूमेंट्स पर साइन किए और मुझे वो थमा दिए. फिर उन्होंने अपने असिस्टेंट से मिलने को कहा जहां रिश्वत मांगी गई.”
पोस्ट में शिवकुमार ने लिखा,
“बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) में मैं लगातार 5 दिन गया, रोज बताया गया कि कास्ट सर्वे की वजह से ऑफिस में कोई नहीं है. फिर मैंने BBMP के टॉप ऑफिशियल से अप्रोच किया, और चार्ज से ज्यादा पैसे लेकर DC इश्यू किया गया.”
पीड़ित ने आगे लिखा,
“मेरे पास पैसे थे, मैंने दे दिए. गरीब क्या करेगा?”
पोस्ट वायरल होने के बाद दो पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं. बेंगलुरु डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (व्हाइटफील्ड) के परशुराम ने कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बेल्लंदूर पुलिस स्टेशन से अटैच्ड PSI संतोष और PC गोरखनाथ को सस्पेंड किया गया है. डिपार्टमेंटल इंक्वायरी भी की जाएगी.
राज्य सरकार को घेराशिवकुमार के पोस्ट के बाद मामला राजनीतिक भी हो गया. जनता दल (सेक्युलर) के नेता निखिल कुमारस्वामी ने X पर कहा,
“शिवकुमार ने अपनी इकलौती 34 साल की बेटी खो दी. दुख की घड़ी में भी उन्हें रिश्वत देनी पड़ी. एंबुलेंस, पुलिस, BBMP, क्रेमेटोरियम सब जगह. यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, क्रूरता है. इसमें शामिल हर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. अगर एक सीनियर अफसर को ये झेलना पड़ा, तो गरीब को हर दिन क्या सहना पड़ता होगा.”

निखिल कुमारस्वामी ने कर्नाटक सीएम को टैग करते हुए लिखा कि ये शासन और विवेक की परीक्षा है. कर्नाटक इससे बेहतर का हकदार है.
वहीं कर्नाटक भाजपा विधायक और विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड ने कहा कि इस घटना ने बेंगलुरु की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. उन्होंने कहा,
"अपनी इकलौती बेटी को ब्रेन हेमरेज से खोने के बाद, उन्हें हर कदम पर रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ा. एंबुलेंस ड्राइवर और पुलिस से लेकर श्मशान घाट और BBMP तक. यहां तक कि दुख की इस घड़ी में भी, व्यवस्था ने उनका शोषण किया."

उन्होंने आगे कहा,
"कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने यही किया है. भ्रष्टाचार की संस्कृति इतनी गहरी कर दी है कि अधिकारियों को अब परिणामों का डर या शर्मिंदगी महसूस नहीं होती. वो ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे शहर उनका है, उसकी सेवा के लिए नहीं.”
अरविंद ने कहा कि सरकारी कर्मचारी जबरन वसूली करने वालों में बदल गए हैं और नागरिक असहाय, अपमानित और क्रोधित हैं.
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