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उद्धव ने कहा- 'अब हम साथ हैं', राज ठाकरे बोले- 'जो बालासाहेब न कर पाए, फडणवीस ने कर दिया...'

20 साल बाद दोनों भाई एक साथ मंच पर आए और कई बड़े एलान किए. Uddhav Thackeray ने कहा कि वो और Raj Thackeray अब साथ ही रहेंगे. इससे इस बात के संकेत मिले हैं कि BMC चुनाव के पहले दोनों नेताओं के दल हाथ मिला सकते हैं. दोनों ने 'हिंदी बनाम मराठी' को मुद्दा बनाते हुए केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है.

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Raj Thackeray and Uddhav Thackeray
20 साल बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे साथ नजर आए. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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साहिल जोशी
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5 जुलाई 2025 (Updated: 5 जुलाई 2025, 01:47 PM IST) कॉमेंट्स
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महाराष्ट्र में ‘तीन भाषा नीति’ का मामला गरमा गया है. ‘हिंदी बनाम मराठी’ को मुद्दा बनाते हुए राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) एक हो गए हैं. 20 सालों के राजनीतिक मनमुटाव के बाद दोनों नेता एक मंच पर साथ नजर आए हैं. राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला बोला है. 

उन्होंने कहा है कि फडणवीस ने वो कर दिखाया जो बाल ठाकरे भी नहीं कर सके, दोनों नेताओं को साथ ले आए. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने भी एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनका और राज ठाकरे का साथ अब आगे भी बना रहेगा. वर्ली में 'आवाज मराठी चा' विजय रैली को संबोधित करते हुए 5 जुलाई को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा,

मैंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और लड़ाई से बड़ा है. आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ आए हैं. जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया... हम दोनों को साथ लाने का काम.

इस दौरान राज ठाकरे ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर अचानक से हिंदी को इतनी तरजीह क्यों दी जा रही है. उन्होंने कहा,

हम पर हिंदी थोपी जाएगी तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. वो बस मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहते हैं, यही उनका एजेंडा है. लेकिन जब वो ऐसा करने की हिम्मत करेंगे, तो उन्हें मराठी लोगों की ताकत समझ आ जाएगी. वो मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. 

अब वो ये कह रहे हैं कि ठाकरे के बच्चे अंग्रेजी में पढ़े हैं. ये क्या बकवास है. भाजपा के कई नेता अंग्रेजी माध्यम से पढ़े हैं. लेकिन किसी को उनके हिंदुत्व पर संदेह हुआ है?

हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम जाते हैं तो हमारे मराठी पर सवाल उठते हैं. लालकृष्ण आडवाणी, मिशनरी स्कूल में पढ़े हैं तो क्या उनके हिंदुत्व पर सवाल उठे?

दक्षिण भारतीय राज्यों का जिक्र करते हुए राज ठाकरे ने कहा,

दक्षिण में स्टालिन, कनमोझी, जयललिता, नारा लोकेश, आर रहमान, सूर्या, सभी ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है? रहमान ने डायस छोड़ दिया जब एक वक्ता ने हिंदी में बोलना शुरू किया. बालासाहेब और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है, लेकिन वो मातृभाषा मराठी के प्रति बहुत संवेदनशील थे. बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा से समझौता नहीं किया. किसी को भी मराठी को तिरछी नजर से नहीं देखना चाहिए.

BMC चुनाव के लिए हाथ मिला सकते हैं दोनों नेता

कार्यक्रम के दौरान शिव सेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस बात के संकेत दिए कि दोनों दल बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) से पहले हाथ मिला सकते हैं. उन्होंने कहा,

हम साथ रहेंगे. हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं. इन्होंने (विरोधी दलों ने) इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति शुरू कर दी है. अब हम तुम्हें बाहर निकाल देंगे. तुम सबके स्कूल खोज रहे हो. मोदी किस स्कूल में जाते हैं? हिंदुत्व एकाधिकार नहीं है. हम सबसे ज्यादा जड़ जमाए हुए हिंदू हैं. आपको हमें सिखाने की जरूरत नहीं है. 

मुंबई में 92 के दंगों में मराठी लोगों ने ही हिंदुओं को बचाया था. फडणवीस ने कहा कि वो गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे. लेकिन अगर अपनी भाषा के लिए लड़ना गुंडागर्दी है, तो हां हम गुंडे हैं.

Maharashtra Rally
मंच पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे. (तस्वीर: इंडिया टुडे)

ये भी पढ़ें: 'अगर मराठी का अपमान हुआ तो... ' भाषा विवाद पर आदित्य ठाकरे ने दी खुली धमकी

अडानी को भी निशाना बनाया

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा,

अब केंद्र सरकार कहती ‘हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान’ है. हमें हिंदू और हिंदुस्तान तो मंजूर है, लेकिन हिंदी नहीं. हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपकी सात पीढ़ियां खत्म हो जाएंगी, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.

हम हनुमान चालीसा, जय श्री राम के विरोधी नहीं हैं, लेकिन आपको मराठी से क्या दिक्कत है? मुंबई की ज्यादातर जमीन अडानी ने हड़प ली है. हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे शहीदों ने मुंबई के लिए अपना खून बहाया और हम अपनी जमीन भी नहीं बचा पाए. 

कार्यक्रम स्थल पर हजारों की संख्या में दोनों नेताओं के समर्थक पहुंचे. 

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ‘तीन भाषा नीति’ के तहत हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश की थी. लेकिन इन दोनों नेताओं के इस दुर्लभ मिलन की घोषणा और कई अन्य समूहों के कड़े विरोध के बाद,  इस फैसले को वापस ले लिया गया है.

वीडियो: 'मराठी बोलो...', राज ठाकरे के MNS कार्यकर्ताओं ने रेस्टोरेंट मालिक को मारा थप्पड़, वीडियो वायरल

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