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'आखिरी पंक्ति में बैठाया गया...', तो इस वजह से राहुल और खरगे लाल किले नहीं गए?

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने लाल किले पर होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया. इसे लेकर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं.

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Kharge and rahul gandhi
खरगे और राहुल गांधी लाल किले वाले प्रोग्राम में नहीं गए (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
15 अगस्त 2025 (Published: 10:20 PM IST)
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15 अगस्त के दिन पूरे देश की नजरें लाल किले पर होती हैं. प्रधानमंत्री के हाथों ध्वजारोहण के इस राष्ट्रीय जलसे में पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता एक साथ शिरकत करते हैं. लेकिन आजादी के 78 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब 15 अगस्त के दिन दोनों ही सदनों के नेता प्रतिपक्ष जश्न का हिस्सा नहीं बने. न तो राहुल गांधी और न ही मल्लिकार्जुन खरगे लाल किले पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे. इस अनुपस्थिति से बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.  

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करके पूछा कि 'लाल किले पर राहुल गांधी की गैर-मौजूदगी से बहुत खराब संदेश गया है. उन्होंने एक आधिकारिक कार्यक्रम को नजरअंदाज क्यों किया? क्या वह ठीक हैं?'

हालांकि, राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पर ध्वजारोहण के दौरान मौजूद रहे, जहां मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. 

लेकिन दोनों ही लाल किले वाले कार्यक्रम में क्यों नहीं गए?

आजतक टीवी चैनल पर एक डिबेट में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अजय उपाध्याय ने इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा, 

राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता का जो पद है, वह प्रधानमंत्री के बाद कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ अगली पंक्ति में बैठता रहा है. जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक जिसकी भी सरकार रही हो. यह परंपरा रही है. जिस भी दल का नेता विपक्ष रहा हो, उसे अगली पंक्ति में बैठाया जाता रहा है. जब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने तो पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनको अंतिम पंक्ति में बैठाया गया. 

उपाध्याय ने आगे कहा 

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों ही संवैधानिक पद पर हैं. ऐसे में यह संवैधानिक पद की गरिमा का मामला है. किसी व्यक्ति का मामला नहीं है. राहुल गांधी का मामला नहीं है. मल्लिकार्जुन खरगे का भी मामला नहीं है. 

उपाध्याय ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति के साथ अगर ऐसा किया जा रहा है तो ये संविधान की मर्यादा का हनन है. मर्यादा का हनन न हो इसलिए दोनों नेताओं ने (कांग्रेस मुख्यालय पर) राष्ट्रीय पर्व मनाया. राष्ट्रीय ध्वज फहराया. 

उपाध्याय के मुताबिक, पीएम मोदी इस मुद्दे का राजनीतीकरण करना चाहते हैं और ये राजनीतीकरण न हो इसलिए राहुल गांधी और खरगे लाल किले के कार्यक्रम से दूर रहे.

हालांकि, कांग्रेस की ओर से स्वतः इसकी कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है.

उधर भाजपा के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि आज राहुल गांधी की सीट कहां लगी थी? क्या कांग्रेस के लोगों ने देखी? 

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