पाकिस्तान की वजह से भारत झेल रहा सबसे ज्यादा टैरिफ? रघुराम राजन ने ट्रंप पर बड़ी बात बताई
RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने डॉनल्ड ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने रूस की वजह से नहीं बल्कि भारत-पाकिस्तान सीजफायर की वजह से लगाया था.

भारत पर टैरिफ रूस से तेल खरीदने की वजह से नहीं लगा. बल्कि इसलिए लगा कि भारत ने बार-बार प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले दावे को खारिज कर दिया. प्रेसिडेंट ट्रंप कम से कम 60 बार ये कह चुके हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच उन्होंने सीजफायर करवाया. लेकिन भारत ने इसे साफ तौर पर नकार दिया. उधर पाकिस्तान 'जी-सर' वाली मुद्रा में ट्रंप के आगे नतमस्तक हो गया. यही वजह है कि पाकिस्तान को लेकर अमेरिका मई 2025 से सॉफ्ट रुख अपनाए हुए है. ये सब कहा है भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉक्टर रघुराम राजन ने.
दिमाग से खेल रहा पाकिस्तानडॉ रघुराम राजन स्विट्जरलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख के UBC सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स में लोगों को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने टैरिफ और ऑपरेशन सिंदूर पर बात की. उन्होंने कहा कि सीजफायर पर 'पाकिस्तान सही खेल गया.' डॉ राजन आगे कहते हैं कि ये पूरी समस्या एक 'पर्सनैलिटी' से जुड़ी है. खासकर वो पर्सनैलिटी जो इस समय वाइट हाउस में है. इतना कहना था कि लोगों को ये समझते देर न लगी कि डॉ राजन प्रेसिडेंट ट्रंप के बारे में बात कर रहे थे.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा 26 आम लोगों की हत्या के बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकवादियों के ठिकानों पर एक सटीक, सीमित मिलिट्री ऑपरेशन किया. जवाबी कार्रवाई में, जब पाकिस्तानी सेना ने मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल करके भारतीय मिलिट्री और सिविलियन इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले किए, तो भारतीय सेना ने फिर हमला कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) ने भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन कर सीजफायर की मांग की. भारत का उद्देश्य पूरा हो चुका था. आतंकी कैंप्स नेस्तनाबूद किए जा चुके थे. लिहाजा भारत ने तनाव कम करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सीजफायर पर सहमति जताई.
लेकिन, पाकिस्तान को इसमें भी मौका दिखा. सीजफायर के बाद, पाकिस्तानी लीडरशिप ने सीजफायर के लिए ट्रंप की तारीफ की और उन्हें धन्यवाद दिया. वहीं भारतीय मिलिट्री लीडरशिप ने साफ कहा कि सीजफायर तब हुआ जब रावलपिंडी (पाकिस्तानी मिलिट्री हेडक्वार्टर) ने भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन करके कई दिनों से चल रही लड़ाई को रोकने की कोशिश की. भारत जहां ट्रंप के दावे को नकारता रहा, वहीं पाकिस्तान ने उनकी तारीफ कर नोबेल शांति पुरस्कार तक के लिए उनकी सिफारिश की. ट्रंप जैसे व्यक्ति को इससे ज्यादा क्या ही चाहिए.
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रूस का तेल नहीं है टैरिफ की वजहमॉडरेटर के यह पूछने पर कि क्या ‘रूस से कम तेल खरीदना मिस्टर ट्रंप को खुश करने का तरीका है’, इस पर डॉ रघुराम राजन ने कहा,
मुझे नहीं लगता कि रूस से तेल खरीदना कभी भी सेंट्रल मुद्दा था. आपने कल ही देखा कि उन्होंने हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान द्वारा तेल खरीदने को नजरअंदाज कर दिया. मुझे नहीं लगता कि तेल सेंट्रल मुद्दा था.
डॉ राजन के अनुसार उन्हें ऐसा लगता है कि डॉनल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई रोकने का क्रेडिट लेने के बाद, भारत से आए कुछ कमेंट्स सेंट्रल मुद्दा थे. राजन ने आगे कहा, ‘यह सब ट्रंप की वजह से हुआ. इसे लेकर पाकिस्तान ने सही तरीके से खेला. भारत ने यह तर्क देने की कोशिश की कि दोनों देश ट्रंप के बिना ही एक समझौते पर पहुंच गए थे. सच्चाई शायद कहीं बीच में हैं. कुल मिलाकर असर यह हुआ कि भारत को 50% टैरिफ मिला, पाकिस्तान को 19% मिला.’
डॉ रघुराम राजन ने उम्मीद जताई कि भारत और US के बीच दोनों तरफ से समझदारी बनी रहेगी.
वीडियो: डॉनल्ड ट्रम्प ने दी भारत को नई धमकी, कहा-' रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो भारी टैरिफ देना होगा...'

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