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'दिल्ली का पालतू कुत्ता' कह ऑफिस जला डाला, बांग्लादेश में आज नहीं छपा सबसे बड़ा अखबार

The Daily Star office Attacked: Sharif Osman Hadi की मौत के बाद पूरे Bangladesh में हिंसा भड़क उठी. हिंसा की इसी कड़ी में भीड़ ने बांग्लादेश के दो प्रमुख अखबारों 'The Daily Star' और 'Prothom Alo' के दफ्तर में आग लगा दी. द डेली स्टार ने एक ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा कि भीड़ उन्हें 'दिल्ली का पालतू कुत्ता' और 'शेख हसीना का मददगार' कहकर नारे लगा रही है.

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Protesters storm offices of  Bangladesh leading newspapers after sharif osman hadi
ओस्मान हादी की मौत के बाद पूरे बांग्लादेश में तनाव बढ़ता जा रहा है (PHOTO-AP)
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मानस राज
20 दिसंबर 2025 (Updated: 20 दिसंबर 2025, 12:05 PM IST)
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बांग्लादेश में जुलाई 2024 के विद्रोह का प्रमुख चेहरा और कट्टरपंथी ग्रुप इंकलाब मंच के नेता रहे शरीफ उस्मान हादी की 18 दिसंबर को मौत हो गई. उस्मान को अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी. सिंगापुर में इलाज के दौरान हादी की मौत हो गई. हादी की मौत के बाद पूरे बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी. हिंसा की इसी कड़ी में भीड़ ने बांग्लादेश के दो प्रमुख अखबारों 'द डेली स्टार' और 'प्रोथोम आलो' के दफ्तर में आग लगा दी. 35 सालों बाद ऐसा दिन आया जब द डेली स्टार अखबार नहीं छप सका.

The Daily Star पर ये आरोप लगा

बांग्लादेश के विद्रोह ने शेख हसीना की लंबे समय से चली आ रही सरकार को गिरा दिया था. हसीना अब नई दिल्ली में शरण लिए हुए हैं, जिससे भारत और बांग्लादेश के संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं. पत्रकारों और एक सरकारी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि अखबारों को इसलिए निशाना बनाया गया होगा क्योंकि उन्हें हसीना समर्थक और भारत समर्थक माना जाता है, हालांकि दोनों का कहना है कि वे स्वतंत्र हैं. द डेली स्टार ने एक ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा कि भीड़ ने उन्हें 'दिल्ली का पालतू कुत्ता' और 'शेख हसीना का मददगार' कहा.

अखबार के कंसल्टिंग एडिटर कमाल अहमद ने रॉयटर्स को बताया कि अखबार के दफ्तरों पर पहले भी कई छिटपुट हमले हुए हैं, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर कभी हमले नहीं हुए थे. कमाल अहमद बताते हैं,

जब उन्होंने बिल्डिंग में आग लगाई, तो अंदर मौजूद स्टाफ के लोग बाहर नहीं निकल पाए. वे छत पर चले गए, और वे करीब पांच घंटे तक फंसे रहे. हमारे कर्मचारी काले धुएं में सांस लेने के चलते हांफ रहे थे.

उन्होंने बताया कि सुबह 4 बजे के बाद मिलिट्री की मदद से वे आखिरकार बिल्डिंग से बाहर निकल पाए. दफ्तर पर हमले के बाद अखबार ने एक बयान भी जारी किया है. अखबार ने बयान में कहा,

कुछ तत्वों और गुटों ने हादी की मौत के बाद लोगों के गुस्से का फायदा उठाकर दो अखबारों के खिलाफ भीड़ को भड़काया है. ये वो अखबार हैं जो हमेशा निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए खड़े रहे हैं.

(यह भी पढ़ें: बांग्लादेश फिर सुलगा, ढाका समेत कई जगहों पर फैली हिंसा, भारत के खिलाफ नारे)

इस पूरे वाकये पर मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी, शफीकुल आलम ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि मदद के लिए बेचैन लोगों ने उन्हें रोते हुए कॉल किया. बावजूद इसके वह समय पर पत्रकारों की मदद नहीं कर पाए.

वीडियो: दुनियादारी: शरीफ उस्मान हादी की कहानी, जिसकी हत्या पर बांग्लादेश जल उठा

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