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"एयर प्यूरीफायर को ‘मेडिकल डिवाइस’ घोषित करो", दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की गई

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जब ज्यादातर मेडिकल डिवाइस पर केवल 5 प्रतिशत GST लगता है, तो एयर प्यूरीफायर पर इतना ज्यादा टैक्स क्यों?

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PIL before Delhi High Court to declare air purifier as 'medical device', bring down its GST from 18% to 5%
दिल्ली में AQI के संकट को देखते हुए एयर प्यूरीफायर को लग्जरी आइटम नहीं माना जाना चाहिए. (फोटो- freepik)
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प्रशांत सिंह
24 दिसंबर 2025 (Published: 11:40 AM IST)
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दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है. खराब AQI से बचाव के लिए एयर प्यूरीफायर अब लग्जरी नहीं, बल्कि एक जरूरी आवश्यकता बन चुके हैं. इसी मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट में एक जरूरी जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है. एडवोकेट कपिल मदन द्वारा दायर इस PIL में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइसेज रूल्स 2017 के तहत 'मेडिकल डिवाइस' की कैटेगरी में डाला जाए.

बार एंड बेंच से जुड़ी भाविनी श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता का कहना है कि 2020 में केंद्र सरकार द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार एयर प्यूरीफायर पूरी तरह से मेडिकल डिवाइस के क्राइटेरिया पर खरे उतरते हैं.

एयर प्यूरीफायर पर फिलहाल 18 प्रतिशत GST लग रहा है. एडवोकेट कपिल मदान द्वारा दायर याचिका के अनुसार, दिल्ली में AQI के संकट को देखते हुए एयर प्यूरीफायर को लग्जरी आइटम नहीं माना जा सकता. याचिका में कहा गया है कि एयर प्यूरीफायर पर सबसे ऊंची स्लैब में GST लगाना, बड़ी आबादी के लिए इसे आर्थिक रूप से पहुंच से बाहर कर देता है.

याचिकाकर्ता का तर्क है कि जब ज्यादातर मेडिकल डिवाइस पर केवल 5 प्रतिशत GST लगता है, तो एयर प्यूरीफायर पर इतना ज्यादा टैक्स क्यों? ये भेदभाव समानता के सिद्धांत और सार्वजनिक स्वास्थ्य के उद्देश्य से मेल नहीं खाता. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित कर GST दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया जाए. ताकि प्रदूषण के इस संकट में आम लोग इसे आसानी से खरीद सकें.

ये PIL कपिल मदन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के तहत दायर की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच इस मामले की सुनवाई बुधवार 24 दिसंबर को करेगी. इस बेंच में चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला शामिल हैं.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: दिल्ली वायु प्रदूषण कम करने का बीजिंग मॉडल सरकार को क्यों नहीं दिखता?

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