'पाकिस्तान हमला बोले तो हमें दक्षिण भारत कब्जा लेना है', PFI पर NIA ने कोर्ट में बहुत बड़ी बातें बताईं
NIA ने कोर्ट के सामने दावा किया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बड़े नेताओं ने एक साजिश रची, जिसका मकसद मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाना और हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाना था. कैसे सबकुछ चल रहा था, क्या थी इनकी लंबी योजना? सब कोर्ट में बताया गया है.

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दिल्ली की एक अदालत में कहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा है. एजेंसी ने दावा किया कि PFI के बड़े नेताओं ने एक साजिश रची, जिसका मकसद मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाना और हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाना था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने ‘पीएफआई लीडरशिप केस’ में पटियाला हाउस कोर्ट के सामने अपनी दलीलें पूरी कर ली हैं. यह वही मामला है, जिसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के शीर्ष नेताओं पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.
NIA के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) राहुल त्यागी ने अदालत में कहा कि एजेंसी के पास PFI के खिलाफ सबूत हैं. उन्होंने बताया,
एक गवाह ने हमें बताया कि PFI की कक्षाओं में यह सिखाया जाता था कि अगर भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ तो जब देश का ध्यान उत्तर यानी नॉर्थ में होगा, तब वे दक्षिण से हमला कर साउथ इंडिया पर कब्जा कर लेंगे.
उन्होंने दावा किया कि PFI यह प्रचार करता था कि भारत में इस्लाम खतरे में है, ताकि हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके. इसी प्रचार के जरिए वह मुस्लिम युवाओं को प्रभावित कर उन्हें कट्टर बना रहा था और जिहाद में शामिल होने के लिए कथित तौर पर उकसा रहा था. SPP त्यागी ने आगे कहा,
PFI ने अपने सदस्यों को ISIS में शामिल होने और भारत में खिलाफत और शरिया कानून स्थापित करने के लिए उकसाया… वे हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट डालने के लिए भाषण दे रहे थे. प्रचार यह किया जा रहा था कि मुगलों के शासनकाल में भारत इस्लामी था, लेकिन उनके पतन के बाद मुसलमानों की स्थिति बिगड़ गई.
इस मामले में कुल 20 आरोपी हैं. मार्च 2023 में चार्जशीट दाखिल की गई थी. अब अगली सुनवाई में आरोपी अपनी बात रखेंगे. दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद मुकदमे की सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है.
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गृह मंत्रालय के मुताबिक, बीते कुछ सालों में PFI के सदस्यों से कई बार आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है. इनमें बम (IED) बनाने से जुड़े कागज, भारत को इस्लामी देश बनाने की बात करने वाले दस्तावेज, रेडियो सेट, IS समर्थक वीडियो वाली पेन ड्राइव, गोला-बारूद और हथियार शामिल हैं. सितंबर 2022 में, सरकार ने PFI और इससे जुड़े संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया था.
वीडियो: PFI बैन होने के बाद क्या बदल जाएगा?

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