महिला को खदान में मिले 8 बेशकीमती हीरे, हफ्ता भर पहले ही शुरू किया था काम
सबसे बड़ा हीरा 0.79 कैरेट का है, जो अपनी चमक और गुणवत्ता के लिए खास माना जा रहा है. दो हीरे ऑफ-कलर श्रेणी के हैं.

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक महिला मजदूर की किस्मत कुछ दिनों में ही बदल गई. महिला को एक हफ्ते के भीतर खदान से 8 बेशकीमती हीरे मिले हैं. महिला ने हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर खदान में काम शुरू किया था. आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई.
आजतक से जुड़े अनुपम सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक मामला पन्ना जिले के बड़गड़ी गांव का है. जहां मजदूर महिला रचना गोलदार की किस्मत और मेहनत ऐसी चमकी कि उन्हें एक सप्ताह के भीतर खदान से 8 बेशकीमती हीरे खोज निकाले. इन 8 हीरों में से 6 जेम्स क्वालिटी के हैं.
महिला को खदान से मिले 8 हीरेहीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि रचना को मिले 8 हीरों में से 6 जेम्स क्वालिटी के हैं, जिनका कुल वजन 2.53 कैरेट है. इनमें सबसे बड़ा हीरा 0.79 कैरेट का है, जो अपनी चमक और गुणवत्ता के लिए खास माना जा रहा है. बाकी दो हीरे ऑफ-कलर श्रेणी के हैं. रचना ने सभी हीरों को हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है, जहां इन्हें आगामी नीलामी में शामिल किया जाएगा. इस नीलामी से रचना को अच्छी-खासी रकम मिलने की उम्मीद है, जो उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगी.
नजरें नीलामी परबता दें कि पन्ना जिला भारत का एकमात्र हीरा पैदा करने वाला क्षेत्र है. ये हमेशा से अपनी हीरे की खदानों के लिए प्रसिद्ध रहा है. यहां की खदानों से मिलने वाले हीरे न केवल स्थानीय लोगों की जिंदगी बदलते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी खास पहचान रखते हैं. रचना की कहानी उन हजारों मजदूरों के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों में मेहनत कर अपने सपनों को सच करने की कोशिश करते हैं.
रचना के परिवार में इस उपलब्धि से खुशी का माहौल है. उनकी मेहनत और धैर्य ने साबित कर दिया कि सच्ची लगन से बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. अब सभी की नजरें आगामी नीलामी पर टिकी हैं, जहां इन हीरों की कीमत तय होगी. रचना की ये सफलता न केवल उनकी जिंदगी में बदलाव लाएगी, बल्कि अन्य मजदूरों को भी प्रेरित करेगी कि मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है.
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