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IT विभाग आपके ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट तक घुसेगा, इनकम टैक्स वालों के लिए नया कानून जानना जरूरी

नए नियमों के तहत, कर अधिकारियों को निजी डिजिटल स्पेस तक पहुंचने की शक्ति मिलेगी, जिसमें ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट और ऑनलाइन वित्तीय प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

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Income Tax Bill
सांकेतिक तस्वीर. (India Today)
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सौरभ
5 मार्च 2025 (Published: 08:33 PM IST) कॉमेंट्स
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सालाना 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट की वजह से नया आयकर विधेयक खूब चर्चा में रहा है. लेकिन अब करदाताओं के लिए अच्छी खबर नहीं है. अप्रैल 2026 से, भारत के आयकर नियमों में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. नए नियमों के तहत, कर अधिकारियों को निजी डिजिटल स्पेस तक पहुंचने की शक्ति मिलेगी. इसमें ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट और ऑनलाइन वित्तीय प्लेटफॉर्म तक पहुंच शामिल हैं. 

प्रस्तावित आयकर विधेयक 2025 के अनुसार, यदि कोई कर अधिकारी किसी व्यक्ति पर आय या संपत्ति छिपाने का संदेह करता है, तो वह एक्सेस कोड को ओवरराइड कर सकता है और सीधे डिजिटल स्पेस में प्रवेश कर सकता है ताकि जानकारी जुटाई जा सके. सरकार का कहना है कि यह इनकम टैक्स कानूनों को सरल बनाने के लिए है.

हालांकि, यह कानून बनने से पहले चयन समिति (Select Committee) इसकी समीक्षा करेगी. लेकिन चर्चा उस प्रावधान की ज्यादा है जो टैक्स जांच के दायरे को पहले से कहीं अधिक बढ़ा देता है और ‘वर्चुअल डिजिटल स्पेस’ (Virtual Digital Spaces) को भी शामिल करता है.

विधेयक में 'वर्चुअल डिजिटल स्पेस' को परिभाषित किया गया है-

(i) ईमेल सर्वर
(ii) सोशल मीडिया अकाउंट
(iii) ऑनलाइन निवेश खाता, ट्रेडिंग खाता, बैंकिंग खाता आदि
(iv) कोई भी वेबसाइट जो किसी संपत्ति के स्वामित्व का विवरण संग्रहीत करने के लिए उपयोग की जाती हो
(v) रिमोट सर्वर या क्लाउड सर्वर
(vi) डिजिटल एप्लिकेशन प्लेटफ़ॉर्म
(vii) कोई अन्य इसी तरह का डिजिटल स्पेस.

ITT
इनकी जांच हो सकती है.

इसके साथ ही विधेयक में यह भी बताया गया है कि किस अधिकारी को जांच का अधिकार मिलेगा. विधेयक में ‘अधिकृत अधिकारी’ (Authorised Officer) को निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया गया है-

(i) ज्वाइंट डायरेक्टर या एडिश्नल डायरेक्टर
(ii) ज्वाइंट कमिश्नर या एडिश्नल कमिश्नर
(iii) असिटेंट डायरेक्टर या डिप्टी डायरेक्टर
(iv) असिस्टेंट कमिश्नर या डिप्टी कमिश्नर
(v) इनकम टैक्स ऑफिसर या टैक्स रिकवरी ऑफिसर

IT
ये जांच कर सकते हैं.

इसका मतलब यह है कि ये अधिकारी अब कर जांच के दौरान डिजिटल डेटा तक पहुंच बना सकते हैं और आवश्यक समझे जाने पर डिजिटल स्पेस की तलाशी ले सकते हैं. 

वीडियो: खर्चा पानी: न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 की खास बातें क्या हैं? क्या ओल्ड टैक्स सिस्टम बंद होने वाला है?

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