मराठों को मनाया तो अब नई मुसीबत, फडणवीस सरकार के लिए चुनौती बन गए अपने ही साथी
Maratha Reservation की मांग को स्वीकार कर फडणवीस सरकार ने मराठा समाज को तो मना लिया लेकिन अब OBC समाज की नाराजगी मोल ले ली है. सरकार के एक मंत्री ही उसके विरोध में उतर आए हैं. ऐसे में अब फडणवीस सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है.

महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार ने मराठा समाज (Maharashtra Maratha Reservation) की आरक्षण की मांग स्वीकार करके मराठा आंदोलन को तो शांत कर लिया, लेकिन अब नई मुसीबत उसके सामने खड़ी हो गई है. मराठा समाज को ओबीसी कोटे में शामिल कर आरक्षण देने के फैसले से अब ओबीसी समाज नाराज हो गया है. ओबीसी समाज ने फैसले को कोर्ट में चुनौती देने और आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
गौरतलब है कि हाल ही में मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में एक बार फिर आंदोलन तेज हो गया था. मराठा नेता मनोज जरांगे मांग न पूरी होने तक भूख हड़ताल में बैठ गए थे. आखिरकार फडणवीस सरकार ने मराठा समाज की मांग मान ली और मराठों को कुनबी का दर्जा देकर ओबीसी आरक्षण में शामिल करने के लिए गजट लागू करने का फैसला किया. लेकिन अब ओबीसी समाज सरकार के इस फैसले से नाराज दिख रहा है.
छगन भुजबल ने खोला मोर्चामहाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की चेतावनी दे डाली. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि मराठा समाज को ओबीसी में शामिल करने से आरक्षण का संतुलन बिगड़ जाएगा. भुजबल ने कहा कि उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि सीएम फडणवीस ऐसा फैसला करेंगें.
भुजबल ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि फैसले से पहले न तो मंत्रिमंडल को विश्वास में लिया गया और न ही ओबीसी समुदाय से चर्चा की. वहीं ओबीसी महासंघ ने भी फैसले के विरोध में सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है. महासंघ ने साफ किया कि वह मराठों को ओबीसी कोटे में शामिल करने के सख्त खिलाफ हैं और इसके लिए वह अदालत से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेंगे.
डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकारमामला बिगड़ता देख राज्य सरकार अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है और ओबीसी समुदाय की नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए सरकार ने मराठा उप-समिति की तर्ज पर ओबीसी के लिए भी कैबिनेट की उप-समिति गठित करने का फैसला किया है. इस समिति में भाजपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा मंत्री छगन भुजबल, गणेश नाईक, गुलाबराव पाटिल, संजय राठौड़, पंकजा मुंडे, अतुल सावे और मंत्री दत्तात्रय भरणे को उप-समिति का सदस्य बनाया गया है.
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इस समिति में सभी ओबीसी समुदाय के लोग शामिल हैं. महाराष्ट्र सरकार ने समिति को लेकर कहा है कि उप-समिति के माध्यम से ओबीसी समाज के कल्याण के लिए विकासात्मक निर्णय लिए जाएंगे. सरकार का कहना है कि समिति राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं पर अध्ययन करने के बाद अपना सुझाव देगी.
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