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PM मोदी ने तमिलनाडु में पहले वर्टिकल सस्पेंशन ब्रिज का उद्धाटन किया, इसके बारे में सबकुछ जानिए

नया पंबन ब्रिज साल 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा. जो एक कैंटीलीवर संरचना के तहत बना था. यह पुल रामेश्वरम द्वीप को भारत की धरती से जोड़ता है.

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new Pamban Bridge pm modi inaugurates india first vertical lift railway bridge rameswaram
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
6 अप्रैल 2025 (Updated: 6 अप्रैल 2025, 04:27 PM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 6 अप्रैल को तमिलनाडु के रामेश्वरम में देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया. इस ब्रिज का नाम पंबन ब्रिज है. इसकी लंबाई 2.08 किमी है. पीएम ने हरी झंडी दिखाकर एक ट्रेन को इस ब्रिज से रवाना किया. इस पुल की नींव नवंबर 2019 में रखी गई थी.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक यह नया ब्रिज साल 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो एक कैंटीलीवर संरचना के तहत बना था. यह पुल रामेश्वरम द्वीप को भारत की धरती से जोड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा पुल काफी पुराना हो गया था, और बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं के हिसाब से पुल की भार झेलने की क्षमता कम हो गई थी.

क्या है खासियत?

इस पुल का निर्माण 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है. यह ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है. इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठ सकता है. पानी के जहाज़ इसके नीचे से आसानी से गुजर सकते हैं. इस पुल की उम्र 100 साल निर्धारित की गई है.

पंबन ब्रिज
पंबन ब्रिज

नए पंबन ब्रिज को स्टेनलेस स्टील और पूरी तरह से वेल्डिंग जोड़ों के साथ तैयार किया गया है. इसे ऐसे खास  पेंट से कोट किया गया है, जो इसे जंग से बचाएगा. इससे खारे समुद्री वातावरण में अधिक लंबे समय तक सुरक्षा मिलेगी. नया पंबन रेल पुल भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिज़ाइन किया गया है. 

पंबन ब्रिज
पंबन ब्रिज

रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के डायरेक्टर एम.पी. सिंह ने बताया कि इस ब्रिज पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन संचालन के लिए सुरक्षित है. हालांकि यह पुल 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनों को चलाई जा सकती है. रामेश्वरम छोर की ओर इसके एलाइनमेंट में कर्वेचर (घुमाव) के कारण स्पीड को सुरक्षित रूप से 80 किलोमीटर प्रति घंटे पर तय किया गया है.

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