ट्रेड डील पर नरम पड़े ट्रंप, कहा- भारत से फिर होगी बात, मोदी ने ये जवाब दिया
ट्रंप की इस टिप्पणी को उनके रुख में भारत के प्रति नरमी के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि SCO शिखर सम्मेलन के बीच उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत और रूस दोनों देशों को चीन के हाथों गंवा दिया है.

SCO में भारत, चीन और रूस की ‘एकता’ का असर दिखने लगा है. इन तीनों देशों की नजदीकियों की बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति अपने रुख में नरमी बरती है. ट्रंप ने मंगलवार 9 सितंबर को कहा कि दोनों देशों के बीच ट्रेड पर अटकी फांस को लेकर वह भारत से बातचीत जारी रखे हुए हैं. ट्रंप ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में वह अपने फ्रेंड और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करने को उत्सुक हैं. उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रंप के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए अमेरिका को भारत का घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार बताया. मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए बातचीत जारी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा,
“मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों देशों के बीच ट्रेड बैरियर को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं. मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल परिणाम पर पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी.”
इसके बाद बुधवार सुबह मोदी ने ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट को फिर से शेयर करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि व्यापार वार्ता भारत-अमेरिका साझेदारी को आगे बढ़ाने का काम करेगी. मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं. मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की संभावनाओं को आगे बढ़ाएगी. हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं. मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के लिए भी उत्सुक हूं. हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे.”

ट्रंप की इस टिप्पणी को उनके रुख में भारत के प्रति नरमी के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि SCO शिखर सम्मेलन के बीच उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत और रूस दोनों देशों को चीन के हाथों गंवा दिया है.
इसके बाद उन्होंने अपने रुख में नरमी लाते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक “महान प्रधानमंत्री” बताया था. ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि वे हमेशा दोस्त रहेंगे. जवाब में मोदी ने कहा था कि वह ट्रंप की भावनाओं और द्विपक्षीय संबंधों के उनके सकारात्मक आकलन की गहरी सराहना करते हैं और पूरी तरह से उनका समर्थन करते हैं. ट्रंप ने पहले भी रूस के साथ भारत के व्यापारिक व्यवहार और ऊर्जा संबंधों की आलोचना की थी. उन्होंने अमेरिका के भारत के साथ संबंधों को एकतरफा बताया था.
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एक दिन पहले ही अमेरिकी-चीन मामलों के एक्सपर्ट गॉर्डन चांग ने कहा था ट्रंप को टैरिफ के मुद्दे पर और नरमी बरतने की जरूरत है. उन्हें ऐसा जरूर करना चाहिए क्योंकि अमेरिका के पास अब भी मौका है और उन्होंने अब तक भी चीन के हाथों भारत को नहीं खोया है. न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत भी अमेरिका से संबंध खराब नहीं करना चाहता.
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