नागालैंड के गवर्नर ला गणेशन का निधन, पीएम मोदी, तमिलनाडु के सीएम समेत नेताओं ने श्रद्धांजलि दी
ला गणेशन तमिलनाडु के वरिष्ठ बीजेपी नेता थे. वह मणिपुर के राज्यपाल भी रह चुके थे.

नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन का 80 साल की उम्र में निधन हो गया. चेन्नई के अस्पताल में इलाज के दौरान 15 अगस्त को हुए उनके निधन पर पीएम मोदी, तमिनलाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई नेताओं ने दुख जताया.
कुछ दिन पहले ला गणेशन चेन्नई के टी नगर में मौजूद अपने आवास के बाथरूम में गिर गए थे. जिससे उनके सिर में चोट लग गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
PM Modi समेत कई ने जताया दुखप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट कर कहा कि ला गणेशन के निधन से उन्हें दुख हुआ. उन्होंने आगे लिखा,
ला गणेशन को एक समर्पित राष्ट्रवादी के रूप में याद किया जाएगा. जिन्होंने अपना जीवन सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने तमिलनाडु में BJP का विस्तार करने के लिए कड़ी मेहनत की. तमिल संस्कृति के प्रति भी उनका गहरा लगाव था. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं.
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा,
ला गणेशन जी के निधन से गहरा दुख हुआ. उन्हें हमारे राज्य के कल्याण के प्रति उनकी सच्ची प्रतिबद्धता और राष्ट्र के प्रति उनकी समर्पित सेवा के लिए याद किया जाएगा. इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ला गणेशन को याद करते हुए X पर तमिल भाषा में एक लंबा पोस्ट लिखा. इसमें उन्होंने कहा,
कौन थे La Ganesan?ला गणेशन के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ. वो उन विरले नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अलग-अलग विचारधाराओं वाले आंदोलनों के नेताओं से भी सम्मान अर्जित किया. उन्होंने आपातकाल की घोषणा का विरोध किया और गीत लिखे. ला गणेशन तमिल संस्कृति के विद्वान कलैगनार (एमके स्टालिन के पिता एम करुणानिधी) का बहुत सम्मान करते थे. उल्लेखनीय है कि जब कलैगनार मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गणेशन के जन्मदिन पर उनके घर जाकर अपना स्नेह जताया था.
तमिलनाडु में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे ला गणेशन मणिपुर के राज्यपाल रह चुके थे और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके थे. हाल ही में चेन्नई में उन्होंने अपना 80वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया था. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी शामिल हुए थे.
द हिंदू की खबर के मुकाबिक, ला गणेशन तंजावुर जिले के रहने वाले थे. वो कर्नाटक संगीत के प्रशंसक थे और तिरुवैयारु में होने वाले सालाना ‘त्यागराज आराधना’ में जरूर जाते थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से उनका जुड़ाव उनके स्कूल के दिनों से ही शुरू हो गया था. और उनका परिवार इस संगठन से गहराई से जुड़ा हुआ था.
आरएसएस के सूत्रों ने द हिंदू को बताया,
वो एक सरकारी कर्मचारी थे और रेवेन्यू सेटलमेंट इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे. इसके बाद वो इस्तीफा देकर RSS के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए. उन्होंने तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में काम किया और आपातकाल के दौरान आरएसएस के मुख्य संगठक बने.
1991 में ला गणेशन को तमिलनाडु में BJP के विस्तार में मदद के लिए नियुक्त किया गया. बाद में पार्टी के काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने RSS के उप-संगठन सचिव पद से इस्तीफा दे दिया. वो BJP की तमिलनाडु इकाई के महासचिव और अध्यक्ष रहे. राष्ट्रीय स्तर पर वो BJP उपाध्यक्ष के पद पर रहे.
ला गणेशन ने दक्षिण चेन्नई लोकसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ा, हालांकि दोनों ही बार असफल रहे. ला गणेशन ने भाजपा के तमिल मुखपत्र ओरे नाडु (एक राष्ट्र) के संपादक के रूप में भी काम किया.
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