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मुर्शिदाबाद पहुंचे बंगाल के राज्यपाल, पीड़ितों से मिलने के बाद बोले-' यह कट्टरवाद का सबसे खराब रूप'

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल CV Ananda Bose ने मुर्शिदाबाद में हुई घटना को विचित्र और बर्बरता पूर्ण बताया है. साथ ही पूरे मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाने की बात कही है.

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा किया. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
19 अप्रैल 2025 (Updated: 19 अप्रैल 2025, 09:27 PM IST)
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Ananda Bose) ने शनिवार, 19 अप्रैल को दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने हिंसा में मारे गए पिता-पुत्र के परिवार वालों से मुलाकात की. उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया है. राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद में हुई घटना को विचित्र और बर्बरता पूर्ण बताया है. साथ ही पूरे मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाने की बात कही है.

राज्यपाल सीवी आनंद बोस का यह दौरा हिंसा में पीड़ितों से मिलने के लिए था. पिछले हफ्ते वक्फ अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी. खासकर मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिले में. हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई. वहीं कई परिवारों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी.

इस दौरान इंडिया टुडे से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा,

“मुझे इस मामले में विरोधाभासी रिपोर्टें मिल रही थीं. इसलिए मैंने खुद मुर्शिदाबाद जाकर स्थिति का आकलन किया. जो मैंने देखा वह विचित्र और बर्बर था. यह मानव व्यवहार के पतन की प्रवृत्ति को दर्शाता है.”

उन्होंने कहा,

“पहले चुनावों के समय ही हिंसा होती थी. लेकिन अब यह लगातार हो रही है. अब एक वर्ग दूसरे पर बल प्रयोग करने की कोशिश कर रहा है. यह कट्टरवाद का सबसे खराब रूप है. लोगों का सिस्टम से भरोसा उठ गया है.”

राज्यपाल ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी मांगें रखी हैं. बोस ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार के सामने रखेंगे. लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में साझा नहीं कर सकते हैं. बातचीत में राज्यपाल ने आगे कहा कि पीड़ित लोग स्थायी BSF कैंप की मांग कर रहे हैं. ताकि भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. दौरे के दौरान वे समशेरगंज, धुलियान, सुती और जंगीपुर जैसे इलाकों में भी पहुंचे. इस दौरान वे हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की.

बता दें कि इस पूरे विवाद की जड़ वक्फ अधिनियम है. जो मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गई संपत्तियों को नियंत्रित करता है. राज्य के कुछ हिस्सों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे. इसके बाद हिंसा भड़क उठी.

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