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मुंबई में जज साहब बने ‘वॉन्टेड’! क्लर्क को 15 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया, ACB ने दर्ज की FIR

FIR Against Mumbai Sessions Judge: मुंबई ACB ने सेशन कोर्ट के जज और क्लर्क, दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की है. क्लर्क को पहले ही ACB ने गिरफ्तार कर लिया है. पूरा मामला एक जमीन पर कब्जे से जुड़ा हुआ है.

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Mumbai Sessions Court judge named in FIR by ACB after clerk caught accepting bribe
जज के क्लर्क को 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. (Photo: ITG/File)
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सचिन कुमार पांडे
13 नवंबर 2025 (Published: 02:57 PM IST)
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मुंबई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने सेशंस कोर्ट के एक जज को वांटेड आरोपी घोषित किया है. ACB ने जज के क्लर्क को रंगे हाथ 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. क्लर्क ने कथित तौर पर एक केस के सिलसिले में एक बिजनेसमैन से 25 लाख रुपये की डिमांड की थी. ACB के मुताबिक क्लर्क ने कहा था कि इसमें 10 लाख उसके लिए हैं और 15 लाख जज के लिए. कथित तौर पर बातचीत के बाद रिश्वत की फाइनल रकम 15 लाख रुपये तय हुई. अब ACB ने सेशंस कोर्ट के जज और क्लर्क, दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

क्या है मामला?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पूरा मामला एक जमीन पर कब्जे से जुड़ा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के बांद्रा के एक बिजनेसमैन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसकी जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया है. इसे लेकर उसने 2015 में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हालांकि, जमीन की कीमत 10 करोड़ रुपये से कम थी, इसलिए हाई कोर्ट ने मार्च 2024 में यह केस मझगांव स्थित सेशंस कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था.

रिपोर्ट में ACB के हवाले से बताया गया है कि 9 सितंबर 2025 को सेशंस कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. इसके बाद एडिशनल सेशंस जज एजाजुद्दीन एस काजी के क्लर्क चंद्रकांत वासुदेव ने कथित तौर पर बिजनेसमैन को चेंबूर के एक कैफे में बुलाया. एसीबी के मुताबिक क्लर्क ने बिजनेसमैन से कहा कि अगर वह अपने हक में फैसला चाहते हैं तो 25 लाख रुपये दें. इस पर बिजनेसमैन ने कहा कि वह इतनी रकम दे पाने की स्थिति में नहीं हैं.

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ACB ने बिछाया जाल

एसीबी के अनुसार क्लर्क वासुदेव ने बिजनेसमैन से बार-बार रिश्वत की डिमांड की. इसके बाद बिजनेसमैन ने 10 नवंबर को मुंबई एसीबी के वर्ली ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई. एसीबी ने बताया कि शिकायत को वेरिफाई करने के बाद उसने जज के क्लर्क को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. 11 नवंबर को उसे पैसे लेने के लिए बुलाया गया और रंगे हाथ 15 लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया गया. ACB के मुताबिक पैसे लेने के बाद क्लर्क ने जज को भी फोन किया और बताया कि उसे पैसे मिल गए हैं.

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