The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • MP PG degree holders and engineers among applicants of police constable exam

MP में कांस्टेबल भर्ती आई, 32 हजार इंजीनियर, 52 हजार पोस्ट ग्रैजुएट और Ph.D वालों ने भी फॉर्म भरा

परीक्षा के लिए सिर्फ 10वीं पास होनी जरूरी है. लेकिन अप्लाई करने वालों में हजारों की संख्या में पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियर्स तो हैं ही, Ph.D डिग्री वाले भी शामिल हैं.

Advertisement
MP PG degree holders and engineers among applicants of police constable exam
30 अक्टूबर को दो पालियों में ये एग्जाम आयोजित किया जाएगा. (फोटो- आजतक)
pic
प्रशांत सिंह
9 अक्तूबर 2025 (Published: 11:52 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया हाल ही में खत्म हुई. भर्ती के लिए 9 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया. चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें हजारों की संख्या में पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियर्स तो हैं ही, Ph.D डिग्री वाले भी शामिल हैं. (MP police constable exam applicants)

भर्ती के लिए सिर्फ 10वीं पास होनी जरूरी

मध्यप्रदेश पुलिस की कांस्टेबल भर्ती 7 हजार 500 पदों के लिए होनी है. 30 अक्टूबर को दो पालियों में इसका एग्जाम आयोजित किया जाएगा. इस परीक्षा के लिए सिर्फ 10वीं पास होनी जरूरी है. लेकिन अप्लाई करने वालों में 52 हजार पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स हैं. 33 हजार छात्रों ने ग्रेजुएशन किया हुआ है. वहीं 12 हजार कैंडिडेट्स ने इंजीनियिरिंग जैसी प्रोफेशनल डिग्री ली हुई है. और करीब 50 Ph.D वाले कैंडिडेट्स भी शामिल हैं.

नौकरियां उस स्तर की नहीं!

इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों ने ये तो स्पष्ट कर दिया है कि मध्यप्रदेश में हज़ारों युवा सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए हैं. उच्च स्तर की पढ़ाई करने के बावजूद कांस्टेबल भर्ती में आवेदन रोज़गार की हकीकत को दर्शाता है. छिंदवाड़ा की पल्लवी चौकीकर ने MBA की डिग्री पूरी की. लेकिन उन्हें अपने स्तर की नौकरी नहीं मिल पाई. इंडिया टुडे से पल्लवी बताती हैं,

“इतनी अच्छी डिग्री होने के बावजूद नौकरी नहीं मिली. जो नौकरियां मिलीं, वो मध्य प्रदेश से बाहर थीं, और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण बाहर जाना संभव नहीं था. इसलिए मजबूरी में कांस्टेबल भर्ती का फॉर्म भरा.”

पल्लवी की कहानी उन हजारों युवाओं की है, जो अपनी शिक्षा से कहीं नीचे के पदों के लिए आवेदन करने को मजबूर हैं. इसी तरह, बैतूल की निधी धोटे हैं. जिन्होंने मैथ्स में MSc की डिग्री हासिल की. वो कहती हैं,

“मेरी डिग्री भले ही बड़ी हो, लेकिन नौकरी नहीं मिली तो क्या फायदा? वैकेंसी भी तो बहुत देर में आती है. इसलिए मजबूरी में कांस्टेबल की नौकरी के लिए फॉर्म भरा.”

निधी की बात बेरोजगारी की उस सच्चाई को सामने लाती है, जहां उच्च शिक्षा भी नौकरी की गारंटी नहीं दे पा रही. साथ ही ये सरकारों के लचर सिस्टम की भी पोल खोलती है. जहां समय से एग्जाम तक नहीं हो पाते. या एग्जाम पेपर लीक की भेंट चढ़ जाते हैं.

सीहोर के एक गांव से आने वाले विजय वर्मा के पास B.Sc और MA की डिग्री है. विजय बताते हैं,

“हमारे यहां सरकारी नौकरी मिलना बहुत बड़ी बात है. दोस्तों ने कहा कि MA होकर कांस्टेबल की परीक्षा क्यों दे रहा हूं, लेकिन इतने सालों में वैकेंसी आएगी तो घर पर तो नहीं बैठ सकते.”

ये भर्ती प्रक्रिया न केवल बेरोजगारी की गंभीर स्थिति को उजागर करती है, बल्कि ये भी दिखाती है कि सरकारी नौकरी का आकर्षण कितना ज्यादा है. उच्च शिक्षित युवा, जिन्होंने सालों तक पढ़ाई में मेहनत की, अब स्थिरता और सामाजिक सम्मान के लिए कांस्टेबल जैसे पदों की ओर रुख कर रहे हैं. 

वीडियो: UKSSSC पेपर लीक पर प्रोटेस्ट, 3 दिन से धरने पर बैठे छात्र, सीएम धामी ने क्या कहा?

Advertisement

Advertisement

()