"मैं अब ईसाई हूं, जय श्रीराम नहीं बोलूंगा..." और इसके बाद गांववालों ने शख्स को पीट दिया, वीडियो वायरल
MP Jhabua News: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग रावजी डामर नाम के शख्स को जय श्री राम बोलने के लिए दबाव डालते हैं. जब रावजी मना करते हैं, तो उन्हें पीटा जाता है. वहीं, दूसरी तरफ चैन सिंह मैडा का आरोप है कि रावजी गांव में धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को उकसाते हैं. पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है.

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले की गलियों में ऐसा नजारा देखने को मिला कि सोशल मीडिया पर लोग हैरान रह गए. मामला कुछ ऐसा है कि एक शख्स ने अपने धर्म का चुनाव किया और उसके बाद शुरू हुआ गांव में ड्रामा, जिसका वीडियो अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. रावजी डामर नाम के शख्स ने ईसाई धर्म अपना लिया है और साफ कहा - “जय श्री राम नहीं बोलूंगा.” बस, यही कहते ही कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और कहने लगे कि “जय श्री राम बोलो.”
धर्म परिवर्तन का मामला?वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि रावजी अपनी बात पर अडिग हैं. जब वह मना करता है, तो कुछ लोग हाथ-पैर उठाकर उसे पीटने लगते हैं और साथ में गालियां भी देते हैं. जैसे ही मामला भड़कता है, लोग अपने-अपने बहाने ढूंढने लगते हैं. रावजी बताते हैं कि उन्हें बीच रास्ते में रोककर दबाव डाला गया कि वह जय श्री राम बोले, नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे.
आजतक से जुड़े चंद्रभान भदौरिया की रिपोर्ट के मुताबिक कहानी यहीं खत्म नहीं होती. पीटने वाले पक्ष ने भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है. चैन सिंह मैडा नाम के शख्स ने पुलिस में कहा कि रावजी गांव का माहौल बिगाड़ रहा है और अन्य आदिवासियों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहा है. यानी दो पक्षों की आपस में जंग अब एफआईआर तक पहुंच गई. पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों पर FIR दर्ज कर ली है और वीडियो का भी संज्ञान लिया है.
झाबुआ के थांदला थाना क्षेत्र के SDOP नीरज नामदेव ने आजतक को बताया कि मामला ग्राम पाटडी का है और पुलिस दोनों पक्षों की बातें गंभीरता से सुन रही है. फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस कह रही है कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.
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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरलइस पूरे मामले ने सिर्फ गांव में ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि किसी को अपने धर्म के नाम पर दबाव क्यों डाला जाए और कौन तय करता है कि कौन क्या बोले. वीडियो में जो दृश्य नजर आ रहे हैं, वो दिखाते हैं कि छोटा सा विवाद भी किस तरह तेजी से बड़ा हो सकता है जब लोग अपने-अपने बहाने लेकर सामने आ जाते हैं.
झाबुआ का यह मामला अभी जांच के दौर में है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. कोई रावजी का समर्थन कर रहा है, कोई पीटने वालों के बहाने समझने की कोशिश कर रहा है. एक बात तय है – जय श्री राम या नहीं, इस बार मामला सिर्फ शब्दों का नहीं बल्कि अधिकार और धर्म के चुनाव का बन गया है.
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