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पुरुषों के सामने टॉयलेट करने को मजबूर महिलाएं, अमेरिकी जेलों में प्रवासी कैदियों का हाल रुला देगा

मियामी की जेल में एक कैदी को खून की उल्टी होने पर उसके साथियों ने मेडिकल सहायता की मांग की. जिसके बाद वहां मौजूद स्टाफ ने सर्विलांस कैमरा बंद कर दिया और "डिस्टर्बेंस कंट्रोल टीम" ने उन कैदियों की पिटाई की. इस हमले में एक कैदी की उंगली भी टूट गई.

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Inside Miami Immigration Jails
72 प्रतिशत का कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था. (सांकेतिक तस्वीर- Unsplash)
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सौरभ शर्मा
22 जुलाई 2025 (Updated: 22 जुलाई 2025, 09:35 PM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका के फ्लोरिडा में बनी इमिग्रेशन जेलों में प्रवासियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार और अत्याचारों से जुड़े कई मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इन जेलों में महिला कैदियों को पुरुषों के सामने ही वॉशरूम का इस्तेमाल करने और हाथ बांधकर जानवरों की तरह खाना खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

जनवरी 2025 से ही इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा चलाई जा रही इन जेलों में कथित दुर्व्यवहार की शिकायतें सामने आ रही थीं. अब ह्यूमन राइट्स वॉच, अमेरिकन्स फॉर इमिग्रेंट जस्टिस और सैंक्चुअरी ऑफ द साउथ जैसी मानवाधिकार संस्थाओं ने सोमवार 21 जुलाई को जारी अपनी एक रिपोर्ट में इन यातनाओं के बारे में बताया है. पड़ताल के तहत फ्लोरिडा की तीन सबसे भीड़-भाड़ वाली जेलों में मौजूद कैदियों के इंटरव्यू लिए गए हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, मियामी के डाउनटाउन, फेडरल डिटेंशन सेंटर में दर्जनभर पुरुषों को एक कोठरी में ठूंस-ठूंस कर रखा जाता है. इसके बाद दोपहर का खाना उन्हें शाम सात बजे तक नहीं दिया जाता. खाना दिए जाने के समय कैदियों के हाथ पीछे बांध दिए जाते हैं और खाने को उनके सामने कुर्सियों पर रख दिया जाता है.

रिपोर्ट की मानें तो वेस्ट मियामी के क्रोम नॉर्थ सर्विस प्रोसेसिंग सेंटर में महिला कैदियों को पुरुषों के सामने खुले में ही वॉशरूम का इस्तेमाल करना पड़ा. इसके अलावा उन्हें पर्याप्त भोजन और देखभाल भी नहीं दी जाती.

जेल में जगह की कमी होने पर कई कैदियों को ट्रांसफर किया गया. इस दौरान उनको पार्किंग में खड़ी बस में 24 घंटे से ज्यादा समय तक रखा गया. पुरुष और महिलाएं दोनों को एक साथ बंद किया गया था. केवल वॉशरूम के इस्तेमाल के लिए उनकी हथकड़ियां खोली जाती थीं. एक कैदी ने बताया, “बस में केवल पेशाब के लिए वॉशरूम था, इसलिए कई लोगों ने वहीं मल भी त्याग दिया. इससे पूरी बस में गंदी बदबू फैल गई.”

आखिर में जब कैदियों को जेल में ले जाया गया, तो उनमें से कई कैदियों को 12 दिनों तक एक ठंडे कमरे में रखा गया. इस दौरान उन्हें न तो बिस्तर दिया गया और न ही ही गर्म कपड़े. उन्हें ठंडे कंक्रीट के फर्श पर सोना पड़ा. एक महिला कैदी एंड्रिया ने बताया कि क्रोम जेल में जगह की इतनी कमी थी कि कई पुरुष बैठ भी नहीं पा रहे थे, सभी को खड़ा रहना पड़ रहा था.

इन अमानवीय हालात के चलते अप्रैल महीने में 44 साल की हैती महिला मैरी एंज ब्लेज की जेल में ही मौत हो गई थी. कैदियों ने बताया कि उन्हें नियमित चिकित्सा और मानसिक देखभाल नहीं दी गई थी. इसके अलावी कई अन्य कैदियों को चोट या पुरानी बीमारियों के इलाज में देरी और स्टाफ के खराब व्यवहार का सामना करना पड़ा.

रिपोर्ट में मियामी जेल की अप्रैल महीने की एक घटना का जिक्र है. एक कैदी को खून की उल्टी होने पर उसके साथियों ने मेडिकल सहायता की मांग की. इसके बाद वहां मौजूद स्टाफ ने सर्विलांस कैमरा बंद कर दिया और ‘डिस्टर्बेंस कंट्रोल टीम’ ने उन कैदियों की पिटाई की. इस हमले में एक कैदी की उंगली भी टूट गई.

जेल के एक पूर्व कैदी ने बताया कि तीनों जेलों में भीड़ को देखते हुए फ्लोरिडा की सरकार ने एक नई जेल बनाने का फैसला किया है. इसका नाम 'एलिगेटर अल्काट्राज' है जहां पांच हजार लोगों को रखने की क्षमता होगी.

इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून महीने तक अमेरिका में हर दिन करीब 56 हजार प्रवासी लोगों को जेल में रखा गया. इनमें से करीब 72 प्रतिशत का कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था. ह्यूमन राइट्स वॉच ने बताया कि पिछले साल ये संख्या 37 हजार के करीब थी.

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