बेटे को UPSC क्रैक कराने के लिए पिता ने 'कमिश्नर' को 60 लाख रुपये दिए, रिजल्ट आया तो...
इरशाद खान का बेटा सद्दाम खान कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद से UPSC सिविल सर्विस एग्जाम दे रहा था. चार बार वो एग्जाम में असफल रहा. और पांचवें अटेम्प्ट की तैयारी कर रहा था.

मुंबई में UPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम पास कराने का लालच देकर एक शख्स के साथ 60 लाख रुपये की ठगी हो गई. आरोपी ने शख्स के बेटे को सिविल सर्विसेज एग्जाम में पास कराने की बात कही थी. यही नहीं, शख्स को झांसे में लाने के लिए आरोपी ने कथित तौर पर खुद को दिल्ली कमिश्नर और UPSC का मुख्य अधिकारी भी बताया.
5वें अटेम्प्ट की तैयारी कर रहा थाएनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित इरशाद खान मालवणी में एक होटल के मालिक हैं. उनका बेटा सद्दाम खान कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद से UPSC सिविल सर्विस एग्जाम दे रहा था. चार बार वो एग्जाम में असफल रहा. और पांचवें अटेम्प्ट की तैयारी कर रहा था. तभी इरशाद खान की मुलाकात याकूब शेख से हुई. याकूब अक्सर उनके होटल में आता-जाता था और खुद को CID अधिकारी बताकर अपने प्रभाव का दिखावा करता था. उसने इरशाद खान से कहा कि उसके ‘कॉन्टैक्ट’ उसके बेटे को एग्जाम पास करने में मदद कर सकते हैं.
इसके कुछ दिन बाद याकूब शेख ने इरशाद खान का परिचय विजय चौधरी नाम के शख्स से कराया. जिसने दावा किया कि वो कुछ पैसे लेकर UPSC के रिजल्ट में हेरफेर कर सकता है. शख्स को झांसे में लाने के लिए विजय चौधरी ने कथित तौर पर फोन पर खुद को दिल्ली कमिश्नर और UPSC का मुख्य अधिकारी बताया. उसके दावों से प्रभावित होकर, इरशाद ने नकद और ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए कई किश्तों में लगभग 60 लाख रुपये की पेमेंट कर दी.
रिजल्ट आया, सच्चाई पता चलीसद्दाम खान ने UPSC एग्जाम दिया. जब रिजल्ट की बारी आई तो उसका रिजल्ट वही रहा. जिसके बाद इरशाद ने दोनों आरोपियों से बात की. लेकिन वे बहाने बनाने लगे. उन्होंने इरशाद के बेटे के धर्म का हवाला दिया, और उसे असफलता का एक संभावित कारण बताने लगे.
ये सब सुनने के बाद इरशाद खान को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है. जिसके बाद वो मालवणी पुलिस स्टेशन पहुंचे. पुलिस को पूरे मामले के बारे में बताया और शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए याकूब शेख को गिरफ्तार कर लिया है. उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उधर, मामले में दूसरा आरोपी विजय चौधरी अभी भी फरार है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.
ये मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं. बता दें कि UPSC ने भी पहले कई बार स्पष्ट किया है कि उनका सिलेक्शन प्रोसेस पूरी तरह पारदर्शी होता है, और इसमें किसी भी तरह की सिफारिश या रिश्वत का कोई स्थान नहीं है.
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