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'बीजेपी और अमित शाह की दलाली कर रहा', ममता बनर्जी चुनाव आयोग पर बुरी तरह बिगड़ीं

बारुईपुर पूर्व और मॉयना विधानसभा क्षेत्रों में कथित तौर पर मतदाताओं के फर्जी दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन होने का मामला सामने आया था. ECI ने इस आरोप के चलते पश्चिम बंगाल सिविल सेवा के दो अधिकारियों, दो असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अधिकारियों और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ निलंबन और FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था.

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Mamata says she won’t suspend officials calls EC bonded labourer of BJP
ममता ने सवाल उठाया कि चुनाव की घोषणा से पहले अधिकारियों को निलंबित करने का क्या आधार है. (फोटो- PTI)
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प्रशांत सिंह
6 अगस्त 2025 (Published: 09:50 PM IST)
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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इलेक्शन कमीशन (ECI) द्वारा पांच सरकारी अधिकारियों के निलंबन के आदेश के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है (Mamata Banerjee slams ECI and BJP). आयोग ने ये कार्रवाई मतदाता सूची में कथित फर्जीवाड़े के आरोपों के बाद की थी. ममता ने ECI पर 'भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे' पर काम करने का आरोप लगाया और कहा कि वो अपने अधिकारियों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगी.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने सवाल उठाया कि चुनाव की घोषणा से पहले अधिकारियों को निलंबित करने का क्या आधार है. उन्होंने कहा,

“अधिकारियों को कल निलंबन नोटिस दिया गया. क्या अभी तक चुनावों की घोषणा भी हुई है? कौन सा कानून उन्हें इस समय निलंबित करने की अनुमति देता है? आप सभी की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. हम ऐसा करेंगे. हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे."

ममता ने चुनाव आयोग को भाजपा का ‘बंधुआ मजदूर’ बता दिया. आरोप लगाते हुए TMC सुप्रीमो ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर राज्य सरकार के कर्मचारियों की रक्षा करेंगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ममता ने कहा,

“चुनावों में अभी काफी समय बाकी है, फिर भी उन्होंने (चुनाव आयोग) लोगों को निलंबित करना शुरू कर दिया है. चुनाव आयोग भाजपा का बंधुआ मजदूर है. वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा की दलाली कर रहा है. गृह मंत्री को लगता है कि वो जो कहेंगे, वही होगा.”

दरअसल बारुईपुर पूर्व और मॉयना विधानसभा क्षेत्रों में कथित तौर पर मतदाताओं के फर्जी दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन होने का मामला सामने आया था. ECI ने इस आरोप के चलते पश्चिम बंगाल सिविल सेवा के दो अधिकारियों, दो असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अधिकारियों और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ निलंबन और FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था. ये कार्रवाई पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर की गई.

आयोग के इसी कदम से ममता बनर्जी बुरी तरह खफा हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी नेताओं ने बंगाल में दखल देने की कोशिश की, तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी. उन्होंने NRC के कथित नोटिसों का भी जिक्र किया, जो तापसिली और राजबंशी समुदायों को भेजे गए. ममता ने इसे असंवैधानिक और अवैध बताया. कहा, “NRC लागू करने की कोशिश हो रही है, जो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.”

उन्होंने राज्य के लोगों से NRC की नोटिस पर जवाब ना देने की अपील की है. और कहा है कि सभी लोग बंगाल में शांति से रहें.

वीडियो: 'ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या' जमकर भड़के अमित शाह

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