पालघर में साधुओं की हत्या के आरोपी को BJP की सदस्यता दिलाई, हंगामा हुआ तो पार्टी ने क्या कहा?
अप्रैल 2020 में पालघर में बच्चा चोरी की अफवाह फैलने के बाद भीड़ ने पीट-पीटकर तीन साधुओं की हत्या कर दी थी.

महाराष्ट्र में 2020 के पालघर मॉब लिंचिंग कांड में आरोपी नेता काशीनाथ चौधरी के बीजेपी जॉइन करने को लेकर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. पार्टी नेताओं के साथ स्टेज शेयर करते हुए चौधरी का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो आया तो विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया पर बीजेपी को घेर लिया. विरोध के बाद सोमवार, 17 नवंबर को भाजपा ने काशीनाथ चौधरी को पार्टी में शामिल करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पालघर जिले में रविवार, 16 नवंबर को हुए एक कार्यक्रम में काशीनाथ चौधरी को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई थी. तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भारी बवाल मचा. विपक्षी दलों के साथ-साथ कई हिंदुत्व संगठनों ने भी इस पर सवाल उठाए. कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज सुप्रिया श्रीनेत ने X पोस्ट में वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
“जब 2020 में पालघर में साधुओं की हत्या हुई थी तब BJP ने काशीनाथ चौधरी को मुख्य आरोपी बताया था. BJP नेता, काशीनाथ चौधरी पर खूब हमलावर थे. आज काशीनाथ चौधरी ने BJP जॉइन कर ली है.”

मामले ने जब तूल पकड़ा तो महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने तुरंत हस्तक्षेप किया. उन्होंने चौधरी की सदस्यता को राज्य स्तर पर अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्देश जारी किया. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया,
“आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार काशीनाथ चौधरी का नाम न तो FIR में है और न ही चार्जशीट में. फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी सदस्यता पर अंतिम फैसला लेने से पहले पूरी समीक्षा की जाएगी.”
घाटकोपर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक और भाजपा के प्रवक्ता राम कदम ने इंडिया टुडे को बताया,
काशीनाथ अविभाजित NCP में थे“पालघर हत्याकांड का आरोपी काशीनाथ चौधरी MVA का कार्यकर्ता है. उसने जानबूझकर हमें बदनाम करने के लिए, षड़यंत्र के तहत हमारे दल में शामिल होने का प्रयास किया. वहां के स्थानीय लोगों को भ्रमित कर पार्टी में शामिल होने का उसका प्रयास था. पर जैसी ही हमारे वरिष्ठ नेताओं को इस बात की खबर लगी, तुरंत उसे निष्कासित किया गया. ऐसे आरोपियों का भाजपा में कभी प्रवेश नहीं हो सकता है. इनकी जगह केवल जेल के सलाखों के पीछे है.”
16 अप्रैल 2020 को पालघर के गढ़चिंचले गांव में कोरोना लॉकडाउन के दौरान बच्चा चोरी की अफवाह फैली थी. जिसके बाद भीड़ ने तीन लोगों को पीट-पीटकर मार डाला. मारे गए लोगों में चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी, सुशील गिरी महाराज और उनका ड्राइवर निलेश तेलगड़े शामिल थे. ये तीनों कांदिवली से सूरत जा रहे थे. उस वक्त महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार थी और काशीनाथ चौधरी अविभाजित NCP के सदस्य थे.
घटना के बाद भाजपा ने उद्धव ठाकरे सरकार पर जमकर हमला बोला था. अमित शाह, योगी आदित्यनाथ से लेकर कई बड़े नेता मैदान में उतरे थे. उस दौरान भाजपा ने बार-बार काशीनाथ चौधरी को मुख्य साजिशकर्ता बताया था.
वीडियो: पालघर मॉब लिंचिंग: CID की चार्जशीट से कई बड़ी बातें सामने आई हैं


