The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Madhya Pradesh man tattoos his pledge to donate body to medical college

बुजुर्ग ने सालों पहले पूरी बॉडी डोनेट की, पीठ पर गुदवाया- 'ये शरीर मेडिकल कॉलेज की प्रॉपर्टी है'

84 साल के ये बुजुर्ग हाल ही में एक ऑपरेशन के लिए गए आरोग्य अस्पताल गए थे. ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों ने पूरी तैयारी कर ली थी. तभी उन्होंने अशोक के शरीर पर कुछ नोटिस किया. डॉक्टरों ने देखा कि अशोक की पीठ पर एक टैटू बना था. जिस पर लिखा है, ‘मेडिकल कॉलेज की प्रॉपर्टी.’ डेट भी लिखी है- ‘16 अक्टूबर, 2007’.

Advertisement
Madhya Pradesh man tattoos his pledge to donate body to medical college
अशोक की बॉडी पर एक टैटू बना था. जिसमें लिखा है, ‘मेडिकल कॉलेज की प्रॉपर्टी’. (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
प्रशांत सिंह
25 सितंबर 2025 (Updated: 25 सितंबर 2025, 08:42 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मौत के बाद भी जिंदगियां बचाने का जज्बा किसी-किसी शख्स में ही देखा जाता है. ग्वालियर के रहने वाले अशोक मजूमदार ऐसे ही शख्स हैं. अपने अंगदान करके दूसरों की जिंदगी बचाने का उनका जज्बा अलग ही लेवल का है. 84 साल के अशोक मजूमदार ने 18 साल पहले ही अपनी बॉडी मेडिकल साइंस को दान करने का संकल्प ले लिया था (Man tattoos his pledge to donate body). पर ये कहानी अब क्यों खुल रही है, आइए ये जानते हैं.

ऑपरेशन में डॉक्टरों को टैटू दिखा

ग्वालियर के रहने वाले वाले अशोक मजूमदार ने साल 2007 में अपनी बॉडी मेडिकल साइंस को दान करने का संकल्प लिया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वो हाल ही में एक ऑपरेशन के लिए गए आरोग्य अस्पताल गए थे. ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों ने पूरी तैयारी कर ली थी. तभी उन्होंने अशोक के शरीर पर कुछ नोटिस किया. डॉक्टरों ने देखा कि अशोक की पीठ पर एक टैटू बना था. जिस पर लिखा है, ‘मेडिकल कॉलेज की प्रॉपर्टी.’ डेट भी लिखी है- ‘16 अक्टूबर, 2007’.

अशोक की बॉडी पर जब डॉक्टरों ने ये टैटू देखा तो उन्होंने तुरंत गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद कॉलेज के डीन डॉक्टर आरकेएस धाकड़ ने मजूमदार से संपर्क किया, और उनके इस संकल्प के बारे में बातचीत की. इसके बाद उनकी प्रतिज्ञा को आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया और कॉलेज में एक समारोह आयोजित किया गया.

कॉलेज में सम्मान किया गया

23 सितंबर को GRMC में अशोक का सम्मान किया गया. डीन धाकड़ ने उन्हें शॉल पहनाई. इस दौरान कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर सुधीर सक्सेना, एनाटॉमी हेड डॉक्टर अखिलेश त्रिवेदी, बॉडी डोनेशन नोडल ऑफिसर डॉक्टर मनीष चतुर्वेदी और डॉक्टर अनिल भी मौजूद थे. मजूमदार ने इस दौरान कहा,

"मैं चाहता था कि मेरी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई दे, ताकि इसका सम्मान किया जाए और इसका पालन किया जाए."

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ये टैटू उनके परिवार के लिए एक रिमाइंडर के तौर पर काम करता है. डॉक्टर धाकड़ ने मजूमदार की इस प्रतिज्ञा को बॉडी डोनेशन के प्रति एक प्रैक्टिकल अप्रोच बताया. उन्होंने कहा, "हमने ये सुनिश्चित करने के लिए ये समारोह आयोजित किया कि उनकी प्रतिबद्धता को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया जाए."

भारत में लोग ऑर्गन डोनेशन पर बहस करते हैं, लेकिन डोनेट कोई-कोई ही करता हैं. वहीं बॉडी डोनेशन अभी भी टैबू है. लेकिन अशोक जैसे लोग बदलाव ला रहे हैं. अगर आप भी ऐसा करने का सोच रहे हैं, तो याद रखिए, ‘एक संकल्प, कई जिंदगियां’!

वीडियो: सोशल लिस्ट: Gemini Nano Banana Saree Trend पर ‘जो AI साड़ी पहना सकता है’ लिख कैसे बेतुके तर्क वायरल?

Advertisement

Advertisement

()